अजय सेतिया / दिग्विजय सिंह के गुरु अर्जुन सिंह की पत्नी बेहद मुश्किल में है | उन के बेटे राहुल सिंह ने उन्हें बेदखल कर दिया है | अर्जुन सिंह ने चुरहट लाटरी की काली कमाई से केरवा कोठी बनवाई थी | उस जमाने में किसी राजनीतिज्ञ की वह सब से बड़ी कोठी थी | जिस की राजनीतिक हलकों में चर्चा हुआ करती थी | सुनते हैं कि उस कोठी के बाथरूम में लगी पानी की टूटियां चांदी की बनी हुई हैं | पर अब राहुल सिंह बनाम अजय सिंह उसी कोठी में अपनी मां को घुसने नहीं दे रहे | अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी ने मंगलवार को अदालत का दरवाजा खटखटा दिया है | सरोज कुमारी ने बताया है कि दिग्विजय सिंह को बीच बचाव के लिए कहा था | कमलनाथ को भी बीच बचाव के लिए कहा था | पर दोनों को अपनी राजनीति से फुर्सत नहीं | अपना एक समय अर्जुन सिंह के यहाँ आना जाना रहा है | अपन जानते हैं कि अर्जुन सिंह भी मुस्लिम परस्ती की राजनीति करते थे | पर वह खुद पक्के हिन्दू थे | हर साल अपने जन्मदिन पर रामकथा करवाते थे | इन रामकथाओं में अपना जाना भी रहा | स्वामी अवधेशानंद गिरी कथा किया करते थे | सरोज कुमारी ने अवधेशानंद गिरी से भी गुहार लगाई | पर वह भी कुछ नहीं कर पाए |
कांग्रेस कहती है कि जुलाई में शिवराजसिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी है | अर्जुन सिंह के बेटे राहुल सिंह विपक्ष के नेता हैं | इस लिए राजनीतिक साजिश के तहत मां ने बेटे के खिलाफ मुकद्दमा ठोका है | कहने का लब्बोलुबाब यह कि अर्जुन सिंह की पत्नी हिंदूवादी ताकतों से मिल गई है | मध्यप्रदेश में हिंदूवादी ताकत मतलब संघ-भाजपा | इस लिए दिग्विजय सिंह अपने राजनीतिक गुरु की पत्नी की मदद नहीं कर रहे | कमलनाथ के गुरु भी अर्जुन सिंह ही थे | कमल नाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं | सरोज कुमारी ने कमल नाथ से भी गुहार लगा कर देख ली | लगता है कांग्रेस को अपने विधायक दल के नेता के बचाव में अब परिवार समन्वय समिति बनानी पड़ेगी | जिस का अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को बनाया जाए | ताकि अशोक गहलोत के ताकतवर होने के बाद अलग थलग पड़े दिग्विजय सिंह को कोई काम तो मिले | पर गुरु पत्नी की मदद करने के बजाए दिग्विजय सिंह ने संघ पर निशाना साधा है |
अपन अर्जुन सिंह के घरेलू झगड़े से निकल कर दिग्विजय सिंह की संघ आलोचना पर आते हैं | कई महीनों की मां नर्मदा पदयात्रा के बाद अपन को लगता था दिग्विजय सिंह बदल जाएंगे | हिंदुत्व के प्रति उन के रूख में बदलाव होगा | नर्मदा यात्रा का धार्मिक महत्व था | हिन्दू नर्मदा को मां नर्मदा कर के पुकारते हैं | पर दिग्विजय सिंह ने फिर से हिन्दू और संघ की आलोचना का झंडा उठा लिया है | उन ने बीड़ा उठा लिया है कि कांग्रेस को मुस्लिमपरस्ती से उभरने नहीं देंगे | अशोक गहलोत बड़ी मुश्किल से राहुल गांधी को मंदिरों में ले गए थे | सुरजेवाला ने राहुल गांधी को जनेऊ पहना दिया था | पर लगता है आरएसएस और गांधी के मामले में दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को फिर गुमराह कर दिया | इस लिए दिग्विजय के कहने पर राहुल गांधी संघ और हिंदुत्व को अलग अलग कर के दिखाने की कोशिश में जुटे हैं | राहुल गांधी ने इसी लिए महाराष्ट्र की कोर्ट में संघ पर लगाए गांधी हत्या के आरोप पर माफी नहीं माँगी | अब दिग्विजय सिंह के ताज़ा बयान ने अंदर की कहानी खोल कर रख दी है | अपने के ताज़ा बयान में उन ने हिन्दू आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ी है | उन ने कहा कि हिन्दू आतंकवाद कुछ नहीं है | संघ ही आतंकवादी है |
गुजरात में मंदिर मंदिर जाने वाले राहुल गांधी ने जब गांधी हत्या पर संघ के खिलाफ स्टेंड लिया | तो अपन राहुल को लेकर कन्फ्यूज हो गए थे | राहुल कांग्रेस को मुस्लिम परस्ती के आरोप से निकालना भी चाहते हैं या नहीं | पर बुधवार को दिग्विजय सिंह के संघ को आतंकवादी संगठन कहने पर अपनी आशंका दूर हुई | साफ़ हो गया कि यह सब दिग्विजय सिंह का करा धरा है | दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को मुस्लिम परस्ती की फिर पट्टी पढ़ा दी है | लगता है राहुल गांधी को समझाया गया कि गुजरात का प्रयोग कर्नाटक में फेल हो गया है | इस लिए इस प्रयोग को आगे न बढाया जाए | हालांकि राहुल का मंदिरों में जाना भी जारी रहे | पर मुसलमानों को यह सन्देश न जाए कि राहुल हिंदुत्व की राजनीति कर रहे हैं | उन्हें समझाया गया कि हिन्दू वोट भाजपा से खिसक कर कांग्रेस की झोली में नहीं आएँगे | इस लिए मिक्स सन्देश दिया जाए | हिंदुत्व के करीब आने की कोशिश तो जरुर दिखे | ताकि तटस्थ हिन्दू कांग्रेस की और आकर्षित हों | पर मुसलमानों को ऐसा न लगे, इस लिए संघ के खिलाफ बोला जाए | इस फार्मूले के तहत गांधी की हत्या वाले मामले पर राहुल का स्टेंड दिलाया गया | अब राहुल गांधी जमानत पर हैं |
हालांकि उन की मां सोनिया गांधी से पहले सीता राम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष थे | तब सीता राम केसरी ने भी संघ पर गांधी हत्या का आरोप लगाया था | वह भी कांग्रेस दफ्तर में बैठ कर केस जीतने की डींगें हांकते थे | पर एक दिन पता चला कि केसरी ने अदालत में जा कर संघ से माफी मांग ली | उन दिनों टीवी चेनलों का ज़माना नहीं था कि फौरन छीछा लेदर हो जाए | पर अगले दिन के अखबारों में तो होनी ही थी | सो भरी दोपहर में सीता राम केसरी ने प्रेसकांफ्रेंस बुला कर माफी मांगने के कारण बताए थे | दिग्विजय सिंह तो राहुल गांधी को सीता राम केसरी वाला किसा याद नहीं करवाएंगे | पर अशोक गहलोत तो याद करवा सकते थे |
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