आईबी से मिली सूचना के बाद दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी मोहम्मद अख्तर और उस के दो भारतीय साथियो को आज सुबह जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया था. दोनो भारतीय राजस्थान के नौगोर इलाके के हैं. मोहम्मद अख्तर को क्योंकि कूटनीतिज्ञ के तौर पर विशेषाधिकार प्राप्त था इस लिए उसे रिहा करना पडा. बाद में पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश मंत्रालय में बुला कर बता दिया गया कि मोहम्म्द अख्तर 48 घंटे में भारत छोड दे.
दिल्ली पुलिस जोधपुर के शोहेब की तलाश कर रही है, वह भी इन सभी के साथ मिल कर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. .मोहम्म्द अख्तर के पास से सेना और बी एस एफ से जुडे कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, इन तीनो को आईबी से मिली जानकारी के बाद कल 26 अक्तूबर को सुबह चिड्डिया घर के पास गिरफ्तार किया गया था. 25 अक्तूबर को आई बी ने जानकारी दी थी कि नौगोर में करियाना का दुकानदार और नौगोर के ही मौलाना हज़रत खान कल चिडिया घर के पास किसी को मिलने वाले हैं. दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह खेल डेढ साल से चल रहा थाअ, पिछले छह महीने से पुलिस को इन की जानकारी मिली थी.
मोहम्मद अखतर ने गिरफ्तार किए जाने पर पहले खुद को चांदनी चौक का मह्बूब राजपूत बताया और अपना आधार कार्ड भी दिखाया, लेकिन जब पुलिस ने पाकिस्तान के जासूस से दिल्ली के दूतावास क्षेत्र चाणक्यपुरी क्राईम ब्रांच में पूछताछ शुरु की तो उस ने खुद को कूटनीतिज्ञ बताया, तब पाक उच्चायोग को सूचना दी गई, वहाँ से अधिकारियो ने आ कर इस की मोहम्म्द अख्तर के तौर पर पहचान की. वह पाकिस्तान के वीजा विभाग का अधिकारी था.
पुलिस ने बताया कि मोहम्मद अखतर डःआई साल पहले भारत में तैनात किया गया था. उन्होने बताया कि मोहम्म्द अख्तर पाकिस्तान सेना की ब्लूच रेजिमेंट का सेनिक था, बाद में उसे आईएसआई में तैनात किया गया और ट्रेनिग के बाद भारत के उच्चायोग में वीजा अफसर बना कर भेजा गया. इस का काम उन लोगो की मदद कर के अपने साथ जोडना था, जिन के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं.
पता चला है कि इस पर अब्दुल बासित को जब विदेश मंत्रालय में तलब किया गया तो उस ने कहा कि मोहम्म्द अख्तर से जो दस्तावेज बरमद किए गए हैं, एक कूटनीतिज्ञ के नाते उन्हे ये दस्तावेज रखने का अधिकार है.
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