भूपेश बघेल से कोई पूछे देशद्रोह क्या होता है

Publsihed: 30.Dec.2021, 19:30

अजय सेतिया / हिन्दू विरोधी मीडिया और जाने पहचाने हिन्दू विरोधी पत्रकारों ने टिप्पणियाँ की हैं कि काली चरण महाराज ने रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली निकाली थी | इसलिए छतीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उन के खिलाफ दो थानों में ऍफ़आईआर दर्ज करवाई | और छतीसगढ़ की पुलिस आधी रात को चोरी छिपे मध्यप्रदेश में घुस कर कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर ले गई | यह अभी तक सामने नहीं आया कि कालीचरण ने महात्मा गांधी को क्या गाली दी थी | सार्जनिक मंच पर कोई कैसे गाली निकाल सकता है , वह भी धर्म संसद में | खोजबीन की तो पता चला कि उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी ने देश का सत्यानाश किया | अब इस में गाली कहाँ है | ऐसा मानने वाले लाखों–करोड़ों हैं कि देश का बंटवारा महात्मा गांधी के कारण हुआ |

देश के हिन्दू कभी नहीं चाहते थे कि देश का बंटवारा हो , और भारत का एक भाग काट कर इस्लाम के नाम पर मुसलमानों को दे दिया जाए | क्या पाकिस्तान का निर्माण इस्लाम के नाम पर नहीं हुआ था | क्या यह सच नहीं है कि महात्मा गांधी ने खिलाफत आन्दोलन को समर्थन दे कर विभाजन की नींव रखी थी | क्या यह सच नहीं है कि खिलाफत आन्दोलन के कारण ही लाखों हिन्दुओं का कत्ल किया गया था | कालीचरण ने अगर यह कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है | तो क्या गलत कहा , जिन्हें इस्लाम का इतिहास नहीं मालूम ,वही कालीचरण की बात को गलत ठहरा सकता है | काली चरण महाराज ने तो क्या ,सारी दुनिया ने सन् 1947 में अपनी आंखों से देखा कि कैसे इस्लाम के नाम पर राजनीति कर पाकिस्तान बनवाया गया |

क्या यह सच नहीं है कि गांधी  ने कहा था कि विभाजन उनकी लाश पर होगा | फिर उन्होंने विभाजन क्यों होने दिया | जिन्नाह को प्रधानमंत्री बना कर विभाजन टाला जा सकता था , लेकिन जवाहर लाल नेहरु को यह मंजूर नहीं था | सिर्फ नेहरू को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए गांधी ने क्या इस देश के साथ विश्वासघात नहीं किया | क्या यह सच नहीं है कि देश की आजादी के बाद जब सब लोग पटेल को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, तो अकेले गांधी के कहने पर ही नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया गया था | गांधी ने नेहरू के लिए अपने जीवन भर के कमाये हुए पुण्य और सिद्धांत अर्पित कर दिए थे | इसलिए गांधी नेहरू की कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि से नवाजा , क्या इतना ही काफी है कि कोई गांधी की विवेचना करे तो उस पर मुकद्दमा ठोक दिया जाए | और कांग्रेस की पुलिस चोरों की तरह रात के अँधेरे में किसी राज्य में घुस कर किसी को उठा ले जाए | जबकि संविधान में कहीं राष्ट्रपिता शब्द का जिक्र ही नहीं है | जब कांग्रेस के नेता देश के चुने हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणियाँ करते हैं , तो देश के हर नागरिक को महात्मा गांधी के व्यक्तित्व, नेतृत्व और कृतित्व पर राय रखने का अधिकार है |

कालीचरण महाराज ने इतना ही तो कहा था कि मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त यानि 1947 में देश का सत्यानाश किया | हाँ , उनके इस कथन पर आपत्ति हो सकती है , जिस में उन्होंने गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ़ करते हुए उन्हें नमस्कार किया | लेकिन सिर्फ आपत्ति की जा सकती है , यह कानूनी अपराध नहीं है | काली चरण ने तीसरी बात यह कही कि लोग हिंदू धर्म की "रक्षा" करने के लिए एक 'कट्टर हिंदू नेता' चुनें | उन की इस टिप्पणी और इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करने वाली टिप्पणी पर भूपेश बघेल की सरकार ने धारा 505 (2) लगवाई है | जिन्नाह ने इस्लाम की राजनीति के जरिए पाकिस्तान बनवाया है , इसलिए कालीचरण की यह टिप्पणी एतिहासिक तथ्यों पर आधारित है | जब भूपेश बघेल के नेता राहुल गांधी सरेआम हिन्दुत्व के खिलाफ बोलते घूम रहे हैं | तो हिन्दुओं को भी अधिकार है कि हिंदू धर्म की "रक्षा" करने के लिए एक 'कट्टर हिंदू नेता' को चुनने की बात कहें | भूपेश बघेल या सेक्यूलर जर्नलिस्ट क्या बताएंगे कि छतीसगढ़ पुलिस ने बाद में देशद्रोह की धारा 124 ए कैसे जोड़ी | उन के किस बयान में देशद्रोह है ? देश का विभाजन करवाना देशद्रोह या विभाजनकारी शक्तियों को बेनकाब करना देशद्रोह है |

 

 

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