अजय सेतिया / नई दिल्ली । सुप्रीमकोर्ट के दूसरे नम्बर के वरिष्ठ जस्टिस सीकरी ने रविवार को कॉमनवेल्थ सचिवालय के कर्मचारियों के सचिवालय, के विवाद चल करने के लिए बने न्यायाधिकरण में न्यायधीश की नियुक्ति से अपना नाम वायस ले लिया । भारत सरकार ने दिसम्बर के पहले सप्ताह में उनकी सहमति लेकर कॉमनवेल्थ में उनका नाम भेजा था, सीकरी को मार्च में कार्यभार सम्भालना था। उनकी नियुक्ति चार साल के लिए हुई थी।
चीफ जस्टिस गगोई ने पिछले हफ्ते जस्टिस सीकरी को सीबीआई के निदेशक की नियुक्ति समिति का सदस्य नियुक्त किया था । इस समिति ने 10 जनवरी की बैैैठक में सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को हटाने का फैसला किया था बहुमत के आधार पर प्रधानमंत्री और जस्टिस सीकरी के वोट से हुआ था, जबकि तीसरे सदस्य लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने का विरोध किया था ।
इस घटना के तुरंत बाद से मोदी विरोधी मीडिया ने जस्टिस सीकरी के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी थी । जबकि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस काटजू ने जस्टिस सीकरी से बातचीत के बाद उनके स्टैंड को ठीक ठहराया था । रविवार सुबह मोदी विरोधी पत्रकार शेखर गुप्ता की लाइन वेबसाइट द प्रिंट ने खबर प्रसारित की कि मोदी सरकार ने जस्टिस सीकरी को कामनवेल्थ में जज नियुक्ति कर के इनाम दे दिया है। यह खबर फैलते ही जस्टिस सीकरी ने कामनवेल्थ पैनल में नियुक्ति से अपना नाम वापस ले लिया । अपना नाम वापिस लेकर जस्टिस सीकरी ने मोदी विरोधी मीडिया को करारा जवाब दिया है।
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