चीन से दो-दो हाथ करने पड सकते हैं

Publsihed: 23.Aug.2020, 20:49

अजय सेतिया / चीन विस्तारवाद की रणनीति के तहत अब भारत को निशाना बना कर चल रहा है | जहां एक तरफ वह पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि जैसे उस ने भारत का लूटा हुआ काराकोरम का 72971 किलोमीटर का इलाका 1963 में तोहफे में उसे दिया था , वैसे ही लद्दाख का गिलगित बाल्टिस्तान का बाकी इलाका भी उसे दे दे | दूसरी तरफ वह एलएसी की अपनी खुद की व्याख्या कर के भारत के नियन्त्रण वाले लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी को अपना बता रहा है | अप्रेल मई में जब सारी दुनिया के साथ साथ भारत भी चीन के फैलाए कोरोनावायरस से जूझ रहां था , तब उस की पीपुल आर्मी गलवान घाटी में फिंगर 8 को क्रास करते हुए कम से कम छह किलोमीटर तक घुस कर फींगर 4 तक पहुंच गई थी | हालांकि भारतीय फ़ौज ने 15 जून को उसे फींगर 4 से पीछे धकेल दिया था , लेकिन पीपल्स आर्मी फिंगर पांच पर पैन्गोंग सो झील से पीछे नहीं गई है |

पैन्गोंग सो झील के किनारे पर स्थित पहाडी चोटियों को फिंगर कहते हैं , जिनकी संख्या 8 हैं | पहले भारतीय सेना फिंगर एक पर मौजूद रहती थी और फिंगर 8 तक उस का पेट्रोलिंग क्षेत्र था , यानी पीपल्स आर्मी फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करती होगी | लेकिन अप्रेल में पीपल्स आर्मी फिंगर 4 तक आ गई और वहां अपने तम्बू भी गाड दिए , फिंगर 8 से फिंगर 4 करीब छह किलोमीटर है | चीन ने जिस तरह अपने पडौसी छोटे देशों की सीमाओं में घुस कर विदेशी जमीनों पर कब्जा किया है , उसे लगता है कि फिंगर 4 तक कब्जे का उस का पैंतरा भारत के साथ भी चल जाएगा | वह पहले 1962 में ऐसा कर भी चुका है , जब उस ने भारत पर हमला कर के अक्साईचिन पर कब्जा करने के बाद एकतरफा युद्धविराम की घोषणा कर दी थी | तत्कालीन जवाहर लाल नेहरु ने खुद ही अक्साईचिन से भारतीय पोस्ट और गश्ती दल हटा दिए थे, जो संघर्ष विराम के बाद चीनी नियंत्रण में चला गया |

हालांकि पांच साल बाद 1967 में भारत और चीन के बीच दस दिन झड़पें होती रहीं थी , जिस में चीन को करारी हार का सामना करना पड़ा था , चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे जबकि भारत के सिर्फ़ 65  सैनिक शहीद हुए थे | मनमोहन सिंह के शाषणकाल में 2007 और 2013 में दो बार चीन ने घुसपैठ की कोशिश की |  अप्रैल 2013 में चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में करीब 19 किलोमीटर घुस आए थे , भारतीय सेना ने उन्‍हें खदेड़ा | सितम्बर 2014 में जब चीन के अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी के साथ मुलाक़ात कर रहे थे , तब चीन की पीपल्स आर्मी के एक हजार जवान लद्दाख के ही चुमार क्षेत्र में घुस आए थे | 2017 में डोकलाम में दो महीने तह भारतीय और चीनी सेना आमने सामने डटी ही रही थी |

ताज़ा घटना गलवान घाटी में फिंगर 4 तक घुस आने की है , 15 जून की झडप में भारत के मुकाबले की गुना जनहानि के बावजूद पीपल्स आर्मी फिंगर 5 पर डटी हुई है | रविवार 23 अगस्त को भारत –चीन में हुई तनाव कम करने वाली बैठक में भी कोई हल नहीं निकला है , चीन ने कहा है कि भारत जितना फिंगर 4 से पीछे जाएगा , चीन भी उतना ही फिंगर 4 से पीछे चला जाएगा | भारत फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करता रहा है , लेकिन अगर भारत चीन की बात मान लेता है तो भारत फिंगर 4 तक ही पेट्रोलिंग कर पाएगा , यानी छह किलोमीटर क्षेत्र पर चीन का कब्जा हो जाएगा |

भारत ने चीन से दो-टूक शब्दों में कह दिया है कि वह अप्रेल वाली पोजीशन पर फिंगर 8 पर जाए | ये सारी घटनाए बताती है कि चीन की नजर अरुणांचल के अलावा पूर्वी लद्दाख और पश्चिमी लद्दाख पर टिकी हुई है और वह एक-एक किलोमीटर जमीन हडपने की कोशिश कर रहा है | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आए दिन मोदी पर ताने मार रहे हैं कि चीन छह किलोमीटर तक अंदर घुस आया है | | अंदरुनी राजनीति के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव है कि वह कोरोना वायरस की महामारी से मुक्त होते ही 1962 की हार का बदला लेने और चीन को सबक सिखाने के लिए दो-दो हाथ करें ताकि भारत के महाशक्ति के रूप में स्थापित होने का रास्ता खुले  | पिछले छह सालों में भारत सैन्य तौर पर काफी मजबूत हो चुका है , बीएस उस का मुजाहिरा करना बाकी है |

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