कांग्रेस के करिश्माई नेतृत्व का अंत
राजनीति में हर छोटी बात का महत्व होता है। यह अनुभव से ही आता है। गुजरात विधानसभा के चुनावों में सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर ही तो कहा था। इस छोटी सी बात से गुजरात में कांग्रेस की लुटिया डूब गई। चुनाव जब शुरू हुआ था तो कांग्रेस का ग्राफ चढ़ा हुआ था और दिल्ली के सारे सेक्युलर ठेकेदार ताल ठोककर कह रहे थे कि इस बार मोदी नप जाएंगे। चुनावी सर्वेक्षण भी कुछ इसी तरह के आ रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे चुनावी बुखार चढ़ा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मौत के सौदागर जैसी छोटी-छोटी गलतियां करती चली गई और आखिर में कांग्रेस बुरी तरह लुढ़क गई। सोनिया गांधी को तो अपनी गलती का अहसास हो गया होगा, लेकिन उनके इर्द-गिर्द चापलूसों का जो जमावड़ा खड़ा हो गया है उसने वक्त रहते गलती सुधारने नहीं दी।