पति पर यौन शोषण के आरोपों में मंत्री पद गया

Publsihed: 08.Aug.2018, 21:14

अजय सेतिया / अपन ने पहले ही लिखा था कि मंजू वर्मा को बचाते बचाते नीतीश बाबू कहीं खुद की कुर्सी न गवा लें | मंजू वर्मा के पति का बृजेश ठाकुर से गहरा रिश्ता था | अंतत : नीतीश बाबू को अहसास हो गया कि वह आग से खेल रहे हैं | इस लिए बुधवार को उन ने मंजू वर्मा से इस्तीफा ले लिया | लालू यादव के बेटे तपस्वी यादव और राहुल गांधी ने नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर दिया था | खबर आ रही थी कि बृजेश ठाकुर मंत्री मंजू यादव के पति को खुश करता था | बच्चियों का आश्रय गृह खोल कर बृजेश जनता की नजर में समाज सेवी बना हुआ था | पर उन बच्चियों का यौन शोषण किया जा रहा था | अपन पहले ही आशंका जता चुके हैं कि बृजेश अनाथ बच्चियों का यौन शोषण करता और करवाता भी था | राजनेता और अफसर इस काले धंधे में बृजेश के साथी थे | किस किस नेता और अफसर ने अपना मुहं काला किया | अभी इस का खुलासा होना बाकी है | सीबीआई जांच कर ही रही है | अब सुप्रीमकोर्ट ने भी निगरानी शुरू कर दी है |

बृजेश ठाकुर ने अपना प्रभाव जमाने के लिए बिहार में कई अखबार भी निकाल लिए थे | उस के प्रभाव का दायरा दिल्ली तक फ़ैल चुका था | कई नेताओं के यहाँ उस का प्रवेश बेरोक टोक था | दिल्ली के नामी गिरामी प्रेस क्लब आफ इंडिया में भी वह अपनी पहुंच बना चुका था | हालांकि अखबार के मालिक को प्रेस क्लब की मेम्बरशिप नहीं मिलती | पर उस ने प्रेस क्लब की मेम्बरशिप का जुगाड़ कर लिया था | मेबरशिप की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी | वैसे जब भी दिल्ली में होता था बिना मेम्बरशिप के ही प्रेस क्लब में ही जमा रहता था | मीडिया के माध्यम से अपना प्रभाव जमाने वाला बृजेश ठाकुर कांग्रेस के बहुत करीब था | अब तो उस ने खुद कहा है कि वह कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था | हालांकि उस ने कहा इस तरह है कि उस पर की गई कार्रवाई राजनीतिक है |

राजनेता कितने बेशर्म हो जाते हैं , इस का सबूत मंजू वर्मा ने दिया | जिसे पति का नाम आते ही नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था | वह इस बात से इनकार कर रही थी कि उन के पति की से बृजेश मुलाक़ात होती रहती थी | पर अब खुलासा हो गया है कि मंजू का पति पिछले छह महीनों में बृजेश ठाकुर से 17 बार मिला था | इतना ही नहीं खुलासा यह भी है कि मंत्री का पति चंद्रेश्वर वर्मा बाल आश्रय गृह में भी गया था | यह खुलासा होते ही नीतीश कुमार के पास कोई और ऑप्शन नहीं बचा था | उन्होंने मंजू वर्मा को बुलाया और इस्तीफा लिखवा लिया | मंजू वर्मा यह कह कर फंस गई कि बातचीत हमारे विभाग के कामों से जुड़ी होती थीं | यानि मंत्री की तरफ से उन का पति बातचीत करता था | यहाँ भ्रष्टाचार का मामला भी बनना शुरू हो गया है | मंजू वर्मा समाज कल्याण विभाग की मंत्री है | यही विभाग शैल्टर होमों को अनुदान देता है | यानि अनुदान की सौदेबाजी मंजू वर्मा का पति करता था | मंजू वर्मा का पति बृजेश ठाकुर से व्यक्तिगत लाभ भी उठा रहा था | आरोप तो यह सामने आ रहा है कि बृजेश ठाकुर मंत्री के पति से बच्चियों का यौन शोषण करवाता था | मंत्री के पति पिछले कुछ महीनों के दौरान 9 बार मुजफ्फरपुर गये थे | अब सवाल उठता है कि आखिर ये मुजफ्फरपुर इतनी बार गये क्यों ?

अब तो मंत्री ने यह भी मान लिया है कि बृजेश ठाकुर और उन के पति की उन के सरकारी फोन पर बात होती थी | यानि मंजू वर्मा खुद भी बृजेश ठाकुर को सरंक्षण दे रही थी | जब मंत्री का सीधा संरक्षण हो , तो कोई सरकारी कर्मचारी उस पर कार्रवाई करने की हिम्मत कैसे करता | यह बात पंचायतों में महिलाओं का कोटा तय होने के बाद से सामने आती रही है | गाँवों में पंच पति , और सरपंच पति का पद आप को सामान्य बातचीत में सुनाई देगा | सरकारी अधिकारियों की मीटिंग में भी पञ्च पति और सरपंच पति जाते हैं | पर मंत्री पति के जलवे पहली बार सुने हैं | यह बात यही बिहार में खत्म नहीं होती | जहां जहां समाज कल्याण मंत्री महिला है , वहां वहां की जांच जरुरी है  | भाजपा आलाकमान के पास एक और राज्य की खबर भी पहुंची हुई है | जहा की महिला समाज कल्याण मंत्री का पति मंत्री से ज्यादा सक्रीय हैं | मंत्री के पास जाने से पहले पति से मिलना पड़ता है |

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