दो निर्णय बदल देंगे गरीबों और किसानों की ज़िन्दगी

Publsihed: 10.Jan.2019, 14:44

 

अजय सेतिया / नई दिल्ली | यह दो निर्णय गरीब और किसानों की ज़िन्दगी तो बदलेगें ही, परन्तु आने वाले चुनावों में महागठबंधन का भी सूपड़ा साफ़ करेंगे | ब्रहस्पतिवार कैबिनेट की मीटिंग के बाद भारत दो ऐतिहासिक फैसले देखने जा रहा है। यह नए युग की शुरुआत है जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं। आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को 10% आरक्षण को कांग्रेसी वकीलों ने कोर्ट में चुनौती देने की शुरुआत कर दी है , जिस से कांग्रेस की  दिखाई दे रही है | 

उधर आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को 10% आरक्षण देने के ऐतिहासिक निर्णय के बाद अब मोदी सरकार दो और बड़े निर्णय लिए जाएंगे। यह सीधे सीधे गरीबों और किसानों के कल्याण से जुड़े निर्णय हैं जो उनके आने वाले भविष्य को बदलकर रख देंगें। सूत्रों की मानें तो उन दो योजनाओं की घोषणा कैबिनेट मीटिंग के बाद हो सकती है।

 

इसमें से पहला निर्णय है यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) जिसके अंतर्गत एक निश्चित राशि आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के बैंक एकाउंट में DBT के ज़रिए हर महीने सीधे ट्रांसफर की जाएगी। वहीं दूसरा निर्णय तेलंगाना राज्य में किसानों के कल्याण के लिए चल रही 'रायतु बंधु' योजना के तर्ज पर एक राष्ट्रीयव्यापी योजना की शुरुआत है।

◆ क्या है यूनिवर्सल बेसिक इनकम?
यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) ज़रूरतमंद लोगों के खाते में हर माह एक निश्चित राशि डालने की केंद्र सरकार की योजना है। इसके अंतर्गत करीब 50 करोड़ आर्थिक रूप के कमज़ोर लोगों को फायदा होगा। यह धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से इन लोगों के बैंक एकाउंट में सीधे डाली जाएगी। 

◆ किसानों को उपहार:
जानकारी के लिए आपको बता दें कि तेलंगाना के 'रायतु बंधु' नामक योजना की तर्ज़ पर ही केंद्र सरकार एक नई योजना शुरू करने वाली है। इस स्कीम में राज्य सरकार हर मौसम में किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी इत्यादि खर्चों के लिए प्रति एकड़ 4000 रुपये देती है। केंद्र सरकार अब ऐसी ही एक योजना शुरू करने जा रही है जिसके अंतर्गत किसानों को उनकी जमीन के अनुसार, हर साल दो फसलों के लिए वित्तीय मदद दी जा सके। यानी, अगर किसी किसान के पास एक एकड़ उपजाऊ ज़मीन है तो उसे फ़सल उगाने के लिए सरकार की ओर से सालाना 8 हजार के करीब  दिए जा सकते हैं, इसी तरह अगर किसी किसान के नाम 10 एकड़ ज़मीन है तो उसे साल में 'रायतु बंधु' योजना की तर्ज पर 80 हजार रुपये मिल सकते हैं। अगर स्कीम लागू हुई तो बीज, खाद, कीटनाशक के लिए आर्थिक मदद सीधे (DBT) छोटे और सीमांत किसानों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि इस तरह की स्कीम लागू करने पर करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये का खर्च सरकार को करना होगा। 

इस तरह की दो योजनाओं की घोषणा केंद्र सरकार आज या कल में कर सकती है। इससे ना सिर्फ गरीबों का भला होगा अपितु यह किसानों को भी एक बड़ी आर्थिक सहायता प्रदान करने में सक्षम होगा। बदलते हुए भारत में यह दो बड़े ऐतिहासिक निर्णय भारत की दशा और दिशा को बदल कर रख देंगे।

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