जनता शासन का यह लालू चेहरा 

Publsihed: 21.Jun.2017, 06:49

लालू यादव का राजनीति में प्रवेश 1977 में हुआ | तब लालू यादव की आर्थिक हैसियत इनकम टेक्स देने की भी नहीं थी | आज लालू यादव की हैसियट सैंकड़ों करोड़  की है |  1977 में जनता पार्टी का उदय हुआ था | जनता युग तीन साल का ही रहा | फिर 1989 में वीपी सिंह के जमाने में जनता दल के नाम से जनता युग-पार्ट 2 शुरू हुआ | राष्ट्रीय स्तर पर तो जनता युग फिर दो साल ही चला | पर कम से कम चार  राज्यों में जनता युग एक दशक तक रहा | पहले कर्नाटक में और अब यूपी में भी जनता युग खत्म हो गया | अब बिहार और उड़ीसा में ही बचा है | उड़ीसा में भी अंतिम साँसे गिन रहा है | बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव की जोड़ी जनता युग बनाए हुए है | वैसे लालू और नीतीश का चरित्र परस्पर विरोधी है | जहां नीतीश कुमार की 40 साल की राजनीति के बाद भी स्वच्छ छवि बनी हुई है | वहीं लालू यादव घपलों-घोटालों में आकंठ डूबे हैं | वह 1990 में बिहार के सीएम् बने थे | उन से पहले जगन्नाथ मिश्र सिर्फ तीन महीने के लीर कांग्रेस के आख़िरी मुख्यमंत्री थे | उन्हीं के जमाने में चारा घोटाला शुरू हुआ था | जो लालू राज में भी बाकायदा जारी रहा | लालू 1990 से 1995 तक पांच साल सीएम् रह कर दुबारा जीते थे | फिर 1996 में केंद्र में भी जनता युग पार्ट-3 लौट आया | अपन को 1997 का वह जून महीना याद है | दिल्ली में राजनीतिक इफ्तार पार्टियां चल रहीं थी | एच.डी.देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे | लालू चार्जशीट हुए थे , तो वह देवगौड़ा पर बेहद खफा थे | पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने का हुक्म सुना दिया था | पर लालू इस्ताफा देने को तैयार नहीं हुए थे | विधायकों पर लालू यादव का जादू था | तब पार्टी को मजबूर हो कर लालू की शर्त माननी पडी और राबडी मुख्यमंत्री बनी | पर लालू ने अलग हो कर राजद बना ली थी | 1999 में वक्त से पहले विधान सभा चुनाव हुए तो लालू की राजद को बहुमत नहीं मिला | केंद्र में वाजपेयी की सरकार बन चुकी थी | लालू ने तब कांग्रेस की मदद से राबडी को दुबारा सीएम् बनवाया था | लालू तब से कांग्रेस की शरण में हैं | लालू-राबडी के दस साल के राज में बिहार कुशासन का शिकार हुआ था | डकैतिया-फिरौतिया रोजमर्रा की बात हो गई थी | बिहार देश का सब से पिछड़ा राज्य लालू राबडी काल में ही बना | चारा घोटाला तो वह एक घोटाला था , जो देश भर में चर्चित हुआ | बिहार में चर्चित उसी दर्जे के दर्जन भर घोटालों और भी हैं | चारा घोटाले में तो लालू सजा याफ्ता हैं | इसी लिए न सांसद हैं, न विधायक | पर इसी बहाने दोनों बेटे विधायक और मंत्री हो गए | बेटी सांसद हो गई | बिहार की जनता भी कमाल है | उसे माफिया, घुतालेबाज ही पसंद आते हैं |  | चार्ज शीटेड होने के बावजूद मनमोहन सिंह सरकार के रेल मंत्री रहे |  अब जो घोटाले खुल रहे हैं | उन में से ज्यादातर यूपीए सरकार में मंत्री वाले वक्त के हैं | बीजेपी सुशील मोदी घोटालों को परत डर परत खोल रहे हैं | अब तो लालू राबड़ का सारा परिवार करोड़ों की बेनामी संपत्ति में फंस चुका है | इनकम टेक्स विभाग से बेनामी सम्पतियों के नोटिस  शुरू हो चुके हैं  | अब तो बेनामी सम्पतियों की कुर्की भी जारी हो चुकी | जब से कुर्की शुरू हुई है, तब से लालू यादव आपा खो चुके हैं | आए दिन मीडिया से झड़पें हो रही हैं | 14 जून की बात है |  सोनिया गांधी के बुलावे पर देश का राष्ट्रपति तय करने दिल्ली आए थे | तो मीडिया के एक चेनल को मोदी की सुपारी लिया हुआ बता दिया | दिल्ली की 50 करोड़ की बेनामी संपत्ति दो दिन पहले सील हो चुकी | इसी बाच लालू की पांचवीं बेटी हेमा यादव को मिली 62 लाख की सम्पत्ति का मामला गर्माया है | जिस ललन चौधरी ने हेमा को भूखंड तोहफे में दिएवह लालू के मवेशियों की देखभाल करता था  | उसका नाम बीपीएल सूची में शामिल है | अब कोई इतना गरीब सीएम् रहे लालू की बेटी को गिफ्ट कैसे देगा, और क्यों देगा | उसी ललन ने राबडी को भी जमीन दान दी | इनकम टेक्स विभाग  लालू परिवार के छह सदस्यों पर बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर चुका है | इनकम टेक्स विभाग ने लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेष, बेटी रागिनी और बेटी चंदा की प्रॉपर्टी जब्ती का नोटिस जारी किया है | जब्त संपत्ति में दिल्ली के जमीन, प्लॉट और भवन तथा पटना की 9.32 करोड़ की कीमत वाली जमीन शामिल है. | बाजार रेट के अनुसार आयकर अधिकारी इसकी कीमत 170-180 करोड़ बता रहे हैं | बताते जाएं बेनामी सम्पत्ति की कुर्की  का नया क़ानून  पिछले साल 1 नवंबर से लागू हुआ है | 

 

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