जेएनयूवादियों के घाटी,बस्तर में लिंक ढूँढने होंगे

Publsihed: 24.Apr.2017, 20:25

कश्मीर मांगे आज़ादी | बस्तर मांगे आज़ादी | ये नारे लगे थे ना जेएनयू में | देश के बुध्दिजीवियों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी बताया था | सुप्रीम कोर्ट भी इन नारों को देशद्रोह नहीं मानती | सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी ही माना | कोर्ट ने देशद्रोह की अपनी परिभाषा तय कर रखी है | जब तक हथियार न उठाए जाएं ,देशद्रोह नहीं माना जाता | घाटी और बस्तर का लिंक जेएनयू में साफ़ दिखता है | अगर आज़ादी के नारों का घाटी और बस्तर से लिंक न होता | तो जेएनयू में घाटी,बस्तर के नारे क्यों लगते | जेएनयू के नारे घाटी और बस्तर में देशद्रोहियों का हौंसला बढाते हैं | तब से हम उन नारों का असर घाटी में भी देख रहे | सोमवार को बस्तर में भी देख लिया |  जेएनयू ब्रिगेड ने घाटी में सैनिकों के खिलाफ पत्थराव शुरू कर रखा है | वे सैनिकों को घेर कर आज़ादी के नारे लगाते हैं | सैनिकों तक पर गोलियां चलाई जा रहीं  | मुठभेड़ चल रही हो, तो जेएनयूवादी आज़ादी के नारे लगाते हुए पत्थराव करते हैं | वे आतंकवादियों को मुठभेड़ से बाख निकालने का रास्ता बनाते हैं | बस्तर में सोमवार को तीन सौ जेएनयूवादियों ने आज़ादी के नारे लगाते हुए गोलियां चलाई | वे जेएनयू में सिर्फ आज़ादी के नारे लगाते हैं | घाटी और बस्तर में गोलियां चलाते हैं | सोमवार को तीन सौ नक्सलियों ने बस्तर के सुकमा इलाके में जवानों पर हमला बोला | सीआरपीएफ की टुकड़ी में जवानों की तादाद 150 थी | मुठभेड़ में 26 जवान शहीद हो गए | नक्सली जवानों से हथियार भी लूटकर ले गए | नक्सलियों की तरफ से आईईडी ब्लास्ट किया गया  |अपन घाटी और बस्तर की हिंसा के खिलाफ खड़े होते हैं | जब कि अपने नेता जेएनयू में आज़ादी के नारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी बताते हैं | कितना दोहरा चरित्र है हमारे नेताओं का | राहुल, केजरीवाल, येचुरी ,मोहम्मद सलीम को क्या यह समझ नहीं आता | क्या उन्हें जेएनयू के नारों का घाटी ,बस्तर की घटनाओं का लिंक नजर नहीं आता | जो जेएनयू के नारों का  समर्थन करने जाते हैं | अपन लोगों ने जन घाटी, बस्तर को जेएनयू से जोड़ा,तो वामपंथियों को मिर्ची लग गई | वामपंथियों का  बुध्दिजीवी ब्रिगेड ऐरी-गैरी ख़बरों पर हर रोज सोशल मीडिया में बवाल मचाते हैं | कभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता कर बवाल काटेंगे | कभी असहिष्णुता का बवाल मचाएंगे | रोहित वेमुला को जैसे दलित बता कर देश भर में बवाल काटा | वह कौन भूला होगा, वह दलित था ही नहीं | उस ने दलित होने का झूठा सर्टिफिकेट बनाया था | कोई आत्महत्या को मजबूर हो, यह देश के लिए शर्म की बात है | पर आत्महत्या को जैसा जातिवाद का रंग जेएनयूवादियों ने दिया | उसे भी सब ने देखा | वामपंथी तो बवाल के मुद्दे ढूंढते रहते हैं | पर डेढ़ सौ साल पुराणी कांग्रेस उन की पिछलग्गू बन जाएगी , यह किस ने सोचा था | राहुल गांधी को शायद अभी भी समझ नहीं आएगा कि यूपी में कांग्रेस 28 से 7 सीटों पर कैसे आ गई | जेएनयू में देश के टुकडे करने वालों का समर्थन करोगे, तो आगे आगे देखी होता है क्या | दिल्ली नगर निगम चुनावों के नतीजे कल आएँगे | आप जेएनयू में कन्हैया और खालिद का समर्थन करने वालों का हाल देख लेना | सैनिकों के मानवाधिकारों की बात आएगी , तो चुप्पी साध लेंगे | सोमवार को ही घाटी में पीडीपी का जिलाध्यक्ष मारा गया | जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री दिल्ली आई हुई थी | वह पीएम् मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिली | महबूबा मुफ्ती को राज करना नहीं आ रहा | वह समझ नहीं पा रही कि पत्थरबाजों से कैसे निपटे | मोदी के सामने महबूबा ने वाजपेयी का जिक्र किया | कहा -" वाजपेयी का फार्मूला अपनाया जाए | अलगाववादियों से बात की जाए |" अपन को नहीं लगता मोदी हुर्रियत से बात न करने की मौजूदा नीति बदलेंगे | भाजपा-पीडीपी में अविश्वाश गहरा होता जा रहा है | जमीन पर पीडीपी-भाजपा नेता एक दुसरे के खिलाफ बोलना शुरू हो चुके | अपन को लगता है दोनों एक दुसरे से छुटकारा पाने की फिराक में हैं | जम्मू कश्मीर राज्यपाल शासन की ओर बढ़ रहा है | एक मजबूत गवर्नर की तलाश शुरू हो गई है | बस्तर और घाटी देश की आज़ादी के लिए दो बड़े खतरे हैं |  महबूबा मुफ्ती ने आतंकियों से बातचीत की वकालत की | तो अग्निवेश ने नक्सलियों से बातचीत की वकालत की | कश्मीर और बस्तर दोनों जगहों पर चीन की देश तोड़ो साजिश चल रही है |  सिर्फ निंदा की खानापूर्ति से बात नहीं बनेंगी | उन के समर्थकों की पहचान जरुरी है | अग्निवेशों, अरुंधती राय, जॉन दयालों की पहचान करनी होगी | जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजों के बस्तर,घाटी में लिंक ढूँढने होंगे | ताकि कोई अदालत उन का बचाव न कर सके | ताकि उन्हें देशद्रोहियों की श्रेणी में रख कर देश अपनी दिशा तय करे | ताकि कोई राहुल, येचुरी, केजरीवाल देशद्रोहियों का समर्थन करने न जा सके |  

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