खुन्नसी जेठमलानी ने केजरीवाल को फंसाया 

Publsihed: 22.May.2017, 17:59

अरुण जेटली के नए दाव से केजरीवाल कैम्प में खलबली होगी | कोर्ट में मानहानि केस से बचाने आए राम जेठमलानी ने उलटे और फंसा दिया | दस करोड़ की मानहानि का केस पहले से था | जेटली ने दस करोड़ का और डाल दिया | केजरीवाल खुन्नस की वकालत के नतीजे नहीं जानते | जानते होते, तो राम जेठमलानी को अपना वकील नहीं बनाते | अरुण जेटली और राम जेठमलानी में वकालत की खुन्नस है | जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते खुन्नस की राजनीति भी हो गयी थी | राम जेठमलानी और वाजपेयी की दोस्ती बहुत पुरानी थी | सिंधी होने के नाते जेठमलानी और लाल किशन आडवानी का तालमेल भी बढ़िया था | पुराने जनसंघियों ने जनता पार्टी से अलग हो कर भारतीय जनता पार्टी बनाई थी | दिसम्बर 1980 में भाजपा का पहला अधिवेशन मुम्बई में हुआ | तो मंच पर वाजपेयी-आडवाणी के साथ जेठमलानी भी थे | तब अरुण जेटली राजनीति में कहीं नहीं थे | वाजपेयी जब 1998 में प्रधानमंत्री बने | तो उन ने राम जेठमलानी को क़ानून मंत्री बनाया था | तब तक अरुण जेटली का भाजपा में दबदबा हो चुका था | वह आडवाणी की टीम के चौथे स्तम्भ थे | बाकी तीन स्तम्भ थे प्रमोद महाजन, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू | तब तक जेटली का वकालत की दुनिया में भी डंका बज चुका था | वाजपेयी की मंत्रीमंडलीय टीम में जेठमलानी जैसे धुरंधर थे | तो विद्ध्यार्थी परिषद बैक ग्राउंड के अरुण जेटली जैसे  युवा भी थे | वाजपेयी सरकार का कुछ मुद्दों पर न्यायपालिका से टकराव हो गया | इसी टकराव ने राम जेठमलानी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी करवा दी थी | जेठमलानी ने तब से जेटली के खिलाफ गाँठ बाँध ली थी | जेठमलानी हद दर्जे के खुन्नसी हैं | वह वाजपेयी से भी खुन्नस खाए हुए हैं | लखनऊ में वाजपेयी के खिलाफ चुनाव तक लड़ लिया था | राजनीतिक तौर पर जेठमलानी हद दर्जे के चालू हैं | भाजपा,शिवसेना,राजद के सांसद रह चुके हैं | सोनिया गांधी के सहारे मनोनीत सांसद भी रह चुके हैं | जेठमलानी की राज्यसभा का कार्यकाल अगले साल खत्म होगा | उन्हें चिंता है कि अब किस दल से राज्यसभा जाएंगे | जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का दावा ठोका | तो जेठमलानी की आँखों में चमक आ गयी | अगले साल ही दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटें खाली होंगी | जेठमलानी ने गर्म लोहे पर तुरंत हथौड़ा मारा | जेठमलानी जैसे बिना फीस के लालू के वकील बने थे, वैसे ही केजरीवाल के भी बन गए | पर बाद में केजरीवाल चार करोड़ का बिल उप-राज्यपाल को भेज कर ठगी में फंस गए | उधर जेठमलानी ने 17 मई को कोर्ट में अरुण जेटली को देखा | तो जेठमलानी के पुराने जख्म हरे हो गए | लगे जेटली को गालियाँ निकालने | बार-बार क्रुक और चोर कहने लगे | उन्हें बहुत समझाया गया , वह नहीं माने | तब अरुण जेटली ने पूछा  -" क्या वह केजरीवाल से पूछ कर इस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं |" जेठमलानी ने हामी भरी थी | जेटली ने तुरंत एक और मानहानि मुकद्दमे की चेतावनी दे दी | डरे सहमे केजरीवाल के वकीलों ने कोर्ट के सामने सफाई दी कि जेठमलानी अपने आप बोल रहे हैं | इस पर जज ने सफाई देने के लिए केजरीवाल को तलब किया हुआ है | सोमवार को जैसे ही अदालत खुली , जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रूपए हर्जाने का एक और मुकदमा  ठोक दिया | अब दोहरी मानहानि में फंस गए हैं केजरीवाल | अगर केजरीवाल ने कहा कि जेठमलानी की भाषा उनकी अपनी है | तो केजरीवाल बच जाएंगे | पर कोर्ट में अमर्यादित भाषा पर जेठमलानी फसेंगे | उधर हाईकोर्ट ने केजरीवाल को पटियाला हाऊस कोर्ट के सम्मन पर राहत भी नहीं दी | कोर्ट से डांट मिली, सो अलग |

 

आपकी प्रतिक्रिया