गंगोत्तरी धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर वैदिक मन्त्रोचारण के बाद शीतकाल के लिए ठीक 12.30 बजे बन्द कर दिये गये , सैकड़ो की संख्या में पहुंचे आम श्रद्वालु कपाट बन्द होने के साक्षी बने . आपको बताते चले की गंगोत्तरी धाम में मां गंगा की पूजा अर्चना सुबह 4 बजे से शुरू हो गयी थी , इसमें गंगोत्तरी पुरोहितों ने गंगा सहस्रनाम पाठ , गंगा लैरी पाठ , गंगा स्त्रोत पाठ , होने के साथ श्रद्वालुओं ने अखण्ड ज्योति के दर्शन , निर्माण दर्शन और भोग मूर्ति के दर्शन किये . और ये दर्शन श्रद्वालु या तो कपाट खुलने के समय या बन्द होते समय ही कर सकते है. मां गंगा की उत्सव डोली के स्वागत के लिए सेना के बैण्ड पहुचे हुए थे जिनकी सुरीली आवाज और शंखनाद के साथ मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्तरी धाम से मुखवा गांव के लिए रवाना हुई ।
(देहरादून से विकास भट्ट और गंगोत्री से बलबीर परमार)
मंगलवार को यमुनोत्तरी के कपाट
उत्तरकाशी जनपद में यमुनोत्तरी धाम के कपाट भी भैया दूज को एक नवंबर को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट बंद होंगे. इसी दिन यमुनोत्तरी से मां यमुना की भोग मूर्ती खरसाली स्थित यमुना मंदिर को रवाना होगी। करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इसे इसी दिन यमुनोत्तरी मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।
16 नवम्बर को बदरीनाथ के कपाट
जनपद चमोली में स्थित भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर बदरीनाथ के कपाट 16 नवंबर दोपहर तीन बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे। इसके लिए 12 नवबंर से बदरीनाथ में पंच पूजाएं शुरू होगी। बता दें कि इस बार काफी भक्त यहां दर्शन के लिए आए।
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