पाकिस्तान ने हमेशा की तरह एक बार फिर यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए जनमत संग्रह कराने की मांग की। अपनी 19 मिनट की स्पीच में नवाज़ शरीफ ने उरी में हुए आतकी हमले का जिक्र तक नहीं किया। लेकिन भारतीय सेना के हाथोन कई घंटे की मुठभड में मारे गए हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को युवा नेता बता कर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने सेल्फ गोल जरूर कर लिया. नवाज़ शरीफ ने जन्हा एक तरफ कश्मीर पर यूएन का फैसला लागू करवाने की गुहार लगाई तो दूसरी तरह यह भी कहा कि कश्मीर समेत सभी मसलों पर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। उन के भाषण में साफ दिखा कि वह अलग थलग पडने का दबाव महसूस कर रहे हैं.
अपनी 19 मिनट की स्पीच में 8 मिनट तक नवाज़ सिर्फ कश्मीर और भारत पर बोलते रहे। उन्होंने कहा, कश्मीर इश्यू के समाधान के बिना दोनों देशों के बीच शांति स्थापित नहीं हो सकती है। इस मसले का हल यूएन के प्रस्ताव को लागू किए बिना नहीं हो सकती।पाकिस्तान ही कश्मीर की सच्ची आवाज है और कश्मीरियों की नई पीढी भारत के अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ रही है। उन्होंने कहा, हम भारत के साथ बातचीत चाहते हैं पर भारत बातचीत से पहले शर्त रखता है जो पाकिस्तान को मंज़ूर नहीं है। नवाज ने कहा पाकिस्तान हथियारों की होड़ में नहीं है, लेकिन भारत हथियार इकठ्ठा कर रहा है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने धौंस दी कि वह एक परमाणु संपन्न देश है। शरीफ ने कहा, “हम एक परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं लेकिन सभी संधियों और समझौतों का सम्मान करते हैं। उरी में हुए हमले के बाद पाकिस्तान तो अब बातचीत के लायक भी नहीं रह गया। लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सामने ये शर्त रखी है कि वो अपनी जमीन पर आतंकवादियों को शरण ना दे और आतंकवाद का खात्मा करे। पाकिस्तान इसे मानने को तैयार नहीं है।
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