राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का सवाल

Publsihed: 31.Oct.2017, 09:20

 अजय सेतिया / सुब्रहमन्यम स्वामी का भी कोई जवाब नहीं | राम जेठमलानी से कम सनकी नहीं हैं | दोनों जिस के पीछे पड जाएं , हाथ धो कर पड जाते हैं | जेठमलानी और स्वामी दोनों ही सत्तर के दशक में अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी थे | स्वामी कहते हैं कि मोरारजी देसाई उन्हें अपने मंत्रिमंडल में लेना चाहते थे | पर वाजपेयी ने उन्हें मंत्री नहीं बनने दिया | क्योंकि जनता पार्टी बनने से पहले वह जनसंघ में थे | इस लिए जनसंघ वाले हामी भरते तभी वह मंत्री बन सकते थे | इस लिए स्वामी ने जनसंघ से किनारा कर लिया | 1980 में जब पूर्व जन संघियों ने भाजपा बनाई , तो स्वामी उस में नहीं गए | वाजपेयी मुम्बई में अध्यक्ष चुने गए थे और राम जेठमलानी मंच पर वाजपेयी की बगल में बैठे थे | 1998 में जब वाजपेयी पीएम बने तो जेठमलानी उन के विधि मंत्री थे | पर वह दोस्ती ज्यादा नहीं चली | जेठमलानी कहते हैं कि अरुण जेटली ने उन की वाजपेयी से दोस्ती बिगाड़ी | स्वामी 1998-99 में भाजपा में आना चाहते थे | पर अरुण जेटली दीवार बन गए थे | यानि जेठमलानी और स्वामी दोनों का दर्द अरुण जेटली हैं | स्वामी ने 1999 में सोनिया और जयललिता को चाय पार्टी पर मिलवाया | दोनों की मदद से वाजपेयी सरकार गिरा दी | स्वामी ने वाजपेयी की सरकार गिरवा कर  1977 में मंत्री नहीं बनने देने का बदला ले लिया | और जेठमलानी तो 2004 में वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ में चुनाव मैदान में कूद गए थे | खैर स्वामी की छवि है कि वह नकारात्मक राजनीति करते हैं | वाजपेयी का जमाना खत्म होने के बाद स्वामी अब भाजपा के सांसद हैं | गांधी परिवार के खिलाफ तो वह 1999 के बाद से ही मोर्चा खोले हुए हैं | पहले सोनिया गांधी की दोहरी नागरिकता का सवाल था | अब राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का सवाल | यह मार्च 2016 की बात है | जब राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय से एक नोटिस गया था | नोटिस लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाली नैतिकता कमेटी ने भेजा था | जो राहुल गांधी की नागरिकता से सम्बन्धित था | स्वाभाविक है शिकायत सुब्रहमन्यम स्वामी ने भेजी थी | शिकायत में कहा गया था कि राहुल ब्रिटेन के भी नागरिक हैं | संविधान के अनुच्छेद 9 और 18 के मुताबिक़ कोई दो देशों का नागरिक नहीं हो सकता | राहुल क्योंकि ब्रिटेन के भी नागरिक है , इस लिए उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म की जाए | स्वामी ने राहुल गांधी की कम्पनी "बैकोप्स" के कागज शिकायत के साथ लगाए थे | यह कम्पनी राहुल गांधी ने 2002 में पहले मुम्बई में रजिस्टर्ड करवाई थी | जो इंजीनिरिंग डिजाइन का काम करने के लिए बनाई गई थी | फिर 21 सितम्बर 2003 को ब्रिटेन में रजिस्टर्ड करवाई | जिस में राहुल गांधी ने अपना पता पहले लंदन का लिखा था | फिर संशोधन करवा कर लिखा है -" 51, साऊथ गेट स्ट्रीट , विनचेस्टर ,हेम्पशायर |"  कम्पनी में राहुल डायरेक्टर और सक्रेटरी हैं | एक ब्रिटिश नागरिक भी कम्पनी का डायरक्टर है | स्वामी ने अपनी शिकायत में ब्रिटेन के कम्पनी हॉउस रिकार्ड के दो दस्तावेज लगाए थे | दोनों कम्पनी की वार्षिक रिपोर्ट के हैं | एक दस्तावेज 10 अक्टूबर 2005 का है | दूसरा 31 अक्टूबर 2006 का | इन दोनों दस्तावेजों में राहुल ने दाखिल कम्पनी की रिपोर्ट में खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है | असल में ऐसे तीन दस्तावेज हैं | तीसरे दस्तावेज पर टाईप हुआ "ब्रिटिश " हटा कर हाथ से "इंडियन" लिखा गया था | इसलिए समझा जा सकता है कि ब्रिटेन में टाईप करने वाले ने आदत के मुताबिक़ "ब्रिटिश" टाईप कर दिया होगा | दस्तखत करते वक्त एक दस्तावेज पर राहुल गांधी की निगाह पड गई होगी | जो हाथ से ठीक कर दिया गया | खैर नोटिस आते ही कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया | कांग्रेस ने कहा-"अगर दस्तावेज में गलती से ऐसा हो गया है, तो उसे ठीक करवा लिया जाएगा |" राहुल गांधी ने 23 मार्च 2016 को अपना जवाब लोकसभा को भेज दिया | जवाब में राहुल ने कहा था कि स्वामी से एफिडेविट देने को कहा जाए | या उन से मेरी ब्रिटिश नागरिकता के सबूत मांगे जाएं | उन ने इस बात पर हैरानी भी जताई थी कि गुमराह करने वाली शिकायत की जांच हो रही है | शिकायत पर जांच से पहले ब्रिटेन के गृह मंत्रालय से तो पूछ लिया जाता | अब लोकसभा की नैतिकता कमेटी ब्रिटेन के गृह मंत्रालय से पूछताछ नहीं करवा सकती थी | तो आडवाणी ने यह कह कर स्वामी की शिकायत ठंडे बस्ते में डाल दी कि जांच कमेटी के दायरे से बाहर है | पर स्वामी कहाँ हार मानने वाले हैं | उन ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिठ्ठी लिख मारी कि वह जांच करवाएं | वैसे यह भारत के गृहमंत्री के बस का मामला भी नहीं है | वह भी विदेश मंत्रालय को भेजे गा, अगर भेजेगा तो | पर राजनाथ सिंह ने रूटीन में जवाब भेज दिया कि जांच करवा रहे हैं | गुजरात विधानसभा चुनाव में जब राहुल चुनौती बन कर उभरे हैं | जब राहुल गांघी की अगले महीने पार्टी अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो रही है | ऐसे मौके पर इस चिठ्ठी ने राजनीति के कुँए में कंकर फैंक दिया है | 

 

आपकी प्रतिक्रिया