नई दिल्ली : बीसीसीआई और उसकी मान्य ईकाइयों में में जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशें के अनुसार सुधार लागू करने को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बोर्ड को तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष कोर्ट ने बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन्स के बीच पैसे के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी है।
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है, कि वह कोर्ट आ आर्ड्र देखने के बाद टिप्पणी करेंगे. उन्होने कहा कि राज्यो की क्रिकेट एसोसिएशन ने कोर्ट के सामने अपनी बात रखी है, उन्हे उम्मींद है कि कोर्ट उन का भी संज्ञान लेगी.
जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आज कमेटी की सिफारिशों पर सुनवाई करते हुए बीसीसीआई को झटका दिया और बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएन्स के बीच पैसे के लेन-देन पर रोक लगा दी है। शीर्ष कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने तक पैसे के लेन-देन पर रोक लगी रहेगी। बीसीसीआई अब मैच कराने के लिए स्टेट एसोसिएन्स को पैसे नहीं दे सकती है। कोर्ट ने बीसीसीआई से यह भी पूछा कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें कब तक लागू करेंगे। इस मामले को लेकर शीर्ष कोर्ट ने बीसीसीआई को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का वक्त दिया है।सुप्रीम कोइससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों बीसीसीआई की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई दो हफ्तों के लिये स्थगित कर दी थी, जिसमें न्यायमूर्ति आरएम लोढा पैनल के क्रिकेट संस्था में बड़े पैमाने पर ढांचागत सुधारों पर सिफारिशें लागू करने के 18 जुलाई के निर्देश की समीक्षा करने की मांग की गयी थी। बीसीसीआई ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में यह आरोप लगाते हुए प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर को मामले की सुनवाई से हटाने की भी मांग की थी कि उनका रवैया उनके प्रति पक्षपातपूर्ण है। बीसीसीआई ने पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में कराने की भी मांग की थी। सुनवाई चैम्बर में मुख्य न्यायधीश और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी लेकिन इसमें मामले की सुनवाई के लिये दो हफ्ते के बाद लिखा गया था। कई अन्यों ने भी 18 जुलाई को दिये गये फैसले की फिर से जांच की मांग की थी, जिसमें अनुभवी क्रिकेट प्रशासक निरंजन शाह और चंदू बोर्डे शामिल थे।र्ट ने यह भी कहा कि बीसीसीआई के खातों पर नजर रखी जाए। निगरानी के लिए लोढ़ा पैनल ऑडिटर नियुक्त करे।
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