पत्थरबाजों की धुनाई और पाक विरोधी नारे भी

Publsihed: 17.Apr.2017, 23:47

राज्यसभा के कांग्रेसी सासंद पी.चिदम्बरम ने भारत का मनोबल गिराना शुरू कर दिया है | पहले उन ने बयान दे कर कहा था-" कश्मीर लगभग हाथ से निकल चुका है |" अब उन ने एक अखबार में लेख लिख कर यही बात कह दी | आतंकवादियों का एक बड़ा समर्थक लोकसभा में भी पहुँच गया | लोकसभा में फारूख अब्दुला आतंकवादियों का झंडा उठाएंगे  | तब तक तो जरूर , जब तक कश्मीर की सत्ता हाथ में न आए | चार फीसदी वोट लेकर लोकसभा में पहुंचे फारूख ने पहली मांग की-"पीडीपी-बीजेपी सरकार बर्खास्त की जाए |" फारूख की प्रोब्लम यह है कि कश्मीर की सत्ता किसी और के हाथ में नहीं देख सकते |  आखिर नेहरू ने अब्दुल्ला परिवार को कश्मीर की सत्ता सौंपी थी | इस मुद्दे पर कांग्रेस भी फारूख के साथ खडी है | किसी को शर्म नहीं आ रही कि कश्मीर में लोकतंत्र फेल हो गया | कुल सात फीसदी वोट पड़े और चार फीसदी से फारूख लोकसभा में पहुंचे हैं | क्या यह अपनी चुनाव प्रणाली की कमजोरी नहीं | इस कमजोरी को कौन दूर करेगा | चुनाव प्रणाली की कमिया दूर करने में कांग्रेस की कभी दिलचस्पी नहीं रही | क्या वोटिंग जरूरी नहीं की जानी चाहिए | गुजरात में भाजपा सरकार ने स्थानीय चुनाव में वोटिंग कम्पलसरी की थी | कांग्रेस इस के खिलाफ कोर्ट में जा पहुँची | और सरकार का फैसला रद्द करवा कर रही | वाजपेयी चाहते थे लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ हों | ताकि पैसे और समय की बर्बादी रोकी जाए | पर कांग्रेस और बाकी दलों ने विरोध किया | अब मोदी भी वही चाहते हैं , पर कांग्रेस का विरोध जारी है | पता नहीं क्यों | हाँ कुछ बड़ी समस्याएं खडी होंगीं |  पर बहुत फायदे भी होंगे | जैसे लोकसभा और विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल फिक्स हो जाएगा | मध्यावधि चुनाव की संभावनाए खत्म हो जाएँगी | तोड़फोड़ भी हो, तब भी उसी विधानसभा से काम चलाना होगा | फिलहाल अपन ताज़ा समस्या पर विचार करें | जब नरेंद्र मोदी ई-वालेट , ई-कामर्स , प्लास्टिक मनी, ई-बैंकिग पर जोर देते हैं | जब आधार कार्ड  के साथ बैंक खाता जुड़ सकता है | जब आधार कार्ड के साथ पैन नंबर जुड़ सकता है | तो आधार कार्ड के साथ वोट क्यों नहीं जुड़ सकता | क्या आधार कार्ड पर आधारित ई-वोटिंग शुरू करने पर विचार नहीं किया जाना चाहिए | फिर आदमी घर में बैठा वोट दाल सकेगा | अपन भूले नहीं लोकसभा का चुनाव | जब जम्मू-कश्मीर में 50 फीसदी वोटिंग हुई थी | श्रीनगर सीट पर भी 26 फीसदी वोट पड़े थे | लोग इस बार पत्थार्बाजों से डर कर वोट डालने नहीं आए | पाकिस्तान ने सिर्फ आर्मी नहीं, वोटरों पर भी पत्थर बरसाने का ठेका दिया था | तभी तो फारूख अब्दुल्ला ने प्त्थार्बाजों का समर्थन किया | अपन को लगता है फारूख ने संसद में भी उन की पैरवी का भरोसा दिया है | इस का सबूत अपन को संसद के मानसून सत्र में मिल जाएगा | जब फारूख अब्दुल्ला खुल कर पत्थरबाजों  का समर्थन करेंगे | अपन को डर है कि कहीं लोकसभा जेएनयूं न बन जाए | आखिर राहुल गांधी खुद जेएनयूं में " भारत तेरे टुकडे होंगे " नारे का समर्थन करने गए थे | चार फीसदी वोटरों का समर्थन पा कर फारूख संसद को सर पर उठाएंगे | सोचो अगर ई-वोटिंग कर दी जाए | तो लोग अपने घरों से मोबाइल ,लेप्पी ,डेस्कटाप से वोट कर सकेंगे | बस अंगूठा लगाने वाली 200 रूपए की मशीन खरीदनी होगी | अंगूठे या उँगलियों का मिलान होगा और वोटिंग गेट खुल जाएगा | हाथों की उंगलियाँ जब आदमी का बेजोड़ ई-पहचान पत्र बन चुका है | नई वोटिंग मशीनों पर तीन हज़ार करोड़ रूपए के नए खर्चे की जरूरत ही क्या है ? ई-वोटिंग कम्पलसरी वोटिंग का पहला कदम हो सकता है | लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए  दूसरा कदम वोटिंग जरूरी किया जाना चाहिए | वोट नहीं करने वाले को जनसुविधाओं से वंचित किया जाना चाहिए | उन पर कुछ जुर्माना लगाया जाना चाहिए | अगर वोटिंग को कम्पलसरी नहीं करना | तो पहले कदम के तौर पर 25 फीसदी वोटिंग होने पर ही रिजल्ट की घोषणा का क़ानून बनाया जाए | ताकि 4 फीसदी वाले लोकसभा में पहुँच सके | आखिर 4 फीसदी वाला जनप्रतिनीधि कैसे हो सकता है | वह मुठ्ठी भर भारत विरोधी आतंकवादियों का प्रतिनिधी है | आप देखना वह उन्हीं की बात करेंगे | बाप-बेटे दोनों ने पत्थरबाजों की निंदा तो कभी नहीं की | पर जब सेना ने पत्थरबाजों से बचने के लिए एक कश्मीरी को बोनेट पर बाँध कर ढाल बनाया | तो लगे सेना की निंदा करने | मानवाधिकार याद आ गए | भले ही सेना ने जांच के आदेश दिए हैं | पर पिछले पत्थरबाजों से निपटने की सेना को खुली छूट मिल चुकी है | चार-पांच दिन से धुनाई के वीडियो की झाड़ी लग गई है | सेना उन की धुनाई के साथ साथ पाक विरोधी नारे भी लगवा रही है | फारूख जब तक संसद पहुँच कर उन की पैरवी करेंगे | तब तक पत्थरबाजों का ऊपर-नीचे सब सूज चुका होगा | सोमवार होम मिनिस्ट्री ने नए आदेश भी जारी कर दिए | पेलेटगन चलाने की छूट दे दी गई है | आदेश में कहा गया है -" कोशिश करो कि पत्थरबाजों को पेलेटगन से मत मारो, प्लास्टिक की गोलियों से मारो | " पर नए आदेश में पेलेटगन से सिर्फ परहेज को कहा है | पूरी तरह मना नहीं किया है | 

आपकी प्रतिक्रिया