अखिलेश की मुश्किलें बढने लगीं

Publsihed: 24.Dec.2021, 21:38

अजय सेतिया / वैसे यह सही है कि चुनावों से पहले विपक्ष से जुड़े व्यापारियों पर छापेमारी राजनीतिक होती है | पर अगर गडबडी हो रही हो , तो छापेमारी क्या इस लिए नहीं की जानी चाहिए कि व्यापारी विपक्षी दल से जुड़ा है | मीडिया भी राजनीतिक दलों की तरह व्यवहार करने लगा है | भाजपा विरोधी मीडिया ने पहले बहुत हल्ला मचाया कि अखिलेश यादव से जुड़े लोगों पर राजनीतिक दबाव डालने के लिए छापेमारी की जा रही है | पर अब जब इत्र का धंधा करने वाले अखिलेश यादव के फाईनेंसर पीयूष जैन परिवार पर छापेमारी में 150 करोड़ रुपया नगद मिल गया तो उस के राजनीतिक संबंध को छुपा कर खबर दी जा रही है | असल में जीएसटी अधिकारियों ने पान मसाला कंपनी की फैक्टरी और गुटखा कारोबारी के ठिकाने पर भी छापेमारी की थी | वहीं से बिना जीएसटी चुकाए पीयूष जैन की कंपनी के फर्जी बिलों का भेद खुला |  

पीयूष जैन के पास इतनी रकम कहां से आई? जैन कानपुर की एक पान मसाला कंपनी को इत्र की  आपूर्ति करता है | इनका व्यापार क्या इतना बड़ा है? पीयूष जैन को यह साबित करने में मुश्किल तो होगी ही | यह मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनेगा और इसकी आंच अखिलेश यादव तक पहुंच सकती है | इसी तरह सपा के नेता राहुल भसीन के यहां जो पैसा मिला है, उसमें भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन सकता है | यह कार्रवाई आर्थिक रूप से चुनाव में सपा को कमजोर करेगी | अगर मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन गया तो भविष्य में भी अखिलेश यादव कटघरे में होंगे | जैसे पिछली बार मायावती हुई थी |

अखिलेश यादव को फौरी नुक्सान यह है कि छापे से सपा के इलेक्शन फंड मैनेजमेंट को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है | भ्रष्टाचार के दाग भी चुनावी मुद्दा बनेंगे क्यों कि इससे पहले 18 दिसंबर को सपा के फाइनेंसर माने जाने वाले जैनेंद्र यादव, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, मनोज यादव और राहुल भसीन के यहां छापा पड़ा था | उस में भी करीब 800 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है  | जैनेंद्र यादव सपा सरकार में सीएम अखिलेश के ओएसडी थे | समाजवादी पार्टी को बड़ी चुनावी रैलियां करनी हैं | पार्टी को अपने उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने के लिए फंड देना है | चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव का आर्थिक स्रोत बर्बाद हो गया | शायद वह नगदी चुनाव के लिए रखी थी |

भले ही यह चुनाव के वक्त हुआ , पर है तो कर चोरी | जीएसटी विभाग यूपी के कई कारोबारियों पर काफी समय से नजरें बनाए हुए था | इसी दौरान टीम को सामान, होलसेल और डिलीवरी जैसे कोडवर्ड की जानकारी मिली थी | इस पूरे ऑपरेशन को 'बिग बाजार' नाम दिया गया था |  जब 150 करोड़ रुपया नगद मिल गया , तो आयकर विभाग भी छापेमारी में शामिल हो गया | छापेमारी गुरूवार को शुरू हुई थी , और कैश गिनने का काम शुक्रवार शाम तक चल रहा था | स्टेट बैंक के अधिकारियों को नगदी गिनने के लिए बुलाना पड़ा | नोटों के बंडल इतने ज्यादा थे कि उन्हें गिनने के लिए 13 मशीनें और रखने के लिए कंटेनर लाना पड़ा |

मोदी सरकार ने चुनाव से पहले सपा से जुड़े भ्रष्ट लोगों को बेनकाब कर के दो मेसेज दिए हैं | पहला यह कि वे सरकारी पैसा लुटने की छूट दे कर उन से पार्टी फंड में पैसा लेते हैं | जब कि मोदी-योगी सरकार अपने चुनावी वायदे निभाने में विशवास रखती हैं | यह छापेमारी ठीक उस समय हुई है , जब नरेंद्र मोदी राज्य की परियोजनाओं का धडाधड लोकार्पण कर के वोटरों को विकास का सबूत दे रही है | असुदुद्दीन ओवेसी भी अखिलेश यादव को यह कह कर बेनकाब कर रहे हैं कि चुनाव से पहले एम-वाई की बात करते हैं , लेकिन चुनाव के बाद सिर्फ यादव सरकार बन जाती है | शुक्रवार को ओवेसी की यूपी पुलिस को धमकी ने भी अखिलेश को धक्का पहुँचाने का काम किया है | उन की इस धमकी से हिन्दू एकजुट होंगे , ताकि मुस्लिम तुष्टिकरण वाली सरकार न आए | 

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