- पीएम मोदी ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर उद्घाटन किया | इस मौके पर देश भर से पहुंचे 2500 साधू संत मौजूद थे | 244 साल बाद 800 करोड़ रुपए की लागत से काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है | 50000 वर्ग मीटर का भव्य कारीडोर बनाने के लिए 300 घरों –दुकानों का अधिकरण कर के रास्ते को चौड़ा किया गया है | अब मंदिर से गंगा के दर्शन हो सकेंगे | श्रद्धालु जलासेन घाट, मणिकर्णिका और ललिता घाट पर गंगा स्नान कर सीधे बाबा धाम में प्रवेश कर सकेंगे।
- विशालकाय बाबा धाम के 3 यात्री सुविधा केंद्रों में श्रद्धालुओं को अपना सामान सुरक्षित रखने,बैठने और आराम की सुविधा मिलेगी। श्रद्धालुओं के लिए योग और ध्यान केंद्र के रूप में वैदिक केंद्र और कलाकारों के लिए सांस्कृतिक केंद्र बनाया गया है |
- विश्वनाथ धाम आने वाले धाम क्षेत्र में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओें के लिए स्पिरिचुअल बुक सेंटर धार्मिक पुस्तकों का नया केंद्र होगा।
- श्रद्धालुओं के लिए बाबा की भोगशाला भी स्थापित की गई है। यहां एक साथ 150 श्रद्धालु बैठकर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
- सनातन धर्म में काशी में मोक्ष की मान्यता है। विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन बनाया गया है। इससे लगभग 100 कदम की दूरी पर महाश्मशान मणिकर्णिका है।
- विश्वनाथ धाम में प्रवेश के लिए 4 विशालकाय द्वार बनाए गए हैं। पहले यहां सिर्फ संकरी गलियां थीं।
- सुरक्षा के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। पूरे धाम क्षेत्र में CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
- धाम में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा से लेकर एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी।
- वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट शॉप, हस्तशिल्प के सामान की दुकानें और फूड कोर्ट भी बनाए गए हैं।
- काशी को आनंद कानन भी कहा जाता था। इसे देखते हुए बाबा धाम में हरियाली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है महादेव के प्रिय रुद्राक्ष, बेल, पारिजात के पौधों के साथ ही अशोक के पेड़ और तरह-तरह के फूल धाम परिसर में लगाए जा रहे हैं।
- धाम में दिव्यांगों और बुजुर्गों के आवागमन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। रैंप और एस्कलेटर की अत्याधुनिक सुविधा धाम में उपलब्ध है।
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