नई दिल्ली: रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद स्टार शटलर पीवी सिंधु ने एक बार फिर कमाल कर दिया है. सिंधु ने चाइना ओपन के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज खिताब अपने नाम किया.
ओलिंपिक के बाद भी यह उनका पहला बड़ा खिताब है. यह खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था. सिंधु से पहले अब तक भारत की साइना नेहवाल और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था.
सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया. किसी बड़े टूर्नामेंट में यह लगातार तीसरे साल हुआ है, जब कोई भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल खेली है, जबकि इनमें आमतौर पर चीनी खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है. साल 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन 2015 में वह रनर अप रहीं थीं. इस प्रकार पीवी सिंधु चाइना ओपन जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं.
चाइना ओपन के फाइनल मुकाबले का पहला गेम जीतने में पीवी सिंधु को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने आठवीं वरीयता प्राप्त चीन की सुन यू को 17 मिनट में ही 21-11 से गेम जीत लिया. दूसरे गेम में सिंधु को मशक्कत करनी पड़ी. यू ने वापसी की सफल कोशिश की और गेम पर 17-21 से कब्जा कर लिया, लेकिन तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधु ने एक बार फिर लय पकड़ ली और सुन यू को एक बार फिर 21-11 से धूल चटा दी. सिंधु और सुन के बीच यह छठा मुकाबला था, जिसमें सिंधु ने जीत-हार का आंकड़ा 3-3 से बराबर कर लिया.
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