कश्मीर की असलियत बनाम मीडिया की असलियत

Publsihed: 14.Aug.2019, 15:40

इंडिया गेट से अजय सेतिया

यह कहना या यह मानना कि कश्मीर घाटी में 370 हटाने का विरोध नहीं हो रहा , खुद को जानबूझ कर अँधेरे में रखना होगा | ईद से पहले शुक्रवार की नमाज के बाद भी हजारों लोग 370 हटाने के खिलाफ सडकों पर उतरे | उन के हाथों में 370 हटाए जाने के खिलाफ हाथों से बैनर थे और वे आज़ादी की मांग कर रहे थे | यह कश्मीर में कोई पहली बार नहीं हो रहा , 370 नहीं हटाई गई थी , तब भी ऐसा हो रहा था | अब 370 हटने के बाद भारत का मीडिया भले ही देशभक्ति के कारण इन प्रदर्शनों को नहीं दिखा रहा , लेकिन अलजजीरा चेनल ने इस प्रदर्शन का वीडियों दिखाया था | भारत सरकार ने इस वीडियो को पाकिस्तान में बनाया गया बताया है और अलजजीरा को नोटिस भेजा है , तब से अलजजीरा ने उस वीडियो को दुबारा नहीं दिखाया हालांकि पाकिस्तान के न्यूज चेनलों पर उस वीडियो को दिखाया जा रहा है |

दूसरी तरफ बीबीसी की वेबसाईट मनघडंत खबरें लिख कर अति कर रही है | उस ने दावा किया कि पिछले शुक्रवार को 10 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की गई जिस में अनेकों लोग जख्मी हुए हैं , जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस का खंडन करते हुए कहा कि 370 हटने के बाद एक गोली भी कहीं नहीं चलाई गई | भारत सरकार ने बीबीसी को नोटिस जारी किया तो बीबीसी ने एक बयान जारी कर अपनी खबर की पुष्टि की है | हालांकि सच यह भी है कि बीबीसी की हिन्दी वेबसाईट पिछले पांच साल से विरोधी दल की भूमिका निभा रही है , उस ने करीब करीब सारे पत्रकार वामपंथी पृष्ठभूमि के नियुक्त किए हैं, जो संसद में घटे उस के सदस्यों की पूर्ति कर रहे हैं | एक समय भारत में बीबीसी की विश्वसनीयता शिखर पर थी , लेकिन अब एकपक्षीय रिपोर्टिंग के कारण बीबीसी की छवि प्रभावित हुई है | सोशल मीडिया में बीबीसी के खिलाफ मुहीम चल रही है , नतीजतन भारतीय मीडिया भी अब खुल कर बीबीसी को अपनी खबरें सही साबित करने की चुनौती दे रहा है |

विदेशी मीडिया अल जजीरा और बीबीसी की पत्रकारिता पर इस लिए भी सवाल उठ रहा है क्योंकि भारतीय मीडिया के दर्जनों पत्रकार कश्मीर से लाईव रिपोर्टिंग कर रहे हैं , जो विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग से मेल नहीं खाती | अल जजीरा सिर्फ फुटेज कश्मीर की दिखा रहा है , जबकि उसकी रिपोर्टर एंकरिंग दिल्ली से कर रही है | बीबीसी भी बता नहीं पाया है कि उस का कौन रिपोर्टर या कैमरामेन कश्मीर से रिपोर्टिंग कर रहा है | वैसे भारत का मीडिया भी कश्मीर के हालात को लेकर एकमत नही है , ऐसा नहीं है कि सारा मीडिया 370 हटने पर देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है , मीडिया का एक वर्ग आग भडकाने में मदद भी कर रहा है | कोई कोई मीडिया घराना देश की आबो-हवा बिगाड़ने की कोशिश में भी लगा हुआ है | मोदी विरोध के लिए मशहूर भारत के पहले अंगरेजी और हिन्दी न्यूज चेनल की एक खबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी भारत सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया | तब जा कर उस चेनल के मालिक पत्रकार को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपने ट्विट से पाकिस्तान की आलोचना की |

आबो हवा खराब करने की कोशिश कुछ अखबार भी कर रहे हैं | पिछले दिनों चेन्नई मूल के एक अंगरेजी अखबार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हवाले से खबर छाप दी कि अब हरियाणा के छोरे कश्मीर की लडकियाँ ला सकते हैं | इस खबर से इतना हंगामा मचा कि बाकी मीडिया ने भी इस खबर को खूब तूल दिया | यहाँ तक कि राहुल गांधी ने भी खट्टर के खिलाफ ट्विट लिख दिया | मनोहर लाल खट्टर ने राहुल गांधी के ट्विट का जवाब देते हुए अपने उस भाषण का वीडियों भी नत्थी कर दिया , जिस के आधार पर वामपंथी अखबार ने झूठी खबर छापी थी | मोदी विरोध के लिए मशहूर वामपंथी पत्रकारों की एक वेबसाईट ने भी वीडियो जारी होने के बाद खीसे निपोरते हुए नई खबर लिख कर एक तरह से माफी माँगी |

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