हत्यारा भीडतंत्र बनाम संसद का भीडतंत्र बनाम बोफोर्स

Publsihed: 24.Jul.2017, 22:59

बोफोर्स का भूत रह-रह कर निकल आता है | बोफोर्स घोटाले में 64 करोड़ रूपए की रिश्वत का मामला था | आज तो 64 करोड़ की कोई औकात ही नहीं है | अब स्वीडन में घोटाले की जांच करने वाली एजेंसी के प्रमुख ने 71 साल की उम्र में नया खुलासा कर दिया है | स्टेन लिंडस्ट्रोम ने सीधे राजीव गांधी पर आरोप लगा दिया है | यह खुलासा उनने रिपब्लिक टीवी पर इंटरव्यू में किया है | स्टेन लिंडस्ट्रोम ने कहा है कि 23 जनवरी 1986 को स्वीडन के पीएम आलफ पाल्मे और भारत के प्रधान मंत्री राजीव गांधी के बीच विमान में मीटिंग हुई थी | इस मीटिंग में बोफोर्स कम्पनी के मार्टिन आर्दबो भी मौजूद थे | इस मीटिंग में राहुल गांधी ने 50 मिलियन क्रोनर की मांग रखी थी | जो स्वीडन में थर्ड पर्सन को अदा किया जाना था | थर्ड पर्सन के लिए एक फाउंडेशन बनाने का फैसला हुआ | 24 मार्च 1986 को सौदे पर दस्तखत हुए | जून 1986 में फाउंडेशान का गठन कर दिया गया | जिसे 30 मिलियन क्रोनर ट्रांसफर किए गए | बाकी 20 मिलियन क्रोनर स्विस खातों में जमा करवाए गए | यह सब स्टेन लिंडस्ट्रोम का कहना है | इस बीच 16 अप्रेल 1987 को स्वीडन रेडियो ने खुलासा किया कि भारत के साथ हुए बोफोर्स सौदे में रिश्वत दी गई थी | फिर जांच डर जांच हुई | जेपीसी बनी , जिस में कांग्रेस का बहुमत था | जांच में राजीव को क्लीन चित देनी ही थी | अब खुलासा हुआ कि जेपीसी की शर्तें भी बोफोर्स कम्पनी के साथ मिल कर बनी थी | स्टेन लिंडस्ट्रोम ने यह भी बताया है कि 1997 में स्वीडन ने जांच दस्तावेजों के तीन बाक्स सीबीआई को सौंपे गए थे | अपन को याद है तब एचडी देवगौड़ा के पीएम थे | जोगिन्द्र सिंह सीबीआई के डायरेक्टर थे | वह बोफोर्स घोटाले के दस्तावेज लाए थे | तभी कांग्रेस अध्यक्ष सीता राम केसरी ने देवगौड़ा से समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई | इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने और बोफोर्स की जांच ठंडे बस्ते में चली गई | पर 1998 में बना वाजपेयी सरकार ने भी वे तीन बाक्स नहीं खुले | सीबीआई ने सुप्रीमकोर्ट को भी कुछ नहीं बताया | बोफोर्स घोटाले को 31 साल निकल गए | राजीव गांधी ने खुद माना था कि घोटाला तो हुआ है, पर उनकी कोई भूमिका नहीं | न 31 साल की जांच में कुछ निकला , न आगे कुछ नहीं निकलना | पर राजनीतिक हंगामा और ड्रामा जारी रहेगा | टीवी चेनलों को हर रोज नया मसाला चाहिए | जितना मीडिया सक्रिय है, जांच एजेंसियां उतनी सक्रीय नहीं या उन की बोलती बंद कर दी जाती है | यूपीए सरकार ने बोफोर्स घोटाले को दफ़न कर दिया था | उधर स्टेन लिंडस्ट्रोम के खुलासे के बाद स्वीडन ने दुबारा जांच के संकेत दी हैं | तो इधर अब संसदीय कमेटी के भाजपाई मेंबर भी  फिर एक्टिव हैं | बोफोर्स केस को  रिओपंन करने के लिए सीबीअई चीफ को तलब कर लिया है | तो राजनीतिक टकराव अपने चरम पर है | मीडिया और भाजपा का हमला दस जनपथ हुआ है | तो संसद कैसे चलनी थी | सो सोमवार को संसद ठप्प होने की शुरुआत हो गई | लोकसभा में टकराव अपनी चरम पर है | कांग्रेस ने संसद को सिर पर उठा लिया है | हंगामे का मुद्दा बनाया है मोदी राज में शुरू हुई "मोब लीन्चिंग" | वैसे गौहत्यारों की "मोब लीन्चिंग" के खिलाफ मोदी खुद तीन बार बोल चुके | लोकसभा में जब कांग्रेसी सांसद हंगामा कर रहे थे | तब संसदीय मंत्री अनंत कुमार ने सरकार की स्थिति साफ़ की | उन ने कहा-"सारा देश गौ को माता मानता है | गौरक्षा होनी चाहिए | पर गौरक्षा के नाम पर हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी | राज्य सरकारों को सख्ती से पेश आना चाहिए |" पर कांग्रेसी सांसदों ने भीड़ की हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा जारी रखा | तभी भाजपा की मीनाक्षी लिखी ने बोफोर्स का मुददा उठा दिया | भाजपा सांसदों ने बोफोर्स बोफोर्स चिल्लाना शुरू कर दिया | सड़क की हत्यारी भीड़ ( मोब लीन्चिंग ) के मुकाबले संसद खुद भीडतंत्र बन गई | कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तरफ कागज फेंके | सांसदों के सामने रखे कार्यवाही के कागज फाड़ फाड़ कर फैंके गए | यह हरकत शर्मनाक थी | ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होती रही है | सो कागज उछालने वाले कांग्रेस सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है | सुमित्रा महाजन ने गौरव गोगोई, के सुरेश, अधीर रंजन, रंजीत रंजन, सुष्मिता देव और एमके राघवन को 5 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया | तब राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद थे | पाँचों राहुल गांधी की टीम के मेंबर हैं | पाँचों ने सोनिया-राहुल  के सामने अपने नंबर बना लिए | अब अगर स्पीकर ने पांच दिन का सस्पेंशन वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस पांच दिन संसद नहीं चलने देगी | इस बीच सोनिया गांधी ने बोफोर्स के नए खुलासे पर मंथन के लिए ख़ास लोगों की मीटिंग बुलाई है | देखना होगा कि 45 सांसद संसद को अगवा कर पाते हैं या नहीं | मंगलवार को वैसे भी संसद नहीं चलनी | नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संसद के सेंट्रल हाल में शपथ ग्रहण है | 

 

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