नई दिल्ली | मोदी सरकार मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त इटली के दलाल क्रिश्चियन मिशेल को भारत में लाने में कामयाब हो गई है | भाजपा के सूत्र दावा कर रहे हैं कि क्रिश्चियन मिशेल के जरिए कमिशन लेने वाली सोनिया गांधी तक पहुंचने का रास्ता साफ़ हो जाएगा |
नवंबर में दुबई की कसेशन कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए मिशेल के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था | भारत ने 2017 में खाड़ी देशों से उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी। सीबीआई और ईडी इस मामले में उनपर आपराधिक मामले के तहत जांच कर रहे थे। ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। इसमें कहा गया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के 'नाम पर' दी गई 'रिश्वत' थी। फरवरी 2017 में उसे UAE में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। मिशेल के वकील ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो उनके क्लाइंट पर दबाव बना रही है। हालांकि जांच एजेंसी ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था।
CBI के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने जून में कहा था कि जांच एजेंसी ने मिशेल को अपना गुनाह कबूल करने के लिए प्रभावित नहीं किया। UAE में तब से भगोड़े के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही जारी थी। आपको बता दें कि अगुस्टा वेस्टलैंड से भारत के लिए वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने की इस डील में बड़ी रिश्वत देने का खुलासा हुआ था। कॉन्ट्रैक्ट के तहत 12 VVIP चॉपर्स की आपूर्ति की जानी थी, जो 1 जनवरी 2014 को रद्द कर दी गई।
मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक हैं जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी इस मामले में शामिल हैं। कोर्ट से गैरजमानती वॉरंट जारी होने के बाद दोनों एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था। ईडी को जांच में पता चला था कि मिशेल अपनी दुबई की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज के माध्यम से दिल्ली की एक कंपनी को शामिल करके अगुस्टा वेस्टलैंड से रिश्वत ली। इसमें भारत के भी दो लोग शामिल थे। मिशेल ने इन आरोपों से इनकार किया था।
जनवरी 2014 में भारत ने इस सौदे से इनकार कर दिया था। सीबीआई के मुताबिक इस डील में 2,666 करोड़ रुपये का नुकसान का नुकसान हो रहा था। यह सौदा 8 फरवरी 2010 को किया गया था। इसके तहत 556.262 मिलियन यूरो में 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे।
पृष्ठभूमि
कई भारतीय राजनेताओं एवं सैन्य अधिकारियों पर से मोटी घूस लेने का आरोप है।
यूपीए सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद का सौदा हुआ था। यह सौदा 3,600 करोड़ रुपए का था। इसमें 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई जिसके बाद यूपीए सरकार ने सौदा रद्द कर दिया। तत्कालीन एयर चीफ एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। जिस बैठक में हेलिकाॅप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस कारण कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे।
अप्रैल 2014 में इटली के एक न्यायालय के फैसले के अनुसार अगस्ता सौदे में घोटाला हुआ था। अदातल ने कंपनी फिनमेक्कनिका को दोषी पाया है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, कोर्ट ने अपने आदेश में फिनमैकेनिका की अधीनस्थ कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को भी साढे़ चार साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में ओरसी को कोर्ट से राहत देने वाले आदेश को बदल भी दिया। भारतीय रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ओरसी को मिली सजा से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कंपनी के खिलाफ भारत का केस मजबूत होगा। इस फैसले में भारत के तत्कालीन एयर चीफ का नाम भी लिया गया है।
इसके पूर्व इटली की एक अदालत ने मई 2014 में इटली के बैंकों में जमा 1818 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भारत को लेने की अनुमति दे दी थी। इस पर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की शरण में चली गई और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण को मध्यस्थ के तौर पर नामित किया। इस पर भारत ने न्यायमूर्ति बी पी जीवन रेड्डी को दूसरा मध्यस्थ नियुक्त किया। सितंबर 2014 में जब दोनों पक्ष तीसरे मध्यस्थ पर सहमत नहीं हुए तो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने प्रोफेसर विलियम पार्क को मामले के निपटारे के लिए नियुक्त किया।
3,600 करोड़ रुपये में हुई थी 12 चॉपर की डील
वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बिक्री में गलत ‘अकाउंटिंग’ और भ्रष्टाचार करने को लेकर फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख गुसेप ओर्सी को साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. इतालवी कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपये में 12 चॉपर की डील की थी, जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर मिलान की अपीलीय अदालत ने 2014 के पिछले अदालती आदेश को पलट दिया.
फर्जी बिल बनाने का आरोप
फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी को अदालत ने चार साल की कैद की सजा सुनाई थी. अदालत ने भारत सरकार को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री में भी दोनों को दोषी पाया. ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब 4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है.
कौन हैं एसपी त्यागी?
हेलीकॉप्टर घोटाले में शक के दायरे में आए एसपी त्यागी का पूरा नाम शशींद्र पाल त्यागी है. इनका जन्म 14 मार्च 1945 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल से की थी. 31 दिसंबर 1963 को एस पी त्यागी भारतीय वायु सेना में शामिल हुए. त्यागी ने 1965 और 1971 की जंग में भी शिरकत की है. जब सन 1980 में जगुआर भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया तो उस दौरान त्यागी का नाम भी उसे उड़ाने वाले आठ पायलटों में शामिल था. 1985 में उन्हें प्रतिष्ठित वायुसेना मेडल से नवाजा गया था. 31 दिसंबर 2004 को एसपी त्यागी ने भारतीय वायुसेना के 20वें एयर चीफ मार्शल के रूप में कार्यभार संभाला|
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