चीन , हिन्दू अखबार और राहुल का रिश्ता क्या है

Publsihed: 08.Feb.2019, 17:55

अजय सेतिया/ नई दिल्ली | चेन्नई से छपने वाले "द हिन्दू" अखबार और उस के मालिक सम्पादक "एन.राम" की वामपंथी प्रतिबद्धता जगजाहिर है | वामपंथी प्रतिबद्धता के कारण  "द हिन्दू" चीन समर्थक खबरें भी छापता रहता है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को लोकसभा में जब राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वह विदेशी इशारे पर भारत की सेना को कमजोर करना चाहते हैं, इसलिए राफेल सौदे पर सवाल उठा रहे हैं , तो उन का इशारा चीन की ओर ही था | राहुल गांधी की ची से सांठ-गाँठ की बातें की दिन से सामने आ रही हैं | राहुल गांधी और "द हिन्दू" में राफेल सौदे को लेकर एक जैसे सवाल उठाए जा रहे हैं |     

कुछ दिन पहले राफेल सौदे के 41 प्रतिशत ज्यादा कीमत पर होने की गलत खबर छापने के बाद "एन.राम" ने शुक्रवार को एक खबर छापी | उन्होंने "द हिन्दू" में राफेल मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहा था , जिस पर रक्षा मंत्रालय ने आपत्ति जताई थी कि इस कारण रक्षा मंत्रालय का पक्ष कमजोर हुआ है | सबूत के तौर पर " द हिन्दू " ने उस दस्तावेज का चौथा पैराग्राफ छापा था, जिस में यह बात कही गई थी | दस्तावेज के मुताबिक़ प्रधानमंत्री कार्यालय का एक ज्वाइंट सक्रेटरी अशरफ फ़्रांस के विदेशमंत्री के कूटनीतिक सलाहकार लुई वासु के साथ सौदे को जल्द सिरे चढाने पर बात कर रहा था | एन.राम ने पत्रकारीय मर्यादा का उलंघन करते हुए चौथे पैराग्राफ का आधा हिस्सा छापा है , आधा हिस्सा छुपा लिया , जिस मे ऊपर लिखी बात का खंडन किया गया था | 

अब जब पूरी चिट्ठी सामने आई है तो पता चला कि रक्षा मंत्रालय में कोई न कोई व्यक्ति 2014 से ही कांग्रेस के इशारे पर काम रहा था, क्योंकि चौथे पैराग्राफ की अंतिम लाईनों में ऊपर लिखे का खंडन किए जाने के बावजूद पांचवे पैराग्राफ में चौथे पैराग्राफ के पहले हिस्से को ही सार बताया गया था , जिस में पीएमओ के दखल पर आपत्ति जाहिर की गई थी | जहां एन. राम ने चौथे पैराग्राफ का वह हिस्सा काट दिया था , वहीं पांचवे पैराग्राफ को आज राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कान्फ्रेंस में मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किया | जबकि चिठ्ठी के अंत में तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का हस्तलिखित नोट है, जिस में पांचवे पैराग्राफ को "अप्रासंगिक" कहा गया है | रक्षा मंत्री ने अपने नोट में लिखा है कि -" प्रधानमंत्री  कार्यालय इस मुद्दे की प्रगति पर निगरानी रखे हुए हैं, इसका प्रमाण अभी हाल ही हुए शिखर बैठक से लग सकता है | "

राहुल गांधी और द हिन्दू का दावा है कि बैंक गारंटी नहीं ली गई और इसे अजीत डोभाल के आग्रह पर हटाया गया , जोकि खुद अपने स्टार पर बात कर रहे थे | लेकिन तथ्य यह है कि बैंक गारंटी या सरकारी गारंटी की बात कही गई थी और इस मामले में फ्रांस सरकार ने खुद लिखित गारंटी दी है, जिस के दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं | राफेल सौदे की वार्ता के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने भी "द हिन्दू " और राहुल गांधी के आरोपों को खारिज कर दिया है | राहुल के आरोपों पर उन्होंने कहा, " उसका ( राफेल वार्ता को लेकर असहमत होना ) कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है। यह संप्रभु गारंटी और सामान्य नियम और शर्तों को लेकर था। हालिया मीडिया रिपोर्ट में जो भी सामने आया है उसका कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है।' राफेल को लेकर फ्रांस से वार्ता कमेटी के अध्यक्ष एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने भी राहुल गांधी और द हिन्दू के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सौदा वार्ता कमेटी ने तय किया न कि पीएमओ ने |

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी सफाई....

रक्षामंत्री सीतारम ने भी हिन्दू की खबर का खंडन किया है कि र्क्शामंत्राली ने पीएमओ के दखल पर किसी तरह की आपत्ति जताई थी | लोकसभा में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘यह गड़े मुर्दे उखाड़ने के जैसा है।’’ विपक्ष पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘विपक्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों और निहित स्वार्थ से जुड़े तत्वों के हाथों में खेल रहा है। उनकी (विपक्ष) वायु सेना को मजबूत बनाने में कोई रूचि नहीं है।’’ अखबार की खबर के जरिये लगाये जा रहे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि पीएमओ की ओर से विषयों के बारे में समय-समय पर जानकारी लेना हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाए गंभीर आरोप 

राहुल गांधी ने ‘द हिंदू’ की एक खबर की पृष्ठभूमि में यह भी आरोप लगाया कि इस विमान सौदे को लेकर मोदी ने फ्रांस के साथ 'समानांतर बातचीत कर रक्षा मंत्रालय के पक्ष को कमजोर किया और पूरी प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए अपने ‘मित्र’ अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट दिलवाया। कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम यह एक साल से कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री राफेल घोटाले में सीधे तौर पर शामिल हैं। अखबार की रिपोर्ट से साफ है कि प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे। मैं देश के युवाओं और रक्षा बलों से कहना चाहता हूं कि अब स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए आपके 30 हजार करोड़ रुपये चुराए और अपने मित्र अनिल अंबानी को दे दिए। इसकी जांच होनी चाहिए।’’ 

गांधी ने कहा, ‘‘ पहले फ्रांस्वा ओलांद (फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति) ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बोला था कि अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का अनुबंध दिया जाए। अब रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री ने चोरी की है। पूरा मामला एकदम स्पष्ट है।’ 
वायुसेना के पायलटों को सरकार के खिलाफ भड़काते हुए राहुल गांधी ने कहा ये 30 हजार करोड़ रुपये आपके लिए इस्तेमाल हो सकते थे । उन्होंने ये पैसे अनिल अंबानी को दे दिए। अब साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है। मैं कड़े शब्द इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन करने को विवश हो रहा हूं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं।’’ 

मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मोदी सरकार को घेरा

इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया में आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि यह छोटी बात नहीं है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस लड़ाकू विमान खरीदने को रोक रही है। जबकि हकीकत इसके उलट है।

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार के समय 126 लड़ाकू विमान खरीदने की सहमति बनी थी लेकिन 36 विमान खरीदे जा रहे हैं। एक तरफ रक्षा मंत्रालय है और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय है, और कई तरह की बातें सामने आ रही हैं।

तृणमूल कांग्रेस ने दागे सवाल

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि अखबार की खबर में यह बात सामने आई है कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले में समानांतर वार्ता कर रहा था। इस बारे में रक्षा मंत्रालय की ओर से इस समानांतर वार्ता पर आपत्ति व्यक्त की गई थी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय क्यों इस मामले में हस्तक्षेप कर रहा था ? प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इन्होंने देश की प्रतिरक्षा की रीढ़ को कमजोर किया है।

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