मुलायम सिंह के बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग के सामने साईकिल पर पुख्ता दावेदारी पेश करने के लिए समर्थक विधायकों और मंत्रियों हलफनामे इक्कठ्ठे कर लिए.दरअसल चुनाव आयोग ने एसपी के दोनों गुटों से हलफनामा मांगा है. विधायकों से लिए गए हलफनामे को अखिलेश चुनाव आयोग को सौंपेंगे. बैठक में अखिलेश ने मौजूद विधायकों को भरोसा दिलाया कि यहां बैठक में जो भी आया है, उसका टिकट नहीं काटा जाएगा.
हल्फनामे इक्क्ठ्ठे करने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव तक वह खुद पार्टी सम्भालेंगे और चुनाव के बाद उनके पिता मुलायम सिंह जैसे पार्टी चलाना चाहे चलाए. स्पष्ट है कि उन्होने अपने पिता से भी यही कहा होगा कि टिकटो के बंटवारे के मामले में उन्हे शिवपाल यादव और अमर सिंह का दख्ल किसी भी हालत में कबूल नहीं. सम्भवत: बात यहीन पर आ कर खडी हो गई है, अब गैंद मुलायम सिंह के पाले में है. अखिलेश यादव के आज बैठक में दिए गए बयान से भी साफ हो गया है कि अमर सिंह और शिवपाल ने मुलायम सिंह के समक्ष इस्तीफे की पेशकश क्यो रखी है.
चुनाव आयोग के हलफनामा मांगने के बाद समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े ने करीब 265 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. सपा विधानमंडल दल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में विधानसभा और विधान परिषद के अधिकतर सदस्यों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर मुहर लगाई.
अखिलेश धड़े का दावा है 229 एमएलए में से 209 एमएलए ने अखिलेश को समर्थन वाले हलफनामे पर हस्ताक्षर किए. 65 में 56 एमएलसी ने भी समर्थन में हस्ताक्षर किए. बैठक से पहले ही हलफनामा तैयार था, विधायकों को सिर्फ उनपर दस्तखत करके अखिलेश को सौंपना था.अखिलेश की बुलाई बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समधी और एसपी के एमएलसी जितेंद्र यादव भी शामिल हुए थे. जितेंद्र यादव को शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है.
अखिलेश यादव ने बैठक में यह भी कहा कि मैं चुनाव के मद्देनजर सिर्फ 3-4 महीने समाजवादी पार्टी की बागडोर संभालूंगा. उन्होंने कहा कि चुनाव बाद नेताजी जैसा कहेंगे मैं वैसा ही करूंगा. इस बात से भी यह संकेत मिल रहा है कि चुनाव को देखते हुए दोनों गुट फिलहाल विवाद को टालने के मूड में हैं. अखिलेश ने बैठक में यह भी कहा कि अबकी बार नेताजी मुलायम सिंह यादव दिल्ली से आयेंगे तो हम खुद लखनऊ एयरपोर्ट पर उनको रिसीव करने जाएंगे.
विवाद सुलझने के बाद एसपी का कांग्रेस से गठबंधन संभव
समाजवादी पार्टी का विवाद सुलझने के बाद अखिलेश कांग्रेस से गठबंधन कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत बन चुकी है. हालांकि गठबंधन होने की सूरत में अपना कद घटने के डर से कांग्रेस के कुछ बड़े नेता और टिकट कटने के डर से ज्यादातर कांग्रेसी उम्मीदवार गठबंधन का विरोध कर रहे हैं.
आपकी प्रतिक्रिया