अभिव्यक्ति की आज़ादी वाले स्लीपिंग सेल फिर उठ खड़े हुए 

Publsihed: 27.Feb.2017, 22:30

मुझे पिछले साल आईआईटी रूडकी ने बुलाया था | विषय था "चाइल्ड राइट्स" | अगर आईआईटी आख़िरी समय न्योता रद्द कर देती ,तो मैं क्या करता | क्या आईआईटी रुड़की के सामने जा कर प्रदर्शन करता | आप कहेंगे-नहीं  | क्योंकि न्योता देना उन का हक था | तो किसी भी वजह से न्योता रद्द करना भी उन का हक होगा | या मजबूरी होगी | पर 22 फरवरी को जेएनयूं की आईसा ने रामजस कालेज में जा कर प्रदर्शन किया | उन का एतराज था कि उमर खालिद को बुलाने का  न्योता वापस क्यों लिया | नक्सलवादी आईसा को तो मौक़ा चाहिए था | जो उसे रामजस कालेज के न्योते से मिल गया | आज़ादी का झंडा अब जेएनयूं से डीयू पहुँच गया है | हमें क्या चाहिए आज़ादी के नारे पिछले साल जेएनयूं में लगे थे | अब मंगलवार को नार्थ दिल्ली की सडकों पर लगेंगे | पहले 22 को प्रदर्शन हुआ | फिर 24 को पुलिस के खिलाफ हुआ | अब 27 को फिर प्रदर्शन | इस बार आज़ादी के नारे लगेंगे | पर विजुअल मीडिया कहेगा आजादी के नारे नहीं लगे | मीडिया का रूख सोमवार को ही पता चल गया | जब रामजस से आर्ट्स फेकल्टी तक तिरंगा यात्रा निकल रही थी | तो सारा मीडिया "तिरंगे का मिसयूज" बता रहा था | एनडीटीवी की इस भेडचाल में वह टाईम्स नाऊ भी शामिल हो गया | जिस की वामपंथी धारा को अर्नब गोस्वामी ने बदल दिया था | जब से अर्नब गोस्वामी छोड़ कर गए हैं | तब से टाईम्स नाऊ इन्फिरियटी काम्प्लेक्स का शिकार हो चुका | वरना स्टेंड लेने का वैसा ही मौक़ा था | जैसे पिछले साल अर्नब ने स्टेंड ले कर वामपंथियों को बचाव मुद्रा में ला दिया था | वामपंथी ही नहीं, अलबत्ता उनके समर्थक न्यूज चैनल भी हक्के बक्के रह गए थे | अब वही एनडीटीवी एजेंडा तय कर रहा | और टाईम्स नाऊँ फालो कर रहा | एक अखबारी पत्रकार ने फेसबुक पर बढ़िया टिप्पणी की | उन ने लिखा-"चौथे खम्भे जैसी कोई  चीज अब नहीं रही | अब जो है, वह कुछ सूखे पत्ते हैं, जिधर हवा चली उधर उड़ लेते हैं |" एनडीटीवी ने एक स्टोरी चलाई गुरमेहर कौर की | गुरमेहर कौर आम आदमी पार्टी की मेंबर है | उस के पिता कारगिल में शहीद हुए थे | क्योंकि वह आम आदमी पार्टी से है, सो पाकिस्तान प्रेम जागा हुआ है | वह कहती हैं -"मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं, अलबत्ता युध्द ने मारा है |" सोशल मीडिया पर वामपंथी स्टाईल में वह एक तख्ती लिए हुए खडी है | जिस पर उस का यह नया थीसिस लिखा हुआ है|" उस का फोटो ले कर बराबर में किसी ने सलमान खान को भी तख्ती ले कर खडा कर दिया | जिस पर लिखा है-"मैंने फुटपाथ पर किसी को नहीं मारा, मेरी कार ने मारा |" वीरेन्द्र सहवाग भी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय | उनने भी एक ट्वीट लिख दिया-" 300 रन मैंने नहीं,मेरे बल्ले ने बनाए थे |"  कैसी बेहूदा टिप्पणी है यह कि मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं ,युध्द ने मारा | क्या वह कारगिल की साजिश का इतिहास भी नहीं जानती | एबीवीपी के खिलाफ मुहीम चलाने के लिए गुरमेहर अपने पिता की शहादत को भुना रही है |" क्योंकि उसे पता है कि मीडिया उसे तभी भाव देगा, जब वह खुद को शहीद की बेटी बताएगी | गुरमोहर ने नया शिगूफा छोड़ दिया है कि उसे एक एबीवीपी वाले ने बलात्कार की धमकी दी | बिलकुल केजरीवाल वाले तौर-तरीके |  हल्ला मचा कर पुलिस से सिक्यूरिटी ले ली | आनंद पटवर्धन जैसे वामपंथी तुरंत  गुरमेहर को शहीद की बेटी कहते हुए सड़क पर आ गए | उन ने वीरेन्द्र सहवाग के खिलाफ बोलने में भी शर्म नहीं की | अभिव्यक्ति की आज़ादी वाला फंडा फिर शुरू हो चुका | जेएनयूं के छोरे वामपंथियों का एजेंडा तय कर रहे | ये सारे बुद्धीजीवी वामपंथियों के स्लीपिंग सेल हैं | आज कल एक नया थीसिस चल रहा है | वामपंथी टाईप बुद्धीजीवियों का तर्क है- देश के खिलाफ नारे देशद्रोह नहीं होता | हमें क्या चाहिए-आज़ादी ,कश्मीर को क्या चाहिए-आज़ादी,वाले नारे देशद्रोह नहीं | वे कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग नहीं मानते | कश्मीर को विवादास्पद मानते हैं, जैसे पाकिस्तान मानता है | भारत की संसद, सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं मानना | पाकिस्तान की लाइन मानना ,कैसे देशद्रोह नहीं है | फिर आईसा और एसएफआई के लोग कहते हैं-हमें किसी से राष्ट्रीयता नहीं सीखनी | हमें राष्ट्रीयता का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए | अरूण जेटली का कहना है-" देश तोड़ने वाली ताकतों का गठबंधन ही चुका है |" कश्मीर पर फारूख अब्दुल्ला और चिदंबरम का बयान देख लो | या आईसा-एसऍफ़आई-आप का कश्मीर पर स्टेंड देख लो | आप को गठबंधन साफ़ दिखेगा | लेफ्टिनेंट जनरल जसवाल का कहना है - "ये सब पाकिस्तान के हाथ में खेल रहे हैं | पाक से  पेड़ हो सकते हैं |" जनरल राय चौधरी ने कहा - "बोलने की आजादी का मतलब यह नहीं कि तिरंगा ले कर जाएं और भारत के खिलाफ नारे लगाएं |" पर तिरंगा वामपंथियों के हाथों में नहीं होता | सोमवार को तिरंगा यात्रा निकली थी | आप मंगलवार को आईसा का प्रदर्शन भी देख लेना | 

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