कर्नल पुरोहित के खिलाफ साजिश किसने रची थी ? 

Publsihed: 20.Apr.2017, 22:23

अजय सेतिया / यूपीए सरकार के कुकर्म सामने आ रहे हैं | भगवा आतंकवाद की झूठी कहानी की परतें उधड़ने लगी हैं | सबूत सामने आ रहे हैं कि लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के खिलाफ साजिश रची गई थी |  कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया गया  था | उन पर मालेगांव ब्लास्ट के लिए बम मुहैया कराने के आरोप  लगाया गया | कर्नल पुरोहित आठ साल से जेल में हैं |

दरअसल, पुरोहित सेना के खुफिया विभाग में एक मिशन के तहत काम कर रहे थे ।  देश में सक्रिय कई धार्मिक संगठनों में उन्होंने अपनी पैठ बना ली थी । वहां से मिलने वाली सूचना वह लगातार मिशन मुख्यालय पुणे को भेज रहे थे । इसी दौरान उन्हें  जाली नोटों के व्यापार के कुछ राज़ मिले | अगर ये राज सार्वजनिक हो जाते तो कई नेताओं का राजनीतिक जीवन बर्बाद हो जाता | क्योंकि मामला सीधा देशद्रोह का बनता |

तभी मालेगांव ब्लास्ट हुआ |  ब्लास्ट की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस बनाई गई थी | एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे बनाए गए थे | जो बाद में आतंकवादियों के मुबई पर हुए हमले में मारे गए | क्या हेमंत करकरे ने नकली नोटों के कारोबारियों से मिल कर कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट में फंसाया था | कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कई बार कह चुके हैं कि उन की हेमंत करकरे से कई बार बात हुई थी | क्या कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाने में कांग्रेस भी शामिल थी |

‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी आरएसएन. सिंह लिखते हैं - ‘ यूपीए शासनकाल में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए एक व्यूह रचना की गई । ऐसा करने के पीछे एक ही वजह थी- ‘वोट बैंक की राजनीति ।’ उसी के तहत ‘जेहादी आतंक’ की तर्ज पर ‘हिन्दू आतंक’ का तानाबाना बुना गया’। सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने अमेरिकी राजदूत से कहा था  कि भारत के लिए चिंता का विषय ‘हिन्दू आतंक’ है, न कि ‘जेहादी आंतक’| अगला कदम इस नव निर्मित हिन्दू आतंक को साबित करना था। ले.कर्नल पुरोहित को फंसा कर एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने यह काम आसान किया |

इस तरह हिन्दू आतंक की मौजूदगी भी साबित हो गई और देशद्रोही नेताओं का भविष्य भी सुरक्षित रह गया |  लेकिन, पूरे खेल में जिस तरह का घिनौना षड्यंत्र रचा गया, वह खासा चौंकाने वाला है | हैरानी वाली बात तो यह है कि यूपीए सरकार की भूमिका भी थी | इसके सबूत मौजूद हैं | पहला सबूत  ले.कर्नल श्रीकांत पुरोहित की चिट्ठी  है | यह चिट्ठी कर्नल पुरोहित ने प्रधानमंत्री मोदी को 31मई 2014 को लिखी थी | इस में विस्तार से ब्योरा है | ब्योरा यह है कि ब्लास्ट के समय वह एक ट्रेनिंग के लिए पचमढी में थे | 24 अक्टूबर, 2008 को कर्नल आरके. श्रीवास्तव को सेना ने पंचमढ़ी भेजा | सेना ने उन्हें आदेश दिया कि वे ले.कर्नल पुरोहित को मुंबई लेकर जाएं | जहां उन्हें एटीएस के हवाले किया गया | दूसरा- सेना कोर्ट की सुनवाई | तीसरा- एमएसएचआरसी (महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग) को भेजी गई शिकायत | यह शिकायत कैप्टन नितिन दात्रे जोशी ने की थी | जिसे गवाह बनाया गया था | उस ने मानवाधिकार आयोग को कहा कि उसे डरा धमाका कर र्नल पुरोहित के खिलाफ बयान लिए गए |

आप को याद होगा कि कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में भगवा आतंकवाद की बात कही गई थी | तब के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यह बात कही थी | यों संसद में हगामा होने पर उन ने सफाई दी थी | पर आफ रिकार्ड मालेगांव, लाहोर बस में विस्फोट में हिन्दुओं का हाथ बताते रहे | क्या अंग्रेजी के कुछ न्यूज चेनेल भी इस साजिश में शामिल कर लिए गए थे | अंग्रेजी के न्यूज चेनलों ने भी हिन्दू आतंकवाद का होव्वा खड़ा किया |  यूपीए सरकार का इरादा आरएसएस के नेताओं को भी लपेटे में लेना था | इसी रणनीति के अंतर्गत राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए ) खडी की गई | मालेगांव ब्लास्ट की जांच बाद में एनआईए को दे दी गई |

कर्नल पुरोहित के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना तो दूर की बात | अब एनआईए ने कोर्ट में कह दिया है कि कर्नल पुरोहित को फंसाया गया था | उस के खिलाफ कोई सबूत नहीं है | एनआईए ने एटीएस को भी कटघरे में खडा किया है | एनआईए ने अदालत में कहा है--" कर्नल पुरोहित को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था | बाद में उन्हें मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाया गया | एटीएस ने कर्नल पुरोहित को फ़साने के लिए उन पर आरडीएक्स प्लांट किया | कर्नल पुरोहित ने सेना से आरडीएक्स नहीं चुराया था | "  तो क्या सेना ने जब कर्नल श्रीवास्तव को पचमढी भेजा था ,तब महाराष्ट्र पुलिस ने उन पर धोखाधड़ी का मामला बताया था | कर्नल आरके. श्रीवास्तव को किस ने पंचमढ़ी भेजा था | 

सेना की कोर्ट आफ इन्क्वारी की रिपोर्ट भी अदालत में पेश हो चुकी है | कोर्ट आफ इन्क्वारी की रिपोर्ट 2010 में तैयार हो गई थी | उसे एनआईए को भेज दिया गया था | छह साल उसे अदालत में पेश नहीं किया गया | मोदी सरकार आने के बाद (छह साल बाद) कोर्ट आफ इन्क्वारी की रिपोर्ट अप्रेल 2016 में अदालत में पेश हुई | इस के बावजूद अदालत ने कर्नल पुरोहित को जमानत नहीं दी | अब कर्नल पुरोहित के तत्कालीन इंचार्ज कर्नल रायकर खुलकर सामने आ गए हैं | बृहस्पतिवार को वह एक न्यूज चेनेल पर आ कर खुल कर बोले | उनने कहा कर्नल पुरोहित को किसी साजिश के तहत फंसाया गया था | वह कोर्ट आफ इन्क्वारी में गवाह थे | कर्नल रायकर ने कहा है--" कोर्ट आफ इन्क्वारी में 99 फीसदी गवाहों ने कर्नल पुरोहित के पक्ष में गवाही दी थी |" कोर्ट आफ इन्क्वारी में मिलट्री इंटेलिजेंस के हैड कर्नल हंसमुख पटेल भी पेश हुए थे | कर्नल पटेल ने भी पुरोहित के पक्ष में गवाही दी थी |

कोर्ट आफ इन्क्वारी अपनी रिपोर्ट अदालत में दे चुकी है | कोर्ट आफ इन्क्वारी में कर्नल पुरोहित सोने की तरह खरे उतरे | इस का सबूत यह है कि सेना कर्नल पुरोहित को पूरा वेतन दे रही है | अगर वह दोषी पाए जाते तो उन का वेतन रोक दिया जाता | मोदी सरकार बने हुए तीन साल हो गए | कर्नल पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के बावजूद वह जेल में हैं | एक साल पहले  15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था - ‘सबूत पुख्ता नहीं है, इसलिए जमानत पर विचार होना चाहिए ।’ इस के बावजूद किस के दबाव में जमानत नहीं हो रही |  

 

आपकी प्रतिक्रिया