नियंत्रण रेखा को बार्डर बनाना बेहतर हल
दो साल सात महीने पहले जनवरी 2004 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के नाते इस्लामाबाद में हुए सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने गए थे, तो दिल्ली से गई प्रेस टीम में मैं भी मौजूद था। करीब हफ्ते भर के पाकिस्तान दौरे के समय मेरे कई भ्रम टूटे थे। मैं इस नतीजे पर पहुंचा था कि पाकिस्तान का आवाम भारत के साथ न सिर्फ दोस्ताना संबंध रखने का इच्छुक है अलबत्ता ले-देकर कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए हल करने का भी पक्षधर है। लेकिन पाकिस्तान की समस्या यह है कि थोड़ी-छोड़ी देर बाद लोकतंत्र खत्म हो जाता है और सैनिक शासन पाक के गले पड़ जाता है। उन दिनों मेरी वहां के पत्रकार हमीद मीर से लंबी बातचीत हुई थी,