पाक में मदरसे रजिस्टर्ड होते हैं ,तो भारत में क्यों नहीं हों  

Publsihed: 18.Aug.2017, 21:07

जो बात आज़ादी के तुरंत बाद शुरू होनी चाहिए थी | वह अब शुरू हो रही हैं | बात सिर्फ मदरसों को रजिस्टर्ड करने की नहीं है | जिस का आदेश उत्तरप्रदेश की भाजपा-योगी सरकार ने दिया है | इस से होना जाना कुछ नहीं | सिर्फ रेगुलेट करने की बात है | पर योगी सरकार के इस आदेश से हिन्दू खुश हैं | उन्हें लगता है कि बेकाबू मुसलमानों को काबू करने वाला कोई आ गया है | मुस्लिम नेता, मौलवी-मुफ्ती इस का स्वागत करते | तो हिन्दुओं का खुश होना भी फुस्स हो जाता | हिन्दुओं को एक-जुट होने का मौक़ा मुसलमान खुद दे रहे हैं | अब मदरसों के रजिस्टर्ड करने का विरोध करने की क्या जरुरत थी | पर अपन ने टीवी चेनलों की बहस में मुसलमानों की ओर से विरोध होता देखा | विरोध कर के भाजपा का हिन्दू वोट बैंक खुद मजबूत कर रहे हैं | मुसलमान खुद ध्रुविकरण कर रहे हैं | विरोध का कोई तर्क भी नहीं | अब इतना सा तर्क कि सभी धर्मों को अपनी शिक्षण संस्थाएं खोलने का संवैधानिक हक है | भाजपा संविधान के खिलाफ जा कर मुसलमानों को दबाना चाहती है | अब यह तर्क तो अदालत में भी नहीं चलने वाला | भाई संस्था खोलने से किस ने रोका है | सिर्फ संस्था को रजिस्टर्ड करने के आदेश हुए हैं | भाई आप कोई संस्था किसी क़ानून कायदे से चलाएंगे या जंगल राज चलेगा | मुसलमानों की ओर से विरोध तो अपनी जगह | वामपंथी और सेक्यूलर दल भी विरोध पर उतर आए | अपन को इन राजनीतिज्ञों की सोच पर हैरानी होती है | अगर अपनी बुद्धी न हो, तो पाकिस्तान में क्या हो रहा है, वही पता कर लिया करें | पाकिस्तान में मदरसे रजिस्टर्ड होते हैं या नहीं | अपन ने इसी लिए शुरू में लिखा कि ये  बात आज़ादी के बाद तुरंत होनी चाहिए थी | अपन ने पाकिस्तान के मदरसों के रजिस्टर्ड होने या न होने की बाबत खंगाला | पाकिस्तान के वकील मुजतबा राठौड़ ने एक किताब लिखी है | जिस का नाम है- " वफाकुल मदरिस अल- अरबिया |" यह किताब पढी तो मजेदार खुलासा हुआ | वहीं से अपन को पता चला कि आज़ादी से पहले मदरसे रजिस्टर्ड हुआ करते थे | हालांकि रजिस्टर्ड करवाना लाजिमी नहीं था | बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में 300 मदरसे रजिस्टर्ड थे | 1988 में दस हजार मदरसे रजिस्टर थे | और 2015 तक कोई 26 हजार के आस पास मदरसे रजिस्टर थे | जब कि पाकिस्तान में चल रहे थे कई गुना | अमेरिकी रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान ने नेशनल एक्शन प्लान तैयार किया | इस एक्शन प्लान में मदरसों को रजिस्टर्ड करना लाजिमी बना दिया गया | मूल मकसद यह था कि आतंकवाद को बढ़ावा  देने वाले मदरसों की पहचान हो सके | पाकिस्तान के सभी प्रान्तों की पुलिस से रिपोर्ट मगवाई गई | तो विस्फोटक जानकारियाँ मिलीं | जैसे पता चला कि सिंध प्रांत में 48 मदरसे बैन किए हुए आतंकी संगठन चला रहे थे | इन ले अलावा 167 मदरसे और सील किए गए | बाकी बचे 9590 मदरसों में से भी 3087 मदरसे रजिस्टर्ड नहीं थे | बाकी 6503 मदरसे ही रजिस्टर्ड थे | इसी तरह पंजाब में 7303 मदरसे रजिस्टर्ड और 6479 बिना रजिस्टर्ड पाए गए | इन के अलावा 147 मदरसों को विदेशी संस्थाएं बिना इजाजत के चला रहीं थी | खैबर पुख्तनुवा में 145 मदरसे अति संवेदनशील पाए गए | बलूचिस्तान में 266 मदरसे रजिस्टर्ड नहीं थे | पाकिस्तान में मदरसे सरकार भी रजिस्टर्ड करती है | इस के अलावा पांच वक्फ बोर्ड भी हैं, जिन के साथ मदरसे रजिस्टर्ड होते हैं | पर जांच में पाया गया कि अनेक मदरसे कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं थे | जांच में आतंकवादियों के मदरसों की पहचान में मदद मिली | अब पाकिस्तान में मदरसे रजिस्टर्ड करना जरूरी है | जो बात पाकिस्तान अपन से पहले कर चुका | अपनी योगी सरकार ने यही बात उत्तरप्रदेश में शुरू की ,तो धार्मिक आज़ादी पर हमला बताना शुरू हो गया | यूपी ही क्यों, सारे देश के मदरसे रजिस्टर्ड होने चाहिए | संसद को बाकायदा क़ानून बना कर सारे देश पर थोपना चाहिए | फिर कोई बुरा कहे या भला | पहले स्कूल को रजिस्टर्ड करवाना भी जरुरी नहीं हुआ करता था | राईट टू एजूकेशन में जरुरी बनाया गया | अलबता अब खोलने से पहले मंजूरी लेना भी जरुरी है | देश भर के बालगृह भी रजिस्टर्ड नहीं थे | 2000 में जेजे एक्ट बना कर बाल गृहों को रजिस्टर्ड करना जरुरी किया गया | सुप्रीमकोर्ट ने सभी अन-रजिस्टर्ड बाल गृहों  को बंद करने का आदेश दिया है | ओल्डएज होम्स भी रजिस्टर्ड करवाना लाजिमी किया गया है | तो आतंकवाद की फेक्ट्रियां बन रहे मदरसे रजिस्टर्ड क्यों न हों | अलबता मोदी सरकार योगी से सबक ले |

 

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