इस्तीफे की धमकी से आडवाणी ने हिला दी भाजपा की चूले

Publsihed: 15.Dec.2016, 22:33

अजय सेतिया / संसद का शीतकालीन सत्र पूरी तरह हंगामे से भरा रहने और एक भी दिन काम नहीं होने से तीन धुरंधर संसदीय नेताओ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व उप प्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी और शांता कुमार अपनी नाराजगी जता चुके हैं, लेकिन उन की नाराजगी का भी कोई असर नहीं हुआ. यह आखिरी सप्ताह भी बिना कामकाज के बीत गया. इस पर लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा से इस्तीफा देने का संकेत दे कर भाजपा आलाकमान की चूले हिला दी हैं.

मोदी की राजनीति से बेहद खफा लोकसभा के सांसद और वाजपेया सरकार में मंत्री रहे एक नेता ने आडवाणी के इस संकेत पर वैसे तो प्रसन्नता जाहिर की , लेकिन मोदी के तौर तरीको से वाकिफ इस भाजपा नेता ने कटाक्ष भी भाषा में कहा कि समुद्र से एक लौटा पानी निकल भी जाए तो क्या फर्क पडता है.

आडवाणी के तेवरो से मोदी विरोधियो की बांछे खिल गई हैं, उन्हे लगता है कि इस के बाद भाजपा के बडे नेता जरुर नरेंद्र मोदी की मनमानी के खिलाफ कम से कम संघ नेताओ के सामने आवाज़ उठाने की हिम्मत जरुर करेंगे. भाजपा के उत्तर प्रदेश से पूर्व सांसद ने कहा कि उन्हे इस बात की हैरानी है कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में कोई एक सांसद भी जमीनी आवाज़ उठाने की हिम्मत नही कर पा रहा.

हालांकि उन का मानना था कि आडवाणी अपनी उपेक्षा और दुर्दशा से हताश हैं, इस लिए रासःट्रपति पद के चुनाव से पहले निर्णाय्क कदम उठा सकते हैं. सदन के स्थगित होने के बाद व्यथित आडवाणी ने आज काफी देर तक लोकसभा सदन में बैठे रह कर अपनी नाराजगी को जाहिर किया.. उन्होंने केन्द्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की और कहा कि कम-से-कम अंतिम दिन संसद चलाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्पीकर को दोनों पक्षों के नेताओं को बुलाकर बात करनी चाहिए.

लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि संसद के इस तरह हालात को देखते हुए मैं इस्तीफा देना चाहते हूं, उन्होंने कहा कि अगर आज अटल जी भी ससंद में होते और इस तरह का माहौल पाते तो वह भी दुखी हो जाते. कोई जीते या हारे लेकिन इस हंगामें से संसद की हार हो रही है. स्पीकर से बात करके कल चर्चा होनी चाहिए.

लोकसभा और राज्यसभा में नोटबंदी के साथ-साथ आज अगस्ता वेस्टलैंड मामला और किरण रिजिजू पर लगे हाइड्रा प्रोजेक्ट घाटाले के मामले पर भी हंगामा होता रहा. आज भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन के फिर से शुरू होते ही हंगामा शुरू हुआ और इसके बाद राज्यसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया  और फिर लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 

क्या बोले गुलाम नबी आजाद ?

राज्यसभा में विपक्ष का कहना है कि सरकार खुद सदन की कार्यवाही को ठीक तरह से नहीं चलने देना चाह रही है. वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जहां सरकार सदन की कार्यवाही को ठीक तरह से नहीं चलने देना चाह रही है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने क्या कहा ?

राज्यसभा में बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार ने करप्शन के कुएं से कांग्रेस का एक और कंकाल निकाला है इसके डीएनए का पता करना चाहिए.

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