भारतीय जुडिशरी पर भरोसा न करने पर माल्या को मलाल 

Publsihed: 22.Dec.2017, 20:29

अजय सेतिया / 2 जी घोटाले पर आए सैशन जज के फैसले ने देश को हिला दिया है | भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम चलाने वाले सदमे में हैं | सीएजी ने 1,76, 379 करोड़ के घाटे का आकलन बताया था | विनोद राय तब सीएजी थे | कपिल सिब्बल तब मंत्री थे , उन ने सीएजी पर हमला करते हुए कहा था-" जीरो लास हुआ |" यानी टूजी के अलाटमेंट से सरकार को धेले भर का नुक्सान नहीं हुआ | पर मामला सुप्रीमकोर्ट में गया | तो सुप्रीमकोर्ट ने इसे सरकार चूना लगाना माना | सुप्रीमकोर्ट ने सभी 122 लाईसेंस रद्द कर दिए गए थे | सुप्रीम कोर्ट ने माना कि टेंडर मांगने की बजाए फिक्स रेट पर टू-जी का अलाटमेंट घोटाला था | लाईसेंस रद्द हुए तो उन की नीलामी की गई | जिस से सरकार को 66000 करोड़ का फायदा हुआ | सैशन कोर्ट में मुकद्दमा चला तो शुरू में जज ओम प्रकाश सैनी सख्त थे | उन्होंने अनिल अम्बानी को कोर्ट में तलब किया | अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी अदालत में पेश हुए | जज सैनी ने उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं किया | अलबत्ता कुर्सी दिलाई थी | खुद को बड़े लोगों से अप्रभावित दर्शाने के लिए जज सैनी ने एयरटेल के सुनील मित्तल को तलब किया | हचिसन मैक्स के असीम घोष को तलब किया | स्टर्लिंग सेल्युलर के रवि रुइया को तलब किया | जबकि सीबीआई ने इन तीनों को क्लीन चिट दे दी थी | पर अब सैशन जज ओम प्रकाश सैनी का फैसला चौंकाने वाला है | जज ने सभी को बरी कर दिया | सवाल उठ रहे हैं कि जज ने इन सब को क्यों तलब किया था | जज सैनी ने अपने फैसले में यहाँ तक कह दिया कि सारे आरोप अफवाहों पर आधारित थे | देखो जज ने फैसले में क्या लिखा है- " मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि पिछले 7 साल से सभी कामकाजी दिनों (गर्मी की छुट्टियां समेत) को मैं सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ओपन कोर्ट में बैठा और इसका इंतजार किया कि कोई कानूनी तौर पर मान्य प्रमाण पेश करेगा, लेकिन यह कोशिश बेकार गई | यह इसका संकेत है कि हर कोई धारणाओं से चल रहा था, जो अफवाह, बतकही और अटकलों से बनी थीं | हालांकि, लोगों की धारणाओं के लिए न्यायिक कार्यवाही में कोई जगह नहीं है |" कुछ लोग जज की तारीफ़ कर रहे | डीएमके ने जज के फैसले पर जश्न मन्नाया है | मिठाईयां बांटी और पटाखे चलाए | फैसले वाले दिन डीएमके वर्कर मिठाई के साथ अपने नेता को  देने वाले बैनर भी लाए थे | जिस पर सवाल पैदा हुआ है कि फैसला लीक हो गया था क्या ?  कांग्रेस बेहद खुश है कि मोदी ने जिस मुद्दे को चुनाव में सब से ज्यादा उठाया | अब वह उस के गले में फंस गया है | राहुल गांधी ने बाकायदा कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुला कर खुशी जताई | कांग्रेस ने विनोद राय के खिलाफ प्रदर्शन कर डाला | जज की आलोचना तो कोई नहीं कर रहा | पर जो जज के फैसले से सहमत नहीं ,वे टिप्पणी करने से बच रहे हैं | रिटायर्ड जज जस्टिस मुकल मुद्गल की टिप्पणी बड़ा कटाक्ष है | उनने कहा -" सैशन कोर्ट के जज सैनी ने सात साल बहुत मेहनत की, अब उसे आराम करना चाहिए | फैसला हाई कोर्ट करेगी | " जस्टिस मुद्गल ने सीएजी विनोद राय की तारीफ़ की | हालांकि उन ने यह भी कहा कि सीएजी की नियत और प्रतिबधता पर शक नहीं किया जा सकता | टू-जी के लाईसेंस रद्द करने वाले रिटायर्ड जज जीएस सिंघवी तो बेहद खफा हैं | उन ने भी सीएजी विनोद राय की तारीफ़ की | उन ने कहा- कोर्ट का फैसला इस बात पर होता है कि उस के सामने केस कैसे रखा गया | कितने सबूत पेश किए गए | सारा मामला यहीं पर आ कर अटक गया है कि सीबीअई ने सारे केस की ऐसी तैसी कर दी | वह कोर्ट में सबूत पेश नहीं कर पाई | अब सीबीआई कह रही है वह हाईकोर्ट में जाएगी | पर जब से टूजी के राजनीतिक और कारपोरेट आरोपियों के बरी होने का फैसला आया है | तब से नरेंद्र मोदी जनता के कटघरे में हैं | उन पर दो आरोप लगाए जा रहे हैं | राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि डीएमके को एनडीए में लाने की साजिश रची गई है | समझौते के तहत कनीमूरी और ए राजा को बरी करवाया गया है | दूसरी चर्चा कारपोरेट गलियारों में है कि मोदी ने अम्बानी -रुईया को बचाने के लिए सभी को बरी करवाया | राजनीतिक और कारपोरेट जगत में चल रहे ये आरोप अफसोसनाक हैं | अगर इन आरोपों का मतलब न्यायपालिका को बिकाऊ बताना है | तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है | पर जैसा कि जज ने खुद कहा -" वह इंतजार करते रहे , कोई सबूत ले कर नहीं आया |" तो इस का मतलब क्या है | मतलब साफ़ है कि सीबीआई ने सारा खेल किया | या सीबीआई से सारा खेल करवाया गया | भाजपा का जवाब मजेदार है | उस के नेता कह रहे हैं कि यूपीए के जमाने में कमजोर चार्जशीट दाखिल हुई | तो साढ़े तीन साल एनडीए सरकार क्या झक मार रही थी | अतिरिक्त चार्जशीट क्यों दाखिल नहीं करवाई गई | जज के इस फैसले से भारतीय न्यायव्यवस्था पर  विजय माल्या की टिप्पणी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है | माल्य ने ट्विट कर के कहा -" मैं माफी माँगता हूँ कि मैंने भारतीय न्यायप्रणाली पर भरोसा नहीं किया | अगर मैं उन पर भरोसा करता और भारत में ही रहता तो अब तक बरी हो गया होता |" 
 

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