पंजाब पुलिस ने अभिवन वर्मा नाम के इंजीनियर को नकली नोट छापने के जुर्म में गिरफ्तार किया है. इस से पहले अभिनव तब चर्चा में आये थे जब मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत खुद प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी तारीफ की थी.अभिनव ने बनाया था ‘Live Braille’ नाम का एक कमाल का डिवाइस
अभिनव के साथ विशाखा वर्मा और सुमन नागपाल को भी गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 42 लाख की कीमत के 2 हज़ार के नकली नोट बरामद किये गए हैं. अभिनव के अलावा विशाखा एमबीए स्टूडेंट है और सुमन नागपाल एक प्रॉपर्टी डीलर हैं.
पुलिस के मुताबिक़ अभिनव और विशाखा 2000 रुपए के फर्जी नोट प्रिंट करते थे और सुमन नागपाल का काम उन क्लाइंट्स को ढूंढना होता था जो अपनी ब्लैक मनी को नए नोटों से बदलवाना चाहते थे. पुलिस ने इनकी गैंग में 5 लोगों के होने की बात कही है. पुलिस अभी प्रमोद और हर्ष नाम के दो लोगों की तलाश में है. यह दोनों ही अभिनव की कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करते थे.
अभिनव की गैंग 30 फीसदी के कमीशन के साथ पुराने नोट बदलने का काम करती थी. पुलिस का कहना है कि अभी तक 80 लाख रुपए के फर्जी नोट प्रिंट कर लिए थे. बता दें कि इस से पहले अभिनव वर्मा अपने ‘Live Braille’ नाम के एक डिवाइस की वजह से चर्चा में आये थे.
अभिनव का दावा था कि इस डिवाइस की मदद से दृष्टिहीन लोग बिना किसी छड़ी के कहीं भी घूम सकते हैं. इस डिवाइस को मेक इन इंडिया कैम्पेन के तहत लॉन्च किया गया था. इसका जिक्र करते हुए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने अभिनव की तारीफ की थी. अभिनव का कहना था कि वह अपने इस डिवाइस से 5 करोड़ लोगों की ज़िन्दगी बदलना चाहते थे.
पुलिस ने जानकारी दी है कि अभी तक इन्होंने 500 और 1000 के 30 लाख रुपए के नोट फर्जी नोटों के साथ बदले थे. जिसमें से 20 लाख रुपए में एक पुरानी ऑडी कार भी इन्होंने खरीद ली थी. इस कर को भी पुलिस ने जब्त किया है. कोर्ट ने फ़िलहाल सभी को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया है.
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