बीएसएफ ने छेडा चरित्र हनन अभियान

Publsihed: 10.Jan.2017, 10:52

नई दिल्ली।  बीएसएफ ने अपने उस जवान तेज बहादुर यादव का चरित्र हनन शुरु कर दिया है, जिस ने फेसबुक पर वीडियो जारी कर के जवानों का दर्द बयां किया था. इस वीडियो में कहा गया था कि अधिकारी सरकार की ओर से भेजे गए राशन तक को बाज़ार में बेच देते हैं और जवानो को भर पेट अच्छा भोजन तक नहीं दिया जाता. इस जवान को उम्मींद थी कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा का नारा देने वाले प्रधानमंत्री इस वीडियो के बाद बरसो से चले आ रहे सेना और अर्ध सेना के भ्रष्टाचार पर भी कमर तोड प्रहार कर देंगे.

सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश भी दिए, लेकिन जैसा कि हमेशा होता, बीएसएफ मुख्यालय ने जांच को किनारे कर मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए तेज बहादुर का इतिहास खंगाल कर उस का चरित्र हनन शुरु कर दिया है. बीएसएफ मुख्यालय ने अपने भ्र्ष्ट अधिकारियो को बचाने के लिए बडी बेशर्मी से इस जवान का चरित्र हनन करने वाला एक बयान जारी किया है.

जवान ने जो वीडियो शेयर किया था उसे अब तक एक करोड लोग देख चुके हैं. करीब 4 लाख लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया है, जो अब वाह्टसएप पर भी शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में जवान से अपने सीनियर अधिकारियों पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. बीएसएफ ने जवान का चरित्र हनन करते हुए कहा कि इस जवान को अब तक चार बाद कड़ी सजा मिल चुकी है.  

अपने कैंप के खाने पीने में हो रहे कथित घोटाले के लिए तेज बहादुर केवल अपने अधिकारियों पर आरोप लगा रहा है, सरकार या सेना प्रशासन पर नहीं. रोटी के एक टुकड़े और दाल के नाम पर हल्दी पानी का ये मसला उस समय और गंभीर हो जाता है जब आपको पता चलेगा कि तेज बहादुर को कहां और किस हालत में अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है.

 

वीडियो में जवान से देशवासियों से किया अनुरोध

वीडियो में तेज बहादूर कहते हैं, “देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं.” सोशल मीडिया पर अपने संदेश को डालते हुए तेज बहादुर ने अपील की है कि उसके दर्द को देश समझे.

 

बीएसएफ ने चरित्र हनन का मसाला लीक करते हुए कहा कि तेज बहादुर का करियर विवादों में रहा है, 20 साल की सेवा में 4 बार कड़ी सजा मिल चुकी है, उस पर अपने कमांडेंट पर बंदूक ताने तक का संगीन आरोप लग चुका है. बीएसएफ की ओर से प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि शुरूआती दिनों में तेज बहादुर को नियमित काउंसलिंग की जरूरत पड़ी थी. वह बिना बताए ड्यूटी पर अनुपस्थित भी रहता था और उसे शराब पीने की भी "बुरी लत" थी. ( जब कि शराब सेना और अर्धसेनिक बलो को सरकार खुद मुफ्त और मुफ्त के भाव उपलब्द्ध करवाती है.)  

हरकत में आई सरकार

तेज बहादुर यादव के वीडियो के बाद सरकार भी हरकत में है और मामले की जांच शुरू हो गई है. गृहमंत्री ने गृह सचिव को बीएसएफ से रिपोर्ट तलब कर जरुरी कार्रवाई का आदेश दिया है वहीं बीएसएफ ने भी जवान की शिकायत पर डीआईजी स्तर के एक अधिकारी को जम्मू-कश्मीर में एलओसी की उस पोस्ट पर भेजा है , जहां जवान तैनात है. आईजी बीएसएफ ने कहा है कि निष्पक्ष जांच के लिए तेज बहादुर यादव को किसी और जगह ट्रांसफर किया जा रहा है. 

बीएसएफ का आया ये बयान

बीएसएफ के बयान में कहा गया है, “बीएसएफ अपने जवानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्पर रहता है. अगर किसी एक शख्स को कोई परेशानी हुई है तो इसकी जांच होगी. इस मामले की जांच के लिए एक उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच चुके है.”

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