यूएन में ही कश्मीर रिपोर्ट की धज्जियां उडी 

Publsihed: 26.Jun.2018, 17:17

अजय सेतिया / अपन ने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त जीद-हुसैन-अल-राद की रिपोर्ट का जिक्र किया था | उस ने कश्मीर पर यह रिपोर्ट 14 जून को जारी की थी | भारत ने उसी दिन इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था | अपन ने उसी दिन लिखा था कि रिपोर्ट पाकिस्तान के इशारे पर बनी है | बाद में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई के कई अधिकारियों के फोटो जीद-हुसैन-अल-राद के साथ सामने आए |अपन ने यह भी लिखा था कि भारत तोड़ो गैंग ने भी फीड बैक दिया हुआ है | क्योंकि रिपोर्ट में इसे कई मुद्दे थे, जो भारत तोड़ो गैंग के मुद्दे रहे हैं | जैसे बुरहान वानी को स्टूडेंट बताना | जैसे पेलेट गन का जिक्र | जैसे आफ्सपा और पीएसए क़ानून का जिक्र | रिपोर्ट में आतंकवादियों को आर्म्ड ग्रुप बताया गया | यों रिपोर्ट में पाक के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात भी थी | पर वह सिर्फ डो पैराग्राफ में थी | यानि खुद को निष्पक्ष बताने के लिए | पाकिस्तान को इस रिपोर्ट का इस्तेमाल करना ही था |

और पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधी मलिहा लोधी ने 24 जून को यह मुद्दा उठा दिया | संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में बहस का मुद्दा था-जनसंहार , युद्ध अपराध , जातीय संहार और मानवता के खिलाफ अपराध को रोकने तथा उससे संरक्षण की जिम्मेदारी | इस में बोलते हुए मलिहा लोधी ने कहा- कश्मीर हत्या और नर - संहार जैसे गंभीर अपराधों से पीड़ित जगहों में शामिल है |” एक तरह से अच्छा ही हुआ | भारत को रिपोर्ट और पाकिस्तान दोनों को नंगा करने का मौक़ा मिल गया | भारत ने सोमवार रात उत्तर देने के अधिकार का इस्तेमाल किया | अपने स्थाई मिशन में प्रथम सचिव संदीप कुमार बाय्यपू ने कहा - ‘‘ हम यूएनएचआर की रिपोर्ट को पहले ही खारिज कर चुके हैं | यह कुछ नहीं झूठ और अफवाहों का पुलंदा है | यह संयुक्त राष्ट्र के लिए चिंता का विषय होना चाहिए कि जिन्हें खुद उस ने आतंकी घोषित किया हुआ है ,उन्हें इस रिपोर्ट में “आर्म्ड ग्रुप” लिखा गया है | और आतंकवादियों को “नेता” लिखा गया है | आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है | संयुक्त राष्ट्र तो क्या दुनिया के किसी भी मंच पर इस रिपोर्ट पर चर्चा नहीं होनी चाहिए | “

पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाते हुए संदीप कुमार ने कहा- “ जो मानवाधिकारों के मामले में मुहं दिखाने लायक नहीं है | वह अपना घिसा पिटा रिकार्ड बजा रहा है | जब कि सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तुनावा में मानवाधिकार नाम की कोई चीज ही नहीं है | और संयुक्त राष्ट्र में जब सब के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही है | तो वह कश्मीर को घसीट लाया है | जिसे वह कश्मीर में आत्मनिर्णय के अधिकार की लड़ाई बता रहा है, वह और कुछ नहीं पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है | “ उन ने कहा , ‘‘ मैं इस बात को रेकॉर्ड में शामिल कराना चाहूंगा कि जम्मू - कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न और अखंड अंग है | पाकिस्तान की कोई खोखली दलील इस सच्चाई को बदल नहीं सकती |’’ 

उन ने संयुक्त राष्ट्र की भरी सभा में पाक से पूछा कि उस ने 26/11 के अपराधियों का क्या किया | पाक ने अपनी धरती का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है ? इस के बाद भी पाकिस्तान के आतंकवादियों ने पठानकोट, उडी और अन्य जगहों पर आतंकवादी वारदातें की | जिन आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र ने दुर्दांत आतंकवादी घोषित किया हुआ है ,वे पाक में छूटे घूम रहे हैं | उन के पास फंड की भी कोई कमी नहीं | जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने रोक लगाई थी | पाकिस्तान को लताड़ते हुए संदीप कुमार ने खरी खोटी सुनाई | उन ने कहा कि वह गाहे-बगाहे कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का जिक्र करता रहता है | पर उस प्रस्ताव के मुताबिक़ तो उसे पहले अपने कब्जे वाले कश्मीर से पीछे हटना था | पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते पर भी अमल नहीं किया | उस ने 1999 के लाहौर एग्रीमेंट पर भी अमल नहीं किया | और 2004 के उस एग्रीमेंट पर भी अमल नहीं किया जिस में उस ने आतंकवादियों को पाक की जमीन इस्तेमाल नहीं करने देने का वचन दिया था | सचिव संदीप कुमार बधाई के पात्र हैं कि उनने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया | जीद-राद-अल-हुसैन की रिपोर्ट की धज्जियां तो उडाई ही | पाकिस्तान को भी कटघरे में खडा कर दिया |

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