बेटी मांग रही सर,देश मांग रहा जवाब 

Publsihed: 03.May.2017, 00:37

सर्जिकल स्ट्राईक के बाद जगी उम्मींद पर भी पानी फिर गया | अपनी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राईक के बाद की तैयारी नहीं की | पाकिस्तान की जाहिल सेना फिर हमारे सेनिकों का सर काट ले गए | डीजीएमओ की मीटिंग में पाक साफ़ मुकर गया | उस ने युद्धविराम के उलंघन से भी इनकार किया | दो सेनिकों का सर काटने से भी इनकार किया | पाकिस्तान ने सबूत माँगा है | अपन हर बार सबूत देते हैं | वे हर बार सबूतों को नकार देता है | अपन पाकिस्तान के साथ कब तक सबूत सबूत खेलते रहेंगे | अपने यहाँ से कड़े जवाब की बात कही गई | सेनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा , यह भी कहा गया | वही पुराने जुमले | पहले देश यूपीए के मंत्रियों से सुनता था | अब एनडीए के मंत्रियों के मुहं से | चेहरे बदले हैं | बयान हूँ-ब-हूँ वही | देश की जनता ने बड़ी उम्मींदों से सत्ता परिवर्तन किया था | वही जुमले सुन कर जनता का गुस्सा बढ़ रहा है | सेना का दावा है कि सोमवार की रात पाकिस्तान की दो पोस्टें तबाह कर दी | पाकिस्तान ने वैसे ही इनकार किया , जैसे सर्जिकल स्ट्राईक के बाद किया था |  इधर मंगलवार को अपने दो सैनिकों के शरीर उनके घर पहुंचे | तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था | शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह का शव पंजाब के तरनतारन पहुंचा | परमजीत सिंह के घर ही नहीं पूरे तरनतारन में मातम का माहौल था | भारी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे | परमजीत के बेटियों ने सरकार से अपने पिटा का पूरा शरीर मांग लिया | बेटी ने पहले तो बाप की अधूरे शरीर का दाह संस्कार का इनकार कर दिया था | बड़ी मुश्किल से परिवार अंतिम संस्कार के लिए माना | परमजीत के भाई रणजीत सिंह ने कहा कि वह उन का भाई बाद में था | देश का सैनिक पहले था | उस के साथ जो कुछ हुआ , उसे देश देख कैसे रहा है | हम कब तक पाकिस्तान को सर देते रहेंगे | पाकिस्तान से बदला कब लेंगे | भारत सरकार की नीति क्या है ? उधर यूपी के देवरिया के शहीद प्रेम सागर का शव पहुंचा |  वहां भी गुसा तरनतारन जैसा ही था | प्रेम सागर की दो बेटियां ने नरेंद्र मोदी के सामने वही मांग रखी |  जो यूपीए राज के वक्त सुषमा स्वराज ने मनमोहन सिंह के सामने रखी थी |  सुषमा स्वराज ने मांग रखी थी कि एक के बदले सर लाए जाएं | प्रेम सागर की बेटियों ने कहा उन्हें एक सिर के बदले 50 सिर चाहिए | इस हालात में कौन पाकिस्तान से वार्ता चाहेगा | इस हालात में कौन राजनीति करेगा | इस के बावजूद अपन ने मंगलवार को भी राजनीति होते देखी | कपिल सिब्बल ने यूपीए सरकार के वक्त हुई इसी घटना याद करवाई | उनने याद करवाया स्मृति ईरानी का बयान | स्मृति ईरानी ने प्रधानमंत्री को चूड़ियाँ भेजने की बात कही थी | कांग्रेस के लिए बदला लेने का वक्त है | असल में ऐसी घटनाओं ने ही देश में कांग्रेस विरोधी माहौल बनाया था | इस लिए कांग्रेस पाकिस्तान के खिलाफ कम बोल रही है | मोदी पर सवाल ज्यादा उठा रही है | सोमवार को सुरजेवाला का 56 इंच छाती वाला बयान टीवी चैनलों पर छाया रहा | मंगलवार को कांग्रेस की शमा मोहम्मद ने ऐसे हालात में ही पाक से वार्ता की वकालत कर दी | यानि सेनिकों के शवों पर राजनीति अपने शबाब पर है | भाजपा नेताओं को कुछ नहीं सूझ रहा | संबित महापात्रा का पहला बयान ईंट का जवाब पत्थर से देने वाला आया | हालांकि यह बयान एक टीवी चैनल पर तब आया | जब कांग्रेस की शमा मोहम्मद ने पूछा अब आप क्या करेंगे, आप का सर्जिकल स्ट्राईक तो फेल हो गया | तब संबित महापात्रा ने कहा --इंतज़ार करो, पाकिस्तान को जल्द जवाब दिया जाएगा | देश की जनता जवाब का इंतज़ार तो कर ही रही है | क्या जवाब दिया जाएगा | क्या एक और सर्जिकल स्ट्राईक होगा | क्या अब का सर्जिकल स्ट्राईक पहले से भी बड़ा होगा | वैसे पाकिस्तान ने पहले सर्जिकल स्ट्राईक होने से भी इनकार किया था | पाकिस्तान के इनकार पर अपने विपक्षी नेताओं ने भी भरोसा कर लिया था | तभी तो सर्जिकल स्ट्राईक पर सवाल पूछे गए थे | वे सवाल कांग्रेस को यूपी और उत्तराखंड में महंगे पड़े | केजरीवाल को पंजाब और गोवा में महंगे पड़े | पर काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती | मोदी सरकार के सामने धीमे आर्थिक विकास के अलावा दो बड़ी चुनौतिया हैं | एक है बस्तर की नक्सली समस्या और दूसरी कश्मीर का आतंकवाद और पाकिस्तान | नोटबंदी के समय मोदी ने तीनों समस्याओं पर निशाना का दावा था | दावा था कि आर्थिक स्थिति सुधरेगी, कश्मीर में पत्थर फैंकने वालों की कमर टूट गई | बस्तर में नक्सलियों की कमर टूट गई | अभी हाल ही में नक्सलियों ने बस्तर में 26 जवान मार डाले | कश्मीर में लड़कों के बाद लडकियां भी सेना पर पत्थर फैंकने लगी हैं | पाकिस्तान की सेना फिर भारत में घुस कर अपने दो सैनिकों का सर काट ले गई | हरि ओम पवार आज के जमाने के सुप्रसिद्ध कवि हैं | उन्हें भाजपा और मोदी का समर्थक माना जाता है | मोदी के समर्थन में कवितायेँ भी लिखी हैं | उन की ताज़ा कविता जनता की भावना का इजहार करने वाली है | सुनी - ' कब तक तिरंगे में लिपटी लाशें देखेंगे | कब तक सैनिकों का अपमान देखेंगे | दिल्ली वालो अपने मन को बुद्ध करो या युद्ध करो | कश्मीर को दान करो या गद्दारों से युद्ध करो | शायद तुम भी सत्ता मद के अहंकार में ऐठे हो | क्या सत्रह मंत्री मरने के इंतज़ार में बैठे हो | '

 

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