लालू यादव और प्याज के छिल्के

Publsihed: 18.May.2017, 09:01

लालू यादव को अब तक तीन बड़े झटके लग चुके हैं | इन में से दो बड़े झटके तो हाल ही में लगे | पहला झटका तो लालू यादव को चारा घोटाले में सजा होने का था | जिस कारण उन्हें जेल हो गयी और वह चुनाव लड़ने से वंचित हो गए | लालू जब पहली बार जेल गए थे | तब उन ने अपनी पत्नी राबडी को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया था | इस बार उन ने अपने पूरे परिवार को चुनाव में उतार दिया | पहले बेटी मीसा भारती को लोकसभा चुनाव लडवा कर जिताया | फिर विधानसभा चुनावों में दोनों बेटों को उतार कर सत्ता में भागीदार बनवा दिया | अपन कुनबे की बात शुरू करें, उस से पहले दो और झटकों की बात | सुप्रीमकोर्ट ने झटका दिया कि चारा घोटाले के आठ केस अभी और चलेंगे | अभी तो एक में सजा हुई है | तीसरा झटका मंगलवार को इनकम टेक्स विभाग ने छापे मार कर दिया | छापों का ताल्लुक लालू की अरबो रुपए की सम्पति से है | जो ज्यादातर तब बनी, जब लालू रेल मंत्री थे | तभी लालू के बच्चों के नाम  दिल्ली में खूब जायदाद बनी | नाम पर भी, बेनामी भी | मंगलवार को जो छापे पड़े ,उनमें एक छापा विवेक नागपाल के यहाँ पडा | इस सज्जन की एक कम्पनी थी केएचके  होल्डिंग | विवेक नागपाल ने 2014 में इस कम्पनी के 10000 शेयर एक लाख में बेच दिए | सारे शेयर लालू की बेटी मीसा और दामाद शैलेश ने खरीदे | मीसा और शैलेश ने दिल्ली में इस कम्पनी के नाम 3 एकड़ का फ़ार्म हाउस खरीदा | दिल्ली में तीन एकड़ का फ़ार्म हॉउस कितने सौ करोड़ का होगा | कुछ और फर्जी कम्पनिया हैं | जो तब बनीं थी, जब लालू रेल मंत्री थे | राजनीतिक गलियारों की चर्चाओं को सच मानें | तो भाई बहनों में सब से ज्यादा सम्पति मीसा की है |  मीसा की बात चली,तो बताते जाएं वह तब पैदा हुई थी, जब लालू मीसा में बंद थे | लालू ने आपातकाल के खिलाफ जंग से राजनीति की शुरुआत की थी | आपातकाल के खिलाफ जंग बड़े मकसद के लिए थी | पर लालू को राजनीति ने कखपति से अरबपति बना दिया | तो उन ने  अपने कुनबे को राजनीति में उतार दिया | तुजुर्बा हो गया था कि राजनीति से ज्यादा पैसा कहीं नहीं | राजनीति के जारी सत्ता तक पहुँचो | फिर आईएएस अफसरों, आईपीएस अफसरों, इंजीनियरों के माध्यम से सरकारी धन लूटो | और अफसरों के इस कुनबे को भी लुटवाओ | आप को कुर्सी मिली नहीं कि ये अफसरों का कुनबा खुद सारा जुगाड़ करता है | खुद आप के पास ठेकेदारों, बिल्डरों, उध्द्योगापतियों  को ला खडा करेगा | हिस्सेदारी तय कर के बता देगा | आप को एक करोड़ दिलाएगा, तो खुद चार करोड़ खाएगा | जनता के हक़ की लड़ाई लड़ने आए लालू जैसे न जाने कितने मालामाल हुए | रानजीति में यह गंदगी आपातकाल के बाद आई | आ[पातकाल तक आदर्शों और सिध्दांतों की राजनीति थी | इसी लिए आपातकाल में जब राबडी को बेटी हुई, तो लालू ने जेल से नाम मीसा भिजवाया था | आपातकाल की बेटी मीसा अब इनकम टेक्स विभाग को सैनिक फ़ार्म हॉउस का क्या जवाब देंगी |  लालू जब सीएम थे, तो चारा घोटाला हुआ | लालू जब यूपीए राज में  रेलमंत्री थे ,तब के किस्से अब खुल रहे हैं | किसी ने सोशल मीडिया पर लिखा-"लालू तो प्याज हैं, खोलते जाईए खत्म नहीं होंगे |" अपन मंगलवार को एक टीवी चैनेल पर बहस में बैठे थे | अपने साथ बैठे एक पत्रकार ने दावा किया कि इस से बिहार की राजनीति पर कोई असर नहीं होगा | नीतीश कुमार अभी लालू का हाथ नहीं छोड़ेंगे | शायद वह सही थे , सत्ता बड़ी चीज होती है | लालू के यहाँ जब छपे पड़े, तो उन्हें लगा नीतीश छोड़ गए | उनने अपने ट्विटर पर लिखवाया-"एनडीए को नया साथी मुबारक |"  पर घंटे भर बाद सफाई दी कि उनका मतलब नीतीश से नहीं था | बुधवार को बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्विट किया-"नीतीश को लालू पसंद है |" केन्द्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा-"नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बने हुए हैं | नीतीश की बात तो छोडिए | नेता के अनुआई भी नेताओं की तरह ढीठ हो जाते हैं | बुधवार को पटना में  लालू समर्थकों ने हुड्द्दंग मचाया ,सो मचाया | सोशल मीडिया पर भी लालू का गुणगान जारी है | देश के एक बड़े अखबार ने भी लिख दिया कि लालू और मजबूत हो कर निकलेंगे | धन्य है भारत का मीडिया | धन्य हैं भारत के नेता भक्त लोग | और धन्य है अपना लोकतंत्र | 

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