रईस,काबिल एवं जॉली गठजोड़ चल रहा है मन्दसौर में

Publsihed: 18.Feb.2017, 14:45

राघवेन्द्रसिंह तोमर

मन्दसौर - अक्षय कुमार,ऋतिक रोशन एवं शाहरुख़ खान द्वारा अभिनय की गई फ़िल्में रईस, काबिल एवं जॉली एलएलबी 2 देखी तब मन ने महसूस किया कि इन तीनों फिल्मों जैसा माफिया, प्रसाशन एवं जनप्रतिनिधियों का गठजोड़ चल रहा है मन्दसौर संसदीय क्षेत्र में । यह सिर्फ मेरे विचार नहीं बल्कि इस क्षेत्र में रहने वाले एक एक आम आदमी और मतदाता के अंतर्मन में यह बात उठ रही है पर डर,ख़ौफ़ एवं हिचक के चलते मन की बात कोई जुबान तक नहीं ला पा रहा । 

हाँ राजनीति से जुड़े तीन राज नेताओं ने इस बात को समय समय पर जनता के बीच समाचार पत्रों के माध्यम से रखा जरूर पर खुल कर मैदान में आने की हिम्मत नहीं जुटा पाना उनकी कोई न कोई राजनैतिक या अन्य कोई मजबूरी हो सकती है जैसे इस क्षेत्र के नागरिकों की होगी । 

कुछ दिनों पूर्व मन्दसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री सुधीर गुप्ता जी ने एक बयान दिया कि " सावधान रहो शहर में एलियन घूम रहे है " इस बयान पर मेरे द्वारा सवाल किया गया कि अगर एलियन घूम रहे है तो आपकी सरकार कोई कार्यवाही क्यों नहीं करती ? पर सांसद जी अपना बयान देकर भूल गए । फिर एक बयान आया शासन के पूर्व काबीना मंत्री श्री नरेन्द्र नाहटा जी का उन्होंने भी इस मसले पर कई सवाल खड़े किये तब लगा शायद नाहटा जी और कांग्रेस इस मुद्दे पर बड़ी लड़ाई की तैयारी कर मैदान में उतरेगी किन्तु यहाँ पर भी सब मौन हो गए । 

इसके बाद शहर में सरेआम एक व्यापारी की ह्त्या कर दी गई कई लोंगों ने और संगठनों ने ज्ञापन दिए पर कुछ दिन बाद सब भूल गये । इन घटनाओं की तह तक जाना किसी ने भी उचित नहीं समझा आखिर समझते भी क्यों क्योंकि सब कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा हम सब रईस,काबिल एवं जॉली एलएलबी 2 फिल्मों में देख रहे है । 

इसी बीच प्रदेश के मुख्यमन्त्री का मन्दसौर आगमन हुआ और जब यहाँ के जागरूक एवं निर्भीक कलमकारों ने क्षेत्र की दुर्दशा से उन्हें रूबरू कराया तो उनके द्वारा भी कलमकारों के बीच यह कहा गया कि इस दिशा में कठोर कार्यवाही की जायेगी ,किसी को बख्सा नहीं जाएगा । 

इसके मन्दसौर एवं नीमच में जो घटनाएं हुई उन पर पुलिस ने कार्यवाही करने का प्रयास किया लेकिन माफिया,प्रसाशन एवं जनप्रतिनिधियों के एक संयुक्त गठजोड़ ने इन सब कार्यवाहियों को गलत दिशा में डायवर्ट करने का कार्य एक योजना के साथ शुरू कर दिया जिस कारण पूरे क्षेत्र में भय और आतंक का वातावरण निर्मित हो गया । 

इसी बीच मन्दसौर विधायक श्री यशपालसिंह सिसोदिया का बयान सामने आया जो हमेशा जैसा ही है क्योंकि वह हमेशा कई बार सार्वजनिक रूप से यह बोलते दिखे है कि मन्दसौर बारूद के ढेर पर है और माफिया अपना राज चलाना चाहता है । तो अब यह बताओ सांसद जी और विधायक जी यह माफिया किस पार्टी या किस जनप्रतिनिधि की आड़ में यह सब कर रहा है आपकी सरकार में इनपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो पा रही है ? यह सवाल सिर्फ मेरे नहीं बल्कि यहां के हजारों हजार नागरिकों के जेहन में है जो पिछले कई वर्षों से जवाव की प्रतीक्षा में है । 

यहाँ में एक निष्पक्ष टिपण्णी कर रहा हूँ इसलिए यह भी लिख रहा हूँ कि इन दोनों जिलों में विपक्ष पार्टी के नेताओं और जिम्मेदार पदाधिकारियों का रोल भी फिल्म काबिल के इन्स्पेक्टर चौबे जी जैसा है जो सब जानते हुए भी अंत तक मौन रहे । आखिर क्या हो रहा है यह सब ? जिम्मेदार लोंगों आप अपनी आने वाली पीढ़ियों को कैसे जवाव दोगे की आप सब अपने पदों पर विराजमान होकर माफिया,प्रसाशन एवं जनप्रतिनिधियों के गठजोड़ को रईस,काबिल एवं जॉली एलएलबी 2 की तरह देखते रहे । 

पूरे क्षेत्र में शराब माफिया अपनी मनमानी कर रहा है और करोड़ों का राजस्व चोरी कर सरकार को हानि पहुंच रहा है एवं पुलिस निर्दोषों को अवैध शराब तस्करी में शराब माफिया से मिलकर फसा रही है,खनिज माफिया के विरुद्ध की गई कार्यवाही मात्र कागजी कार्यवाही साबित हुई है इससे माफिया पर कोई असर नहीं हुआ बल्कि कई मजदूर बेरोजगार हो कर दो वक्त की रोटी को मोहताज है । इसी प्रकार भूमाफिया सरकारी जमीनों को दबा कर बैठे है पर इनकी और किसी की नजर नहीं पड़ती । 

अंत में लिखूंगा पहले भी ऐसी कई फ़िल्में आई लगान,रंग दे बसंती,गब्बर आदि पर सिर्फ फ़िल्में देखकर कब तक हम व्यवस्था और जिम्मेदारों को कोसते रहेंगे कोई तो गब्बर बने कोई तो काबिल बने हमारी व्यवस्था के जिम्मेदारों में । अरे कोई तो जनप्रतिनिधि या विपक्ष में बैठे जिम्मेदार
अपने आत्म सम्मान को जगाकर इन सब माफियाओं के खिलाफ मैदान में आये क्षेत्र की जनता उनका पालक पावड़े बिछाकर स्वागत करेगी । 

अब तो यही लिखूंगा कि 
"कैसे कैसे मंजर सामने आने लगे है,
आदमी ही आदमी को भून कर खाने लगे है । 
अब तो इस तालाब का पानी बदल दो,
अब कमल के फूल मुरझाने लगे है ॥ 

लेखक-डॉ राघवेन्द्रसिंह तोमर (मानवाधिकार एवं बालअधिकार कार्यकर्ता )

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