चौबीस घंटे में तीन चार्जशीट दाखिल 

Publsihed: 02.Feb.2018, 23:24

अजय सेतिया / राजस्थान के चुनाव नतीजों ने खलबली मचा दी है | अपन ने बजट से ज्यादा महत्व राजस्थान के उप चुनावों को दिया था | राजस्थान के चुनाव नतीजों ने राजग में खलबली मचाई | तो भाजपा सरकार भी हडबडी में आ गई | चुनाव नतीजों के 24 घंटों के भीतर तीन मामले कोर्ट में पहुंच गए | बाढ़ साल के बाद बोफोर्स का भूत फिर उठ खडा हुआ | अब जब कि मोदी सरकार के 44 महीने बीत चुके हैं | सिर्फ 16 महीने बाकी बचे हैं , तो बोफोर्स घोटाले की अपील ने राजनीति गर्म कर दी है | कांग्रेस इसे मोदी सरकार की दुर्भावना और हडबडी बता रही है | वैसे रिकार्ड के लिए बता दें कि मनमोहन सिंह ने सरकार बनते ही सब से पहला काम बोफोर्स का किया था | एक साल से भी कम समय में हाईकोर्ट से सभी बोफोर्स आरोपियों को बरी करवा लिया था | हंस राज भारद्वाज तब क़ानून मंत्री हुआ करते थे | वह ताल ठोक कर कहते थे कि उन ने अपना काम कर दिया | सीबीआई ने तब हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देनी चाही थी | भले ही औपचारिकता के लिए ही चुनौती की बात कही थी | सीबीआई को पता था कि इजाजत कहाँ मिलनी है | हंस राज भारद्वाज ने न सिर्फ ईजाजत नहीं दी | अलबत्ता डांट भी पिलाई थी | सीबीआई ने इजाजत नहीं दिए जाने की बात पिछले साल संसदीय कमेटी के सामने कही थी | पर मोदी सरकार ने इतनी देर क्यों लगाई | वह 44 महीने लम्बी तान कर क्यों सोई रही | यह सवाल तो बनता है कि सुप्रीमकोर्ट में चुनौती पहले क्यों नहीं दी गई | राजस्थान उप चुनाव के नतीजों से बोफोर्स का कुछ लेना देना नहीं | पर नतीजों के कुछ घंटे के भीतर चार्जशीट दाखिल हो गई | कुछ घंटों के अंदर ही कांग्रेस के वीरभद्र सिंह के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल हुई | चौबीस घंटों के भीतर कांग्रेस के ही भूपेन्द्र सिंह हूड्डा के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल हो गई | पहले वीरभद्र सिंह की बात |  प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में वीरभद्र सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है | एक महीना पहले तक वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे | तब उन ने सुप्रीमकोर्ट में जा कर अपनी चार्जशीट रुकवा ली थी | पर अब कोई चारा नहीं चला |  उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की गई है | दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के केस हैं | वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा चार और भी चार्जशीट हुए हैं | दिल्ली की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं | अदालत ने सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है | बाकी आरोपी हैं  चुन्नी लाल चौहान, आनंद चौहान, प्रेम राज और लवण कुमार |  पहले प्रवर्तन निदेशालय ने आनंद चौहान के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी | अब बात भूपेन्द्र सिंह हूड्डा की | सीबीआइ ने हुड्डा के खिलाफ मानेसर भूमि घोटाला मामले में चार्जशीट दायर की है | हरियाणा में भाजपा सरकार बन्ने के बाद यह मामला 2015 में दर्ज किया गया था | आरोप है कि हुड्डा के शासनकाल में सैकड़ों एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई | यह जमीन किसी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए नहीं थी | अलबत्ता अधिकृत कर बिल्डरों को अलाट कर दी गई | कानूनन बिल्डरों को कालोनी बनानी हो तो उन्हें खुद मार्केट भाव में जमीन खरीदनी होती है | पर हुड्डा और उनकी सरकार के अफसरों ने मिल कर बिल्डरों को फायदा पहुंचाया | मानेसर जमीन घोटाला करीब 1600 करोड़ का बताया जाता है | अगर सीबीआई का आरोप सच है तो कोई किसी को ऐसे ही फायदा नहीं पहुंचाता | और हरियाणा में तो बिलकुल नहीं | जहां ओम प्रकाश चौटाला ने तो टीचरों को नौकरी दे कर अर्बोब कमा लिए थे | जिस में उन्हें दस साल जेल की हवा कहानी पडी | वह अभी भी जेल की हवा खा रहे हैं | तो क्या अब ह्हरियाणा के दुसरे मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की बारी है | क्या भाजपा सरकार अक्टूबर 2019 से पहले उन्हें सजा करा देगी | अक्टूबर 2019 को विधानसभा के चुनाव हैं | वैसे हरियाणा में भाजपा की हवा राजस्थान से भी ज्यादा खराब है | हुड्डा समेत 34 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई | जिन में ज्यादातर तो  बिल्डर है | हुड्डा के ख़ास रहे आईएएस अफसर भी हैं, जो रिटायर हो चुके हैं | करीब 80 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल हुई है | जिन्हें सीबीअई के अफसर दो अलमारियों में भरकर पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में ले गए थे | सीबीआइ के विशेष जज ने 26 फरवरी तक बाकी  दस्तावेज जमा कराने को कहा है | चार्जशीट में हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव एमएल तायल और पूर्व प्रधान सचिव छतर सिंह तो शामिल हैं ही | हुडा के तत्कालीन प्रशासक एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सिंह भी शामिल हैं | चार्जशीट दाखिल होते ही अफसरशाही तथा बिल्डरों में हड़कंप मच गया | बाकी मामलों की तरह कांग्रेस ने इस कारर्वाई को  भी सियासी रंजिश कहा है | पर इधर हडबडी है, तो हडबडी उधर भी मचा दी है | और वह भी चौबीस घंटों के अंदर |

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