खुद मोदी ने आग में घी डाल कर विपक्ष को भडकाया

Publsihed: 25.Nov.2016, 17:29

पांच सौ और हज़ार के नोट बंद होने के बाद देश भर में लोगो को हो रही मुश्किल पर विपक्ष पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन की मौजूदगी पर अडा हुआ था और ऊपर से आज नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर काले दन का समर्थन करने का कथित आरोप लगा कर खुद ही विपक्ष के तेवर और तीखे कर दिए.नरेंद्र मोदी ने आज सुबह संसदीय एनेक्सी में आयोजित समारोह में इशारो इशारो में यहाँ तक कह दिया कि वपक्ष के नेता अपना काला धन ठिकाने नहीं लगा सके, इस लिए हंगामा मचाए हुए हैं. मीडिया ने जैसे उन के भाषण को विपक्ष पर हमला बत्रा कर खबर चलाई , विपक्ष बिफर गया और शुक्रवार के हंगामे में मोदी से माफी मांगने की मांग का नया मुद्दा जुड गया.

पीएम मोदी ने कहा कहा था कि इस वक्त देश में करप्शन के खिलाफ बहुत बड़ी लड़ाई चल रही है लेकिन कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं. उनकी आलोचना है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की. मुद्दा यह नहीं है कि सरकार ने पूरी तैयारी नहीं की ऐसे लोगों की पीड़ा इस बात की है कि सरकार ने किसी को तैयारी करने का मौका नहीं दिया. अगर उनको 72 घंटे का भी मौका मिल जाता तो वह खुश हो जाते. हालांकि उन के बयान में विपक्ष का सीधा जिक्र नहीं था, लेकिन मीडिया ने विपक्ष को मसाला दे दिया. आम तौर पर सत्ता पक्ष संसद सत्र के दौरान कोई विवादास्पद टिप्पणी से बचता है, लेकिन प्रधानमंत्री ने पहले से लगी आग में खुद ही घी डाल दिया.

राज्यसभा की कार्यवाही शुरु होते ही नोटबंदी से सर्वाधिक चिढी बैठी मायावती ने यह कहते हुए सदन में हंगामा खडा कर दिया कि मोदी ने विपक्ष को भ्रष्ट काले धन का समर्थक कहा है. उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज सुबह पूरे विपक्ष पर आरोप लगाया है कि उसे अपना काला धन सफेद करने का समय नहीं मिला. इस लिए वह हंगामा कर रहा है. यह अत्यंत निंदनीय टिप्पणी है और प्रधानमंत्री ने ऐसा कहकर पूरे विपक्ष का अपमान किया है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी उन का साथ दिया और हंगामा खडा हो गया. इसी मुद्दे पर लोकसभा में भी हंगामा हो गया लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों का हंगामा जारी रहने के चलते लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई..

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कल नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य सदस्यों ने साफ शब्दों में कहा था कि विपक्ष काले धन के खिलाफ है तो फिर प्रधानमंत्री यह आरोप कैसे लगा सकते हैं कि विपक्ष काले धन का पक्षधर है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री यह आरोप कैसे लगा सकते हैं. हम कालेधन के खिलाफ हैं और प्रधानमंत्री को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए. जदयू के शरद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर अत्यंत गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पूरे विपक्ष को काले धन का समर्थक बताने से अधिक शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि कल सदन में बहुत ही अच्छी चर्चा हुई जिसमें सदस्यों ने कालेधन का खुल कर विरोध किया. अब प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह साधु हैं और हम सब शैतान हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष पर काले धन का समर्थक होने का आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी यह कहते हुए सुने गए कि प्रधानमंत्री के माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता बल्कि माफी तो विपक्षी सदस्यों को मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई तर्क, कोई तथ्य, कोई मुद्दा नहीं है और वह बेवजह हंगामा कर कार्यवाही को बाधित करता है. 

इसी बीच कांग्रेस, बसपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री से माफी की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारे लगाने लगे. सत्ता पक्ष के सदस्य अपने स्थान से आगे आ कर प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए नारे लगाने लगे.सभापति अंसारी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने करीब 12 बजकर पांच मिनट पर ही बैठक को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.बाद में दिन भर के लिए सदन स्थगित कर दिया गया.

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