ट्र्म्प के मुकाबले मोदी हो गए रंग भेद का शिकार

Publsihed: 07.Dec.2016, 21:12

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अमेरिका में रंगभेद का शिकार हो गए.ऑनलाइन सर्वे में नंबर वन रहने के बाद भी गोरी चमडी वाले अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2016 का टाईम पर्सन ऑफ द इयर चुुना गया है. अंतिम फैसला टाइम मैगजीन के 11 संपादकों को ही करना था.

इससे पहले पूरी दुनिया में कराए गए सर्वे में भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी सबसे आगे थे और माना जा रहा था कि मैगजीन उन्हीं को इस बार पर्सन ऑफ द इयर चुनेगी.दुनिया भर के बड़े नेताओं को पछाड़ कर पीएम मोदी जनता की पसंद बने थे. यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दौरान खुद डोनाल्ड ट्रंप ने उनकी तारीफ की थी. 

इतना ही नहीं ट्रंप ने भारत के लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए गढ़े गए नारे 'अबकी बार मोदी सरकार' की तर्ज पर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा दिया था.पीएम मोदी जनता के सर्वे में डोनाल्ड ट्रंप रूस के राष्‍ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, हिलेरी क्लिंटन, मार्क जुकेरबर्ग, बियांसे नोल्स और टर्की के राष्ट्रपति तायप एरडोगेन सहित 11 लोगों को पिछाड़ कर  नंबर वन बने थे.

इसके बाद भी मैगजीन के संपादकों  की ज्यूरी की ओर से  डोनाल्ड ट्रंप को चुना जाना भारत और दुनिया भर में फैले उनके प्रशंसकों को निराश करने वाला है. हालांकि इस चुनाव के लिए  मैगजीन के संपादकों को ज्यूरी जनता यानी रीडर्स के सर्वे को पैमाना नहीं मानती है. ज्यूरी में शामिल संपादकों की राय के हिसाब से ही पर्सन ऑफ द इयर चुना जाता है. 2015 में भी बर्नी सैंडर्स को पाठकों की ओर से पसंद किया था लेकिन संपादकों की ज्यूरी ने जर्मनी की चांसलर एंजिला मार्केल को पर्सन ऑफ द इयर चुना था.

टाइम अमेरिका की प्रतिष्ठित मैगजीन है. यह मैगजीन हर साल पर्सन ऑफ द इयर का चुनाव करती है और जिसे चुना जाता है उसको कवर पेज पर जगह दी जाती है. इस मैगजीन के कवर पर पेज पर आना बड़ी बात मानी जाती है.

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