हिन्दू आतंकवाद थ्योरी की हवा निकलने लगी 

Publsihed: 08.Mar.2017, 21:03

अजमेर शरीफ के ब्लास्ट का पहला नतीजा आ गया है | नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी की अदालत में पहला फैसला आ गया | यूपीए सरकार ने अजमेर शरीफ, मालेगांव, मक्का मस्जिद , समझौता एक्सप्रेस विस्फोटों को हिन्दू आतंकवाद बताया था | चारों आतंकवादी वारदातों के तार एक दूसरे से जोड़े थे | स्वामी असीमानंद तीनो वारदातों में मुख्य अभियुक्त बनाए गए थे | हिन्दू या भगवा आतंकवाद का पहला जुमला जयपुर में फैंका गया था | जयपुर में कांग्रेस का अधिवेशन था | तब सुशील कुमार शिंदे देश के गृह मंत्री थे | शिंदे ने कहा-" गृहमंत्रालय की जांच में निकला है कि आरएसएस और भाजपा के ट्रेनिंग केम्पों में हिन्दू आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जा रही है |" बड़ा विवाद खडा हुआ | आखिर में शिंदे ने संसद में बयान वापस लिया और सफाई दी | पर मुस्लिम आतंकवाद का बचाव करने की कांग्रेसी साजिश तो 2009 से जारी थी | तभी तो स्वामी असीमानंद, स्वामी दयानंद पांडे , साध्वी प्रज्ञा , कर्नल पुरोहित , सुनील जोशी, संदीप डंग , भारत भाई को फर्जीवाड़ा कर के चार्जशीट किया गया | इन में से कोई भी आरएसएस का जिम्मेदार अधिकारी नहीं था | असीमानंद जरूर वनवासी कल्याण आश्रम की जिम्मेदारी पर रहे थे | इस लिए संघ के अधिकारी इन्द्रेश कुमार को बाद में फंसाया गया | बुधवार को आए एनआईए अदालत के पहले फैसले में असीमानंद और इन्द्रेश दोनों बरी हो गए | यह पहला फैसला अजमेर शरीफ के बम धमाकों का है | बम धमाके 11 नवम्बर 2007 को हुए थे | राजस्थान पुलिस की एटीएस ने अक्टूबर 201० को चार्जशीट दाखिल की | असीमानंद की गिरफ्तारी एक महीने बाद नवम्बर में हुई | उस के एक महीने बाद दिल्ली मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में असीमानंद का तथाकथित कन्फेशन हुआ | यह कन्फेशन पुरी तरह चंडूखाने का था | असीमानंद ने एक बार चंडीगढ़ की अदालत से निकलते हुए कहा था-"मैंने कन्फेशन नहीं दिया है|" कांग्रेस और यूपीए सरकार की सारी  हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी इस कन्फेशन पर आधारित थी | जो पूरी तरह बेसिर पैर का था | जैसे इस कन्फेशन में असीमानंद की कर्नल पुरोहित से बातचीत का हवाला था | कर्नल पुरोहित से भी यह कन्फेशन करवाया गया | पर दोनों में बातचीत का न कोइ आधार था, न सबूत | इसी कन्फेशन का एक पैराग्राफ हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी की हवा निकालता है | इस पैरा में असीमानंद की तरफ से कहा गया था -" समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के अगले दिन मैं भारत भाई के घर गया | साध्वी प्रज्ञा और सुनील जोशी भी वहीं पर थे | मैंने सुनील जोशी से पूछा कि ब्लास्ट के समय वह कहाँ थे | सुनील जोशी ने कहा-यह हमारा काम है | पर मैंने कहा-यह आईएसआई का काम है | जोशी ने कहा- आईएसआई मुसलमानों को कैसे मार सकती है | इस पर मैंने कहा-पाकिस्तान में रोज मुसलमानों की आतंकवादी वारदातों में ह्त्या हो रही है | सुनील जोशी के पास इस का कोई जवाब नहीं था |" अब इस बातचीत से कोई कम पढ़ा लिखा भी क्या अंदाज लगाएगा | यही न कि हिन्दू आतंकवाद सिर्फ हवा-हवाई था | मुसलमान मरे, इस लिए आक्रोशित हिन्दू खुश थे | वे श्रेय लेने की कोशिश कर रहे थे | जबकि जोशी के बडबोलेपन पर जब असीमानंद ने सवाल किया | तो जोशी के पास कोई जवाब नहीं था | अब कोई भी अंदाज लगा सकता है कि समझौता एक्सप्रेस केस में क्या सबूत होगा | कैसा सबूत होगा | जैसे बुधवार को अजमेर शरीफ मामले  में हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी अदालत में पीटी | वैसे ही समझौता एक्सप्रेस केस में पीटेगी | यूपीए सरकार ने अपनी अदालतों की साख गिराने की भी साजिश रची थी | अब न तो मालेगांव केस में हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी से कुछ निकलना है | न मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में | पाकिस्तान को कहने का मौक़ा मिलेगा कि भारत की अदालतें निष्पक्ष नहीं | पर कांग्रेस अभी भी आतंकवाद को समझने को तैयार नहीं | लखनऊ की मुठभेड़ को फर्जी बताने की आशंका अभी बनी हुई है | जहां मुठभेड़ में मारे गए सैफुल्लाह के पास से आईएसआईएस का पोस्टर भी मिला | बड़ी मात्रा में गोला बारूद भी मिला | पुलिस ने उसे सरंडर करने का मौक़ा दिया था | पर उस ने कहा -" मैं मर जाऊँगा , पर सरंडर नहीं करूंगा |" बाटला हॉऊस में जब मुठभेड़ हुई थी, तब भी सरंडर का मौक़ा दिया गया था | पर न सरदार तब हुआ, न अब हुआ | तब कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने मुठभेड़ को फर्जी कहा था | अब उन्हीं दिग्विजय सिंह ने मुसलमानों में कट्टरता का ठीकरा मोदी के सर फोड़ दिया | यानि 2005,2006 ,2007, 2008 के जयपुर,पुणे,हैदराबाद, दिल्ली ,मुम्बई , वाराणसी ,मक्का मस्जिद,अजमेर शरीफ , मालेगांव में तो ब्लास्ट हुए ही नहीं थे | आतंकवाद तो मई 2014 के बाद शुरू हुआ | मुसलमान मोदी के कारण आतंकी बनाने शुरू हुए | किसी और ने तो अभी दिग्विजय का समर्थन नहीं किया | पर वढेरा के रिश्तेदार एहसान पुनेवाला ने जरूर समर्थन किया है | यानि बड़े घर की सहमति है | दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा-" सोचना होगा, मुस्लिम आतंकी क्यों बन रहे हैं |" हाँ सोचिए , पर उन के बचाव में हिन्दुओं को तो तो आतंकी न बताईए | अदालत में आप के चंडूखाने के केस ठहर नहीं रहे |  

 

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