क्या गौहत्या को बढ़ावा देना चाहती है सुप्रीमकोर्ट 

Publsihed: 08.Apr.2017, 22:36

दादरी की घटना ने देश में गौहत्या के मामले को उछाल दिया था | मुसलमानों के अलावा भी भारत में कुछ लोग हैं ,जो अंग्रेजों की तरह गाय को सिर्फ पशु मानते हैं |  वे खुद को वामपंथी और बुध्दीजीवी कहते हैं | दादरी की घटना पर उन ने अच्छा खासा बवाल काटा | उन्हें तो मोदी के खिलाफ बवाल का बहाना चाहिए था | अब फिर राजस्थान के बहाने बवाल खडा है | राजस्थान के अलवर में गाए तस्करी करने वाले पहलू खान को भीड़ ने पीट पीट कर अधमरा कर दिया | बाद में वह हार्ट अटक से मर गया | जब दादरी की घटना हुई थी, तब सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल हुई थी | अब राजस्थान की घटना हुई, तो सुप्रीम कोर्ट की भी नींद खुल गई | सुप्रीम कोर्ट को भी वामपंथियों की तरह इस देश की संस्कृति से कोई वास्ता नहीं | सुप्रीमकोर्ट का बुध्दीजीवीपण जाग गया है | वह गौरक्षको को बैन करना चाहती है | शायद सुप्रीम कोर्ट इस देश में चले गौ रक्षा आंदोलनों का इतिहास नहीं जानती | अपन उस का जिक्र भी आगे जा कर करेंगे |  पहले गौहत्या और मुसलमानों का इतिहास जान लें | गौ ह्त्या के मामले में अब तक मुसलमानों का ही नाम आ रहा है | जबकि हदीसों में गाय के मांस को नुक़सानदेह बताया गया है | नबी-ए-करीम हज़रत मुहम्मद सल. फ़रमाते हैं कि अल्लाह ने दुनिया में जो भी बीमारियां उतारी हैं, उनमें से हर एक का इलाज भी दिया है | जो इससे अंजान है , वह अंजान ही रहेगा | गाय के घी से ज़्यादा स्वास्थ्यवर्द्धक कोई चीज़ नहीं है -(अब्दुल्लाबि मसूद हयातुल हैवान) | क़ुरआन में कई आयतें ऐसी हैं, जिनमें दूध और ऊन देने वाले पशुओं का ज़िक्र है | मुग़ल काल में गाए को लेकर हिन्दुओं और मुसलमानों में दंगों का कहीं जिक्र नहीं मिलता | भारत में गौ हत्या को बढ़ावा देने में अंग्रेज़ों ने अहम भूमिका निभाई | अंग्रेजों के भारत आने तक यहां गाय और सुअर की हत्या नहीं की जाती थी | हिंदू गाय को पूजनीय मानते थे और मुसलमान सुअर का नाम तक लेना पसंद नहीं करते थे | अंग्रेजों को इन दोनों ही पशुओं के मांस की ज़रूरत थी | उन्होंने मुसलमानों को भड़काया कि क़ुरआन में कहीं भी नहीं लिखा है कि गाय की क़ुर्बानी हराम है | इसलिए उन्हें गाय की क़ुर्बानी करनी चाहिए | कुछ मुसलमान उनके झांसे में आ गए | इसी तरह उन्होंने दलित हिंदुओं को सुअर के मांस की बिक्री पर मोटी रकम का झांसा दिया | यूरोप दो हज़ार बरसों से गाय के मांस का प्रमुख उपभोक्ता रहा है | भारत में अपने आगमन के साथ ही अंग्रेज़ों ने यहां गौ हत्या शुरू करा दी | 18वीं सदी के आख़िर तक बड़े पैमाने पर गौ हत्या होने लगी | अंग्रेज़ों की बंगाल, मद्रास और बंबई प्रेसीडेंसी ने सेना के रसद विभागों के लिए कसाईखाने बनवाए | गौ हत्या और सुअर हत्या की आड़ में अंग्रेज़ों ने हिन्दुओं और मुसलमानों में फूट डाली  |  इस दौरान हिंदू संगठनों ने गौ हत्या के ख़िला़फ मुहिम छेड़ दी | आख़िरकार महारानी विक्टोरिया ने वायसराय लैंस डाउन को पत्र लिखा | महारानी ने इस पात्र में लिखा - "हालांकि मुसलमानों की ओर से की जा रही गौ हत्या पर  आंदोलन शुरू हुआ है | पर हक़ीक़त में यह हमारे ख़िलाफ़ है, क्योंकि मुसलमानों से कहीं ज़्यादा गौ वध हम कराते हैं | तभी तो हमारे सैनिकों को गौ मांस मुहैया होता है | आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र अंग्रेजों की साजिश समझ गए थे | उनने  28 जुलाई, 1857 को बकरीद के मौक़े पर फरमान जारी किया था | फरमान में गाय की क़ुर्बानी के खिलाफ चेतावनी दी गई थी | इस चेतावनी में कहा गया था -"जो भी गौ वध करने या कराने का दोषी पाया जाएगा, उसे मौत की सज़ा दी जाएगी | गौ ह्त्या के खिलाफ आन्दोलन तेज होता गया | गौ ह्त्या के खिलाफ देश भर से अंग्रेजों को ज्ञापन भेजे गए |  इन ज्ञापनों पर पर हिंदुओं के साथ मुसलमानों के भी दस्तखत होते थे | आज़ादी के आन्दोलन के समय कांग्रेस के नेताओं ने वादा किया था कि गौ हत्या पर रोक लगेगी | लेकिन कांग्रेस ने हिन्दुओं को धोखा दिया | अक्‍तूबर-नवम्बर 1966 में गोरक्षा आन्दोलन चला । भारत साधु-समाज, आर्यसमाज, सनातन धर्म, जैन धर्म और सिखों ने आन्दोलन में हिस्सा लिया | सात नवम्बर 1966 को संसद् पर ऐतिहासिक प्रदर्शन हुआ | देशभर के लाखों लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था |  इंदिरा गांधी निहत्थे हिंदुओं पर गोलियाँ चलवा दी थी | सैंकड़ों साधू मारे गए थे | गृह मंत्री गुलजारी लाल नंदा ने इस्तीफा दिया | गोली चलाने खिलाफ शंकराचार्य निरंजनदेव, स्वामी करपात्री और महात्मा रामचंद्र वीर ने अनशन किया | राजस्थान के महात्मा रामचंद्र वीर का अनशन 166 दिन चला |  राजस्थान में अकाल पड़ता था | फिर भी देश में सब से ज्यादा गौशालाएं राजस्थान में पाई जाती हैं | गाय से इतना प्यार है राजस्थानियों को | बाज़ारों में हर दूकान पर गौरक्षा के लिए दान के डिब्बे रखे हैं | राजस्थान से गाय की तस्करी पर प्रतिबंध है | यह अलवर की घटना गाय  तस्करी से जुडी है | पुलिस को सूचना मिली थी, गाय तस्करी की  | पुलिस ने दो ट्रक पकडे | पर चार ट्रक नाका पार कर चुके थे | जो ट्रक पकडे गए उन के पास गाय ले जाने के कानूनी कागजात नहीं थे | पुलिस को चकमा देकर निकल गए टर्कों को गौरक्षको की भीड़ ने घेर लिया था | वहीं पर भीड़ ने इस पहलू खान को की जम कर धुनाई की | चार दिन बाद वह अस्पताल ने हार्ट अटैक से मर गया | राजस्थान सरकार ने दो केस बनाए हैं | गौ तस्करी का भी और गौरक्षकों पर भी | पर सुप्रीम कोर्ट चाहती है गौरक्षकों पर बैन लगे | क्या यह हिन्दुओं के साथ विश्वासघात नहीं होगा | जिन्हें आज़ादी के आन्दोलन में वादा किया गया था गौहत्या बैन का | 

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