राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों, न्यायपालिका गिरोह का भंडा फूटा 

Publsihed: 23.Feb.2017, 19:11

नरेंद्र मोदी राजनीतिकों और नौकरशाही का गठजोड़ तोड़ने में लगे हैं | इसलिए बड़ी तादाद में आईएएस अफसरों पर छापे पड़े हैं | सीबीआई-आईडी सब पर छापे पड रहे | नोटबंदी का निशाना भी राजनीतिक और नौकरशाह थे | न्यायपालिका का भ्रष्टाचार भी सत्ता के गलियारों में चर्चित रहा | पर खुल कर कोइ बात नहीं करता | मोदी ने न्यायपालिका पर भाई-भतीजावाद का कब्जा तोड़ने की कोशिश की | पर न्यायपालिका ने उसे नाकाम बना दिया | पहले तो कांग्रेस ने मोदी का साथ दिया | पर बाद में न्यायपालिका के साथ हो गयी | नोटबंदी वाले मामले में भी कांग्रेस ने यही किया | पर अब न्यायपालिका और कांग्रेस एक साथ फंस गए हैं | खार खाए बैठे मोदी अब नहीं बख्शने वाले | न्यायपालिका और कांग्रेस को फंसाया है एक सुसाईड नोट ने | हाई-फाई सुसाईड नोट है यह | पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सुसाईड किया था | अपन को सुसाईड की वजह समझ नहीं आ रही थी | यह सुसाईड नोट कलिखो पुल का है ! पुल को कांग्रेस ने साजिश कर के सीएम पद से हटवाया था | वह अरुणांचल के सीएम थे | अब वह मरने के बाद कांग्रेस पर भारी पड़ने वाले हैं | सीएम पद से हटने के बाद कालीखो ने आत्महत्या कर ली थी | आत्महत्या को हुए भी छह महीने बीत गए | छह महीने बाद कालीखो का सुसाइड नोट सुप्रीमकोर्ट पहुंच गया है | उन की पत्नी सुसाईड नोट को सुप्रीम कोर्ट ले गई है ! न्यायपालिका जब कहीं खुद फंसती हो,तो बड़ी सफाई से निकल जाती थी | पर अब सुसाईड नोट ने न्यायपालिका को भी फंसा दिया | अब मजबूरी में सुप्रीम कोर्ट को सुसाइड की जांच के आदेश देने होंगे । सीबीआई जांच करेगी | कलिखो पुल ने 9 अगस्त 2016 को खुदकुशी की थी । सुसाइड नोट 60 पेज का है | नोट में उनने न्यायपालिका की भी धज्जियां उडाई हैं | न्यायपालिका और कार्यपालिका की मिलीभगत का खुलासा है | दोनों में मौजूद भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाला खुलासा । कलिखो पुल ने लिखा है कैसे कांग्रेस ने सरकार गिराने की साजिश रची | और सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सरकार बचाने के लिए कैसे रिश्वत की मांग की थी । जब उन्होने पैसे नहीं दिए । तो कैसे राज्यपाल के फैसले को निरस्त किया गया | किस तरह फैसला बदल राष्ट्रपति शासन लगाया गया | कालीखो ने लिखा है -" मेरे हक में फैसले के लिए जजों ने 86 करोड़ मांगे थे |" सुसाइड नोट के 12वें पेज में लिखा है-" सुप्रीम कोर्ट केस का पूरा खर्च नबाम तुकी और पेमा खांडू ने दिया । यह रकम करीब 90 करोड़ रुपए थी ।" पेमा खांडू अरुणाचल प्रदेश के मौजूदा सीएम हैं । पहले नबाम तुकी की सरकार को गिराकर कलिखो पुल सीएम बने थे | बीजेपी ने कालिखो की मदद की थी | वह लिखते हैं - सौदेबाजी नहीं हुई । तो सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को असंवैधानिक करार दे दिया । कलिखो पुल ने लिखा है-" मेरे हक में फैसला सुनाने के लिए मुझसे 86 करोड़ की रिश्वत मांगी गई । लेकिन मैंने भ्रष्टाचार का साथ नहीं दिया ।" उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत वीडियो टेप पर कहते सुने गए थे | उन ने कहा था-"मैं आँखें बंद कर लूंगा | वे अपने विभागों से जितना चाहे कमा लें |" अदालत की मदद से ही वह अभी भी सीएम हैं | कालिखो ने कहा है - मैंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए 86 करोड़ नहीं दिए | सुसाईड नोट में उन्होंने तमाम योजनाओं का जिक्र किया | किसने कितने रूपए कमाए । काम एक भी नहीं हुआ, लेकिन कागजी बिल दिखाकर सैकड़ों करोंड़ों बनाए गए । यही वह रास्ता है - न्यायपालिका,नौकरशाही और राजनीतिज्ञों के गठजोड़ का | जैसे चुनाव आयोग ने उत्तराखंड में उस सीडी के प्रचार पर रोक लगा दी थी | कालीखो का सुसाईड नोट कांग्रेस की इस परम्परा का खुलासा करता है | कहते हैं मरता हुआ कोई बन्दा झूठ नहीं बोलता | सोलहवें पेज में कालिखो कहते हैं-"लुटेरों और भ्रष्टाचारियों को प्राथमिकता कांग्रेस की नीति है | कांग्रेस के सारे नेता लूट मचाते हैं और आला कमान को पैसे पहुंचाते हैं ।" पेमा खांडू को लेकर कालिखो ने लिखा है-" उन्होंने मुझसे 100 करोड़ की मांग की तो मैंने राज्य की हालत के बारे में बताया । जब मैंने पैसे देने से मना कर दिया तो वे नाराज हो गए और मेरे खिलाफ चाल चल दी ।" जजों की पोल खोलते हुए कालिखो लिखते हैं-" नबाम तुकी के खिलाफ गुवाहटी हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए । सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एचएल दत्तू ने 28 करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर मामले में स्टे लगा दिया । पीडीएस स्कैम में जस्टिस अल्तमास कबीर ने फैसला ठेकदारों के हित में सुनाया था । जबकि केंद्र सरकार और ऍफ़सीआई ने इस फैसले को गलत ठहराया । अल्तमास कबीर ने हक में फैसला सुनाने के लिए 36 करोड़ की रिश्वत ली ।" कलिखो पुल आगे लिखते हैं-" मैंने 23 साल की राजनीति में पांच मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया । लेकिन नबाम तुकी जैसा भ्रष्ट राजनेता मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा । जिसे सब जानते तो हैं, पर बोलता कोइ नहीं |यह बोल कर कालिखो इस संसार से विदा हुए हैं | वह लिख गए हैं-" कपिल सिब्बल की कोर्ट में लॉबी बनी हुई है । सब जज कपिल सिब्बल के इशारे पर फैसले देते हैं । हर फैसले के लिए डील होती है । कपिल सिब्बल ने पेमा खांडू के लिए सोनिया गांधी के कहने पर केस लड़ा | बदले में राज्यसभा सांसद बना दिए गए ।" सुसाईड नोट राजनीति के भ्रष्टाचार पर कडा प्रहार है | इस में प्रणव मुखर्जी के वित्तमंत्री काल का खुलासा भी है | कमलनाथ और नारायण सामी के किस्से भी हैं | राजनीतिज्ञों-नौकरशाहों और न्यायपालिका के गिरोह का भंडा फूटा है | देखते हैं सुप्रीमकोर्ट किस मुंह से पर्दा डालती है | मोदी के हाथ बड़ा सबूत लगा है | सीबीआई भी मोदी के हाथ में है | भ्रष्ट तंत्र तोड़ने का बढ़िया मौक़ा है | मोदी चूकेंगे नहीं ,यही उम्मींद है ।

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