मोदी का पलटवार ,मैंने चाय बेची है, देश नहीं 

Publsihed: 27.Nov.2017, 20:42

अजय सेतिया / मोदी ने गुजरात के चुनाव की बागडोर खुद संभाल ली है | सोमवार को एक दिन में चार रैलियों को संबोधित किया | मंगलवार को गुजरात में शायद ही एक-आध रैली को सम्बोधित करें | मंगल का दिन उन ने अमेरिकी राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी के लिए रखा हुआ है | ट्रम्प की बेटी अवाना को मोदी ने भारत आने का न्योता दिया था | और वः बीच चुनाव में आ पहुंची है | अवाना को मिलने मोदी मंगलवार को हैदराबाद जाएंगे | पर बात गुजरात के चुनाव प्रचार की | गुजरात पहुंचते ही मोदी कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने में मशगूल हो गए | यूथ कांग्रेस ने मोदी को चाय याद दिला कर राहुल गांधी के पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी | कांग्रेस कभी कहती है- वह वैब साईट हमारी नहीं, जिस में मोदी पर स्केच बनाया गया है | कभी स्केच की भाषा को खारिज करती है | यानी बचाव की मुद्रा में आ गई है | मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में इसी मुद्दे को पकड़ लिया है | सोमवार को उन ने अपने भाषणों में कहा -" आ मोदी छ: , चाय बेच लूंगा, लेकिन देश नहीं |" मोदी के इस एक वाक्य ने कांग्रेस के पापों का पिटारा खोल दिया है | नेहरू के जमाने में चीन को छोडी गई जमीन याद करवाई जा रही है | नेहरु की गलती से पाकिस्तान को छोडी गई कश्मीर की जमीन याद करवाई जा रही है | भाजपा के प्रवक्ता कांग्रेस पर ऐसे टूट पड़े हैं | जैसे किसी ने मक्खियों के छत्ते को छेड़ दिया हो | डोक्लाम विवाद के समय राहुल की चीनी राजदूत से मुलाक़ात को उछाला गया है | मोदी ने कांग्रेस पर देश बेचने का सिर्फ आरोप नहीं लगाया | अलबत्ता बोफोर्स, कोयला और 2जी घोटालों का जिक्र करते हुए कहा-" कांग्रेस ने लूटने में जल,थल,नभ कुछ नहीं छोड़ा |" लोकसभा चुनाव में मोदी ने खुद को चाय बेचने वाला बताया था | इसे भुनाने के लिए -" चाय पर चर्चा " का गली मौहल्लों में प्रचार कार्यक्रम भी चला | मोदी अपनी बचपन में चाय बेचने वाली बात को भुनाने का कोई मौक़ा नहीं चुकते | इस इतवार को भी भाजपा ने मोदी के चाय बेचने को भुनाया | जब मोदी रडियो से "मन की बात " प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे | तब गुजरात के 50128 पोलिंग बूथों पर चाय पर मन की बात सूनी-सुनाई जा रही थी | भाजपा के 192 लीडर चाय की चुस्कियां लेते हुए मोदी के  "मन की बात " सुन रहे थे | वैसे गुजरातियों के बारे में मशहूर है कि वे जल्दी से मन की बात नहीं कहते | जब वे बोल रहे होते हैं, तो कुछ और सोच रहे होते हैं | पर बात चाय की | मोदी खुद चाय को भुनाएं , तो अलग बात | भाजपा चाय को भुनाए , तो अलग बात | पर जैसे ही कांग्रेस चाय की चुटकी लेती है, मोदी भूखे शेर की तरह कांग्रेस पर झपटते हैं | असल में कांग्रेस को मुद्दा ही नहीं पकड़ना आता | वह  इस बात को आत्मसात नहीं कर पाती कि चाय वाले का पीएम बनाना लोकतंत्र की खूबसूरती है | आम भारतीय अगर वह कांग्रेस का वर्कर नहीं | तो वह भारत के लोकतंत्र की इस ख़ूबसूरती पर गौरव महसूस करता है | भले ही वह मोदी का विरोधी ही क्यों न हो | चाय वाला मुद्दा उसे गौरान्वित करता है | कांग्रेसी इसी बात को नहीं समझते | इसी लिए कभी मणिशंकर अय्यर कहते हैं -" चाय बेचने वाला कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता |" तो देश की जनता इसे चुनौती की तरह लेती है और उसे पूर्ण बहुमत दे कर प्रधानमंत्री बनाती है | कांग्रेसियों ने इस से भी सबक नहीं सीखा | मोदी का प्रधानमंत्री बनना भी नहीं पच रहा | तभी कांग्रेसी मोदी के स्केच पर इस तरह की हिकारत भरी टिप्पणी करते हैं -"तू चाय बेच |" मोदी ने सोमवार को इसे जम कर भुनाया और पूरे चुनावों में भुनाएंगे | उन ने फिर कहा कि कांग्रेस को उन का पीएम बनना पच नहीं रहा |  नेहरु-गांधी परिवार से बाहर का कोई आम आदमीं पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री कैसे बन गया |  नेहरू गांधी परिवार पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा-" पहले इन्होने सरदार पटेल के साथ अन्याय किया | अब गुजरात के बेटे पर आरोप लगा रहे हैं |" असल में राहुल गांधी ने पिछले दिनों मोदी पर राफेल सौदे में दलाली के आरोप लगाए थे | मोदी ने कहा कोई गुजराती कांग्रेस के झूठ को बर्दाश्त नहीं करेगा | अब मोदी के हमलों का जवाब देने की बारी राहुल गांधी की है | गुजरात में कांग्रेस के किसी नेता का इतना कद नहीं बचा कि मोदी को घेर सके | वैसे भी गुजरात की पूरी कांग्रेस सिर्फ राहुल पर निर्भर है | या हार्दिक पटेल, जिग्नेश मवानी ,अल्पेश ठाकोर और छोटू भाई वसावा पर | 

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