मोदी का अमेरिका दौरा और ईद पर नफरत 

Publsihed: 27.Jun.2017, 10:32

यह संयोग है कि ईद के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका में हैं | डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद के चुनाव के वक्त मोदी की तारीफ़ किया करते थे | चुनाव के वक्त उन्होंने आतंकवाद को बड़ा मुद्दा बनाया था | उन के निशाने पर अमेरिकी मुसलमान भी थे | ऐसा लगा , जैसे ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका के हालात खराब होंगे | शुरुआत में कुछ जगह नफरत की वारदातें हुई भी | पर जल्दी ही हालात सुधर गए | हालांकि मोदी तीन साल बाद भी अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं | ट्रम्प तीन महीने बाद भी वह टैम्पो नहीं रख पाए | पर बात ईद की | बीस साल बाद पहली बार व्हाइट हाउस में न तो इफ्तार हुई ,न  ईद मनाई गई | बिल क्लिंटन, जॉर्ज बुश और बराक ओबामा के वक्त इफ्तार भी होती थी, ईद भी मनाई जाती थी | पर जिस नरेंद्र मोदी ने सीएम रहते मुसलमानी टोपी पहनने से इनकार कर दिया था | उन मोदी ने अमेरिका से भारतीय मुसलमानों को ईद की बधाई दी | उन ने अपने सन्देश में कहा- “ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं | कामना है कि यह शुभ दिन हमारे समाज में शांति और भाईचारे की भावना बढ़ाए |" इस्लाम को शान्ति का मजहब कहा जाता है | ईद पर मानवता की भलाई और अमन के लिए दुआ माँगी जाती है | पर हो उलटा रहा है | ईद के मौके पर कश्मीर की मस्जिदों में भी दुआ माँगी गई | दुआ मांगने के बाद जो कुछ हुआ उस से हर सच्चा मुसलमान शर्मसार हुआ होगा | शान्ति की दुआ मांगने के बाद दर्जनों जगहों पर हिंसा हुई | मानवता की दुआ मांगने के बाद सेनिकों पर पथराव किया | सीआरपीएफ के दो जवानों समेत कई लोग जख्मी हुए | श्रीनगर की हनफिया और अहले हदीस ईदगाह में नमाज़ के बाद नफ़रत फैलाने वाले नारे लगे | मस्जिद से निकले नमाजियों ने पुलिस पर पथराव किया | पुलवामा, कुलगाम, शोपियां, बारामुला और अनन्तनाग में भी हिंसक वारदातें हुई | अनंतनाग की जंगलातमंडी में 500 कट्टरपंथियों ने सीआरपीएफ कैंप पर पत्थरबाजी की | पुलवामा में कट्टरपंथियों ने हिज्बुल आतंकी ज़ाकिर मूसा के समर्थन में नारे लगाए | सोपोर में भी नमाज़ के बाद ईदगाह से निकल कर पुलिस पर पत्थरबाज़ी की | पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े | बात नहीं बनी तो पैलेट गन भी चली | गृहमंत्री राजनाथ सिंह जब ईद की बधाई दे रहे थे, तो उनने कश्मीर में अमन की गुहार लगाई | पर कश्मीर के कट्टरपंथी  तो इस्लाम विरोधी काम कर रहे हैं | कश्मीर के कट्टरपंथी मुसलमानों और आईएस आतंकियों में अब कोई फर्क नहीं रहा | कट्टरपंथी कश्मीर के हों , या देश के किस्सी भी हिस्से के | उन को न बेसहारा मुसलमानों की फ़िक्र है , न जकात की फ़िक्र है | हर मुसलमान का फर्ज है कि वह समाज के ऐसे वर्ग की फ़िक्र करे ,जो ईद नहीं मना सकते | सोशल मीडिया पर कुछ मुस्लिम भाईयों ने ईद के मौके पर यह सवाल उठाया | तो अच्छा लगा , पर कट्टरपंथियों की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी | लगता है, बीमारी सिर्फ कश्मीर में नहीं | देश के बाकी हिस्सों में भी शुरू हो चुकी | हिन्दू मुस्लिमों में अविश्वास का सबूत ईद से पहले वल्लभगढ़ की घटना से मिलता है | पिछले हफ्ते वल्लभगढ़ के जुनैद की ट्रेन में पीट-पीटकर की गई हत्या कर दी गई थी | आपसी नफ़रत के ये हालात विस्फोटक हैं | जुनैद की हत्या के खिलाफ गाँव के मुस्लिमों ने काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज पढ़ी | हिन्दुओं को इस पर शर्मसार होना चाहिए | पर जहां एक तरफ ट्रेन की हिन्दू भीड़ हिन्दुओं को शर्मसार करती है | वहां वाराणसी में हिन्दुओं के लिए सिर ऊंचा कर के चलने वाली घटना भी हुई | शबाना नाम की एक बच्ची बहुत दुखी थी | उसे सूझ नहीं रहा था कि उस की ईद कैसे मनेगी | शबाना के घर की हालत ऐसी नहीं थी कि वो अपने कपड़े बनवा सकें | शबाना रो रही थी ,तभी उसके दिमाग में एक ख्याल आया | उसने जिलाधिकारी का नंबर पता किया और उनको एक मैसेज किया | मोबाईल पर मेसेज रोमन में लिखा था -" डीएम सर, नमस्ते, मेरा नाम शबाना है और मुझे आपकी थोड़ी सी हेल्प की जरूरत है | सर सबसे बड़ा त्यौहार ईद है | सब लोग नए कपड़े पहनेंगे ,लेकिन हमारे परिवार में नए कपड़े नहीं आए | मेरे माता-पिता नहीं है | 2004 में इंतकाल हो चुका है | मेरे घर में मैं और मेरी नानी और छोटा भाई है सर |" बस इतना ही मेसेज | डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने पढ़ा , तो वह खुद परेशान हो गए | फफक कर रोने लगे | उन ने उप-जिलाधिकारी सुशील कुमार गौड़ को बुलाया | गौड़ से कहा  कि वह फौरन शबाना और उस के परिवार की ईद का बंदोबस्त करें | और गौड़ ने भी अपना काम बखूबी निभाया | गौड़ आनन-फानन में शबाना के लिए सलवार-सूट, उसकी नानी के लिए साड़ी , और उसके छोटे भाई के लिए जींस का पैंट और टीशर्ट उपहार के रूप में पैक कराकर लेकर गए | एक तरफ नफरत की राजनीति और नफ़रत की अन्तर्राष्ट्रीय कूटनीति है | तो दूसरी और नफ़रत के दौर में योगेश्वर राम मिश्र और सुशील कुमार गौड़ ने शान्ति और भाईचारे का फर्ज अता किया | 

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