नवाज शरीफ का तख्ता पलट सकता है

Publsihed: 28.Sep.2016, 11:53

अजय सेतिया / भारत की तरफ से पाकिस्तान के प्रति विदेश नीति में आए बदलाव के बाद पाकिस्तान की फौज और सरकार में कशमकश शुरु होने के आसार पैदा हो गए हैं. इस बात को समझते हुए हालांकि प्रधान मंत्री नावाज शरीफ फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और हर कदम सेना प्रमुख राहिल शरीफ से पूछ कर उठा रहे हैं, लेकिन राहिल शरीफ का कार्यकाल खत्म होने वाला है और इस नजाकत मौके को देख कर पूर्व राष्ट्रपति एंव पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशरर्फ सक्रिय हो गए हैं. मुशरर्फ की सेना में बडी गहरी पकड है.

मुशरफ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान को भूटान या नेपाल न समझे.परवेज़ मुशर्रफ ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बर्थडे पर बधाई देने के लिए पहुंचना हमेशा काम नहीं आता।’ सार्क सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ना जाने पर परवेज मुशर्रफ ने कहा कि ‘अपनी मर्जी से पाकिस्तान आते हैं पीएम मोदी. एक तरफ नवाज शरीफ को बर्थडे पर बधाई देने आए दूसरी तरफ पाकिस्तान को दुनियाभर में बदनाम किया। इतना ही नहीं उन्होंने उरी हमले और पठानकोट हमले का जिम्मेदार कश्मीर मुद्दे को बताया.

इसबीच अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद का निर्यात करना बंद करे और अपनी सीमाओ को सील करे ताकि आतंकवादी सीमा पार न जा सके. पाकिस्तान पर बढते दबाव का असर पाक की सेना पर पड रहा है, जिस की प्रतिक्रिया बगावत के रूप में हो सकती है.पाकिस्तान को अलग-थलग करने में जुटी भारत सरकार ने पाक के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। भारत ने कहा है कि वो 9-10 नवंबर को इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। इतना ही नहीं भारत के इस फैसले का तीन और देशों ने भी साथ दिया है। भारत का समर्थन करते हुए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इस्लामाबाद बैठक के बहिष्कार का फैसला किया है। जिससे पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान होगा।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास सवरूप ने कहा कि क्षेत्रीय सहयोग और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते. दो ही दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु नदी ट्रिटी के संदर्भ में कहा था कि खून और पानी साथ साथ नहीं बह सकते. इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान पर और नकेल कसते हुए उससे सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा छीन लेने का भी संकेत दिया है।

उधर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के भारत के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है। उसने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्वीट से हमें भारत के फैसले की जानकारी मिली। इस संबंध में हमें आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। एमएफएन का दर्जा विश्व व्यापार संगठन के मुताबिक एक देश दूसरे को देते हैं ताकि उनके बीच कारोबारी रिश्ते को आसान किया जा सके। 1996 में भारत ने पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दिया।

भारत में होने वाले सम्मेलन में भी पाकिस्तान नहीं आएगा

भारत ने हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला कर पाकिस्तान को एक बेहद कड़ा संदेश दिया है और इस क्षेत्र में अलग थलग करने की कोशिश की है। हालांकि 15-16 अक्टूबर गोवा में होने वाले बिमस्टेक सम्मेलन में सभी सार्क देश हिस्सा ले रहे हैं, पाकिस्तान को छोड़कर। इसलिए ना सिर्फ कड़ा संदेश बल्कि पाकिस्तान के बिना क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने का भी भारत को जल्द ही मौक़ा मिल रहा है।

 

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