कांग्रेसी ही नहीं उभरने दे रहे राहुल को

Publsihed: 25.Jun.2018, 20:28

अजय सेतिया / कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को उभरने नहीं दे रहे | राहुल गांधी को गंभीरता से लेने का जरा सा माहौल बनाता है कि सारा गुड गौबर कर देते हैं | पहले दिग्विजय सिंह ने हिंदुत्व के आतंकवाद की नई थ्योरी दे दी | अब गुलाम नबी आजाद ने कह दिया कि सेना आतंकियों से अधिक नागरिकों को मार रही है | कश्मीर को ले कर कांग्रेसी देश के भावनात्मक लगाव को नहीं समझ रहे | रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के शहीद फ़ौजी औरंगजेब के घर जाने को नौटंकी कहने की क्या जरुरत थी | पर गुलामनबी आज़ाद ने यह भी कह दिया | इसे भाजपा अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए क्यों नहीं भुनाएगी | राजनीति में कोई किसी को माफ़ थोड़ा ही करता है | इस लिए भाजपा ने गुलामनबी के सामने रवि शंकर प्रशाद को झोंक दिया | बयान भले ही किसी का हो भाजपा के प्रवक्ता जवाब आजकल राहुल गांधी से ही मांगते हैं | मीडिया का एक वर्ग भी उन्हीं के पीछे हाथ धो कर पडा है \ सो घिरते बेचारे राहुल गांधी ही हैं | नरेंद्र मोदी की रणनीति चुनाव तक कश्मीर मुद्दे को गर्म रखने की है | राज्यपाल शासन इसी रणनीति में लगा है | कश्मीर को लेकर देश की भावनाएं भडकी हुई हैं | पत्थरबाज़ इस में मदद कर रहे हैं | उन का हर पत्थर टीवी चेनलों के माध्यम से हर भारतीय को लग रहा है | पत्थरबाज़ों को रिहा करने से देश में मोदी के खिलाफ माहौल बना हुआ था | कश्मीर को लेकर मोदी की साख गिर रही थी | अब राज्यपाल शासन में मोदी को उसे धोना है | इस लिए ब्लैक केट कमांडो भेज कर माहौल बना रहे हैं | पहले ही दिन आईएसआईएस के आतंकी ठिकाने लगाए | देश उत्साहित है कि मोदी अब सही दिशा में चले हैं | ऐसे में कांग्रेस के नेता कश्मीर पर जितनी गलती करेंगे , मोदी को उतना ही फायदा पहुचाएंगे | सैफुद्दीन सोज को भी यही समय मिलना था कि उन ने कश्मीर की आज़ादी का राग अलाप दिया | फिल्म वाले अपनी फिल्म रीलिज होने से पहले विवाद खड़े करते हैं | ब्यूरोक्रेट अपनी किताब से पहले विवाद खडा करते रहे हैं | अब कांग्रेसी नेता सैफूद्दीन सोज ने भी वही तरीका अपनाया है | सोज को भी यही मौक़ा मिला था | वह अपनी किताब लिख रहे हैं-Kashmir: Glimpses of History and the Story of Struggle | किताब की पब्लिसीटी के नजरिए से वह भी इसी मौके पर कूद पड़े हैं | परवेज मुशर्रफ को आधार बना कर कश्मीर की आज़ादी का राग अलाप दिया | मुशर्रफ का बयान एक दशक पुराना था | जिस में उन ने कहा था कि अगर कश्मीरियों को मौक़ा मिले तो वो किसी के साथ नहीं जाएंगे | किसी के साथ जाने के बजाए आज़ाद होना चाहेंगे | उसे आज दुहराने की क्या जरूरत थी | पर सैफुद्दीन सोज़ ने मुशर्रफ के बयान के साथ खुद को जोड़ लिया | उन ने कहा कि वह मुशर्रफ के बयान का समर्थन करते हैं | एक तरह से उन ने कश्मीर की आज़ादी का समर्थन कर दिया | खुद को अलगाववादियों की जमात में खड़ा कर लिया | पर कांग्रेस को कटघरे में खडा कर दिया | कांग्रेस नहीं, अलबत्ता कटघरे में तो राहुल खड़े होते हैं | अब जबकि मोदी हुर्रियत के खिलाफ मोर्चा खोल कर अपने खफा काडर को खुश करने में लगे हैं | सोज़ ने कांग्रेस को हुर्रियत से जोड़ दिया | कहा कि हुर्रियत नेताओं से खुले तौर पर बात करनी चाहिए | कांग्रेस को पता था कि भाजपा तो कटघरे में खड़ा करेगा ही , मीडिया भी नहीं छोड़ेगा | इस लिए सुरजेवाला से तुरंत बयान दिला कर सोज़ से पीछा छुडाया | सुरजेवाला ने भी ठीक पकड़ा कि यह किताब बेचने का सस्ता हथकंडा है | पर लगता है सोज ने कांग्रेस छोड़ने का मन बना लिया है | उन ने कश्मीर की गलती के लिए नेहरु को भी कटघरे में खडा किया है | कहीं नेशनल कांफ्रेंस में वापस लौटने की तैयारी तो नहीं |

 

 

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