सिब्बल और आज़ाद की राहुल को  खरी खरी

Publsihed: 24.Aug.2020, 20:20

अजय सेतिया / कांग्रेस के दिग्गज नेता अब कुंठित हो गए हैं , उन्हें सोनिया गांधी और उन के दोनों बच्चों में कोई करिश्मा दिखाई नहीं देता | ऐसे 23 नेताओं ने पखवाडा भर पहले राजस्थान के राजनीतिक संकट के समय सोनिया गांधी को चिठ्ठी लिख कर अपनी कुंठा जाहिर की थी | चिठ्ठी के तीन शब्द बहुत महत्वपूर्ण थे , वे थे –“ पार्टी को पूर्णकालिक, प्रभावी और सक्रिय नेतृत्व चाहिए |” सोनिया गांधी एक साल से कार्यकारी अध्यक्ष हैं , वह बीमार रहती हैं , जिस कारण वह सक्रिय हो कर पूर्णकालिक सेवाएं नहीं दे पा रही हैं | ये दो शब्द सोनिया गांधी के लिए थे | क्योंकि इस बीच राहुल गांधी को दुबारा अध्यक्ष बनाने की सुगबुगाहट होती रही है और पिछले पांच छह साल उन्हीं के अप्रभावी नेतृत्व में पार्टी दो लोकसभा चुनाव हारी है , इस लिए प्रभावी का इशारा उन की ओर था |  चिठ्ठी में पार्टी को आत्ममंथन की सलाह भी दी गई है |

गुलाम नबी आज़ाद से लेकर कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा , मनीष तिवारी, शशि थरूर, विवेक तन्खा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हान , पी जे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी और मिलिंद देवड़ा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने यह चिठ्ठी लिखी थी | इस चिठ्ठी के बाद ही पिछले हफ्ते प्रियंका गांधी का एक साल पुराना बयान मीडिया में उछाला गया था , जिस में उन्होंने राहुल गांधी के स्टेंड का समर्थन करते हुए कहा था कांग्रेस अध्यक्ष नेहरु परिवार से इत्तर होना चाहिए | सोनिया को जब यह चिठ्ठी मिली उस समय वह बहुत बीमार थी , इस के बावजूद उन्होंने दो कदम उठाए | एक तरफ सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई तो दूसरी तरफ संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल को चिठ्ठी लिख कर कहा कि उन्हें मुक्त कर के पूर्णकालीन अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू की जाए |

अब सोमवार की कार्यकारिणी से दो दिन पहले चिठ्ठी लीक हुई तो इसके पीछे संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का हाथ बताया जा रहा है | चिठ्ठी लीक हुई तो सोनिया और राहुल गांधी की करीबी कुमारी शैलजा ने एक बयान में कहा कि सोनिया गांधी को चिठ्ठी लिखने वाले भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं | कार्यकारिणी की वर्च्यूल बैठक शुरू होते हुए सोनिया गांधी ने तो पद से मुक्त किए जाए की बात कही , लेकिन राहुल गांधी ने चिठ्ठी का सवाल उठा कर यह कहते हुए चिठ्ठी लिखने वालों को बुरा भला कहा कि जब उन की मां बीमार थी , उस समय चिठ्ठी लिखी गई | खबर आई कि उन्होंने शैलजा की तरह भाजपा के हाथों खेलने वाली बात भी कही , तो कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी पर जवाबी हमला करते हुए उन्हें यह साबित करने की चुनौती दी कि वह भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं | हालांकि जैसे ही राहुल गांधी को पता चला कि सिब्बल ने यह ट्विट किया है ,उन्होंने सिब्बल को फोन कर के कहा उन्होंने तो मीटिंग में यह आरोप लगाया ही नहीं | राहुल गांधी पर भरोसा कर के सिब्बल ने अपना ट्विट डिलीट कर दिया |

राहुल गांधी को यह सफाई इस लिए देनी पड़ी क्योंकि बैठक में राहुल गांधी की टिप्पणी के तुरंत बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आज़ाद ने कहा था –“ हम पर बीजेपी के हाथों खेलने का आरोप लगाया गया है , अगर वह ऐसा साबित कर देते हैं तो मैं सभी पदों से इस्तीफा दे दूंगा |” महत्वपूर्ण बात यह है कि इस गर्मागर्मी के बीच कम से कम चार सदस्य कार्यसमिति की बैठक से उठ कर चले गए | बाद में सिब्बल की तरह गुलामनबी ने भी ट्विट कर के कहा –“ मैं यह साफ करना चाहता हूं कि राहुल गांधी ने न तो कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में और न ही बाहर इस बात को कहा था कि यह चिट्ठी बीजेपी के कहने पर लिखी गई है |“ इस तरह सिब्बल और आज़ाद ने ट्विटर के माध्यम से राहुल के बडबोलेपन का बचाव किया |

हवा यह बन चुकी है कि चिठ्ठी लिखने वाले 23 नेता नेहरु-गांधी-वाड्रा = परिवार से कांग्रेस की मुक्ति चाहते हैं | लेकिन इस परिवार से ही अपना हित देखने वाले नेता परिवार से ही देर सबेर करिश्में की उम्मींद लगाए हुए हैं , इसलिए वे आत्ममंथन की बात उठाने वालों को भाजपा का एजेंट बताने की कोशिश कर रहे हैं | सोनिया के इस्तीफ़े की पेशकश के बाद ऐसे नेता निशाने पर हैं जिन्होंने आलाकमान को चिट्ठी लिखी है | जबकि मनमोहन सिंह , ए. के. एंटनी और अधीर रंजन चौधरी ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया है | बाद में अधीर रंजन चौधरी , पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ने कहा है कि जो लोग गांधी परिवार पर सवाल उठा रहे हैं वे कांग्रेस को कमजोर करना चाहते हैं | इन सभी ने जोर दे कर कहा कि कांग्रेस गांधी-नेहरु परिवार के हाथों में ही सुरक्षित है | 

 

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