बल्लियों के सहारे बंधी है ग्रामीणों और पर्यटकों के जीवन की डोर

Publsihed: 18.May.2017, 09:13

ग्राउंड जीरो से संजय चौहान 

पर्यटन प्रदेश का सच ! बदहाल है पांचवे केदार (कल्पेश्वर) तक पहुंचने का मार्ग ! -- बल्लियों के सहारे बंधी है ग्रामीणों और पर्यटकों के जीवन की डोर।

आपदा के जख्मों को पीछे छोड़ प्रदेश की चार धाम यात्रा जोरों पर है। एक बार फिर से देवभूमि की जीवन रेखा पटरी पर लौट आई है। जिससे न केवल लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा अपितु आपदा के बाद निराश स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। आज ही सूबे के पर्यटन मंत्री नें कहा की हम प्रदेश को पर्यटन हब बनायेगे। लेकिन वर्तमान में सरकार की कोशिशें केवल चारधामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक ही सीमित होकर रह गयी है। यात्रा व्यवस्था की तैयारी और योजनाएँ इन्हीं धामों तक सिमट कर रह गयी है जबकि प्रदेश में पांच बद्री और पांच केदार हैं। जहाँ हर साल हजारों तीर्थयात्री और पर्यटक घूमने आते हैं। लेकिन बद्रीनाथ केदारनाथ के अलावा अन्य बद्री केदारों की धरातलीय हकीकत दुखद है। जहाँ पांचवे केदार कल्पेश्वर / कल्पनाथ तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों और यात्रियों को जान हथेली में रखकर बल्लियों के सहारे जाना पड़ रहा है तो वहीं भविष्य बद्री, तुंगनाथ, में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।
कल्पेश्वर धाम निवासी रघुबीर सिंह नेगी कहते हैं कल्पेश्वर धाम को जाने वाला पुल 2013 की आपदा में नेस्तानाबूत हो गया था। जिसके बाद से ऐसे ही लकड़ी के पुल से जान जोखिम में रखकर ग्रामीण जानें को मजबूर हैं। 2015 में यहां के लिए स्थाई पुल बनने तक ट्राली संचालन की स्वीकृति मिली थी। भले ही ट्राली यहां तक पहुँच गयी हो परंतु यह धरातल पर नहीं कागजों में चल रही है। हम जायें तो जायें किसके पास। कई बार स्थानीय विधायक से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगा चुके हैं। हमारी सुनने वाला कोई नहीं। एक माह बाद बरसात शुरू हो जाएगी ऐसे में कल्पेश्वर तक कैसे लोग पहुँचेंगे ये यक्ष प्रश्न जरूर हमें कचोटता है।
वास्तव में एक ओर हम पर्यटन प्रदेश का सपना देख रहे हैं वहीं दूसरी ओर 4 सालों से कल्पेश्वर धाम में एक पुल का निर्माण नहीं हो सका। तो ऐसे में कैसे पर्यटन प्रदेश का सपना साकार हो पाएगा।
सरकारी मशीनरी को चाहिए की रोजगार से जुड़ने वाले स्थलों को चिन्हित कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुविधाओं से परिपूर्ण करायें। ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आये।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी तन्त्र यहां किसी बड़ी घटना से पहले जागता है या फिर तत्काल कार्यवाही करेगा।
फोटो: - रघुबीर नेगी, लक्ष्मण नेगी , प्रकाश रावत , देवेन्द्र सिंह रावत

 

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