माण्डलगढ़ सीट भाजपा के लिए दुविधा का सौदा 

Publsihed: 02.Sep.2017, 12:40

Dr.Mahesh Aggarwal. भीलवाड़ा : माण्डलगढ़ में कीर्ति कुमारी के निधन से रिक्त हुयी विधान सभा सीट का उप चुनाव भी अजमेर लोकसभा और राज्य सभा की रिक्त सीट के साथ ही होगा । निर्वाचन आयोग ने तीनो सीटों के रिक्त होने की सूचना केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दी है ।

 माण्डलगढ़ सीट पर कांग्रेस इस बार भी अपने गत चुनाव में हाथ आज़मा चुके युवा विवेक धाकड को मौक़ा दे सकती है । राजपूत नेता प्रदीप कुमार सिंह भी वहाँ प्रबल दावेदार हो सकते है पर निर्णय दिग्गज नेता डाक्टर सीपी जोशी को करना है  जहाँ विवेक  का पलड़ा भारी  है।

  मुझे कुछ साथी बता रहे थे की कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष अनिल डांगी भी माण्डलगढ़ से चुनाव लड़ने के इच्छुक है ।   कुछ दिनों से भीलवाड़ा डेयरी में उनकी आवक जावक बढ़ गयी है । विधायक धीरज गुर्जर से उनका शायद मोह भंग हो गया बताते है   और यह भी की वे पूर्व मंत्री रामलाल जाट के ज़रिए  कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष की एक टर्म और करना चाहते है ।

 भाजपा में टिकिट को लेकर घमासान होने की बात जग ज़ाहिर है ।संगठन के ज़रिए सेवा का प्रतिफल दिया गया तो युवा विनोद ओसवाल का दावा मजबूत दिखाई देता है वे पालिका अध्यक्ष के रूप में अपनी उम्दा सेवाएँ दे चुके है और अच्छी छवि के लिए जाने जाते है ।

यूआइटी  चेयरमेन और खनन व्यवसायी गोपाल शर्मा ( खंडेलवाल) और ज़िला प्रमुख शक्ति सिंह भी पार्टी में अब दिखते दिखाते लीडर है पर वर्तमान में सक्रिय पदों पर रहने के कारण पार्टी इनको कितना वेटेज देती है यह अंदरूनी मामला है । 

भाजपा के रजपूती क्षत्रप इस सीट को जातिगत क़ब्ज़े में रखना चाहते है और इसके लिए युवा अभिजीत सिंह( वी पी सिंह ),प्रधान श्रीमती घनश्याम कँवर और पुराने संघी भगवान सिंह का नाम भी प्राथमिक चर्चा सूची में डालने के प्रयास हो रहे है । बडलियास महाराज सा का नाम भी पार्टी  के ज़ेहन में है ।

 तीसरी  बार  चुनाव लड़ विधान सभा पहुँची कीर्ति कुमारी की असामयिक मौत का सदमा पार्टी के लिए बेहद भारी है  पर रिक्त सीट को भरना एक संवैधानिक प्रक्रिया है और नवम्बर पूर्व चुनाव मोड़ में जाना पार्टी  की मजबूरी भी है ।

नोटबंदी, जीएसटी  और मोदी लहर  में कमी के  चलते उपचुनाव पार्टी के गलफाँस बन सकता है । हाँ , कांग्रेस के लिए इस सीट पर खोने के लिए कुछ नहीं है ।

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