गौरी लंकेश की हत्या पर वामपंथी चुप क्यों 

Publsihed: 18.Oct.2017, 00:34

अजय सेतिया / कम्यूनिस्ट एक्टिविस्ट ,जो पत्रकारिता में भी सक्रिय थी | अपन गौरी लंकेश की बात कर रहे हैं | जिस की हत्या पर वामपंथी पत्रकारों ने हिन्दुओं के खिलाफ सारे देश में बावेला खडा किया था | प्रेस क्लब को वामपंथियों का अड्डा बना दिया गया था | जिस पर राहुल गांधी ने संघ परिवार पर आरोप लगा दिया था | बेंगलूर के गृह मंत्री तक ने कहा था कि उन्हें पता है किस ने हत्या की | पांच सितम्बर को हत्या हुई थी |  अब सवा महीना बीत जाने के बाद भी कर्नाटक सरकार को कोई सुराग नहीं मिला | अब वह दावा नहीं कर रही कि उसे पता है किस ने मारा | और वो काली स्क्रीन वाला वामपंथी पत्रकार भी कोई सुराग नहीं निकाल पाया | जो उस दिन नरेंद्र मोदी को कटघरे में खडा कर रहा था | खुद को असुरक्षित बता कर कह रहा था - अब अगला नंबर मेरा है | पर सोशल मीडिया ने उस की ऐसी धुलाई की कि खुद को पीएम के बराबर समझने का नशा उतर गया | काली स्क्रीन वाला यह एंकर बाद में  सफाई देता घूम रहा था | उस के न्यूज चेनेल की वेब साईट ने उस की सफाई को मेन खबर बना कर चिपकाया था  | हत्या बेंगलूर में हुई थी | जहां कांग्रेस की सरकार है | पर काली स्क्रीन वाले एंकर ने स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला | जिस ने गौरी लंकेश पेट्रिक को कोई सुरक्षा नहीं दी थी | गौरी लंकेश पेट्रिक के मायोवादियों से बहुत नजदीकी सम्बन्ध थे | देश के टुकड़े करने की कसमें खाने वाले कन्हैया और खालिद उन के लाडले थे | वामपंथी टोले के साथ कन्हैया और शाहला रशीद भी प्रेस क्लब में मौजूद थीं | अलबत्ता शाहला ने एक न्यूज चेनेल को मोदी समर्थक कर भगाने की कोशिश की थी | मीडिया के अपने घर से मीडिया को भगाने की जुर्रत कोई नक्सली ही कर सकता  | बाद में प्रेस क्लब की सत्ताधारी टीम को खेद प्रकट करना पडा | पर अपन मतलब की बात पर आएं | गौरी लंकेश की हत्या की जांच में जुटी कर्नाटक  पुलिस को मिला कुछ नहीं | वह सीबीअई को केस देने को तैयार नहीं | पर मंगलवार को दावा बड़ी कामयाबी का किया | पर अपन को तो दावे पर हंसी आ गई | दावा है कि उस ने हेलमेट लगे एक हत्यारे की पहचान कर ली है | हेलमेट वाला फोटो भी जारी किया | जो बाईक पर सवार है |  एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज को अमेरिका की एक लैब से तैयार करवाया है | लैब ने फोटो को बड़ा किया | यानी भारत में सीसीटीवी की फोटो को देखने के उपकरण भी नहीं | या फिर इस बहाने कर्नाटक के पुलिस अफ्ग्स्रों ने विदेश यात्रा कर ली | पुलिस कहती है कि यह फुटेज गौरी  के घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे से हासिल हुआ था | पर उस में दिखता कुछ नहीं था | इस लिए उसे अमेरिका भेजना पडा त्झा | एसआईटी ने पिछले दिनों दो संदिग्धों के स्केच और सीसीटीवी फुटेज जारी किए थे |  21-सदस्यीय एसआईटी ने जो स्केच जारी किए थे | वे चश्मदीदों से मिली जानकारी तथा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तैयार किए गए | एसआईटी प्रमुख बीके सिंह ने मंगलवार को ऐसे बताया | जैसे कोई बड़ा तीर मारा हो | जैसे कोई बड़ा सुराग हाथ लगा हो | पहले पुलिस ने बताया था कि सिर्फ दो संदिग्ध हैं  | पर अब जब तीन स्कईच जारी हुए तो पुलिस खुद कटघरे में है | वह हवा में तीर मार रही है | प्पुलिस ने खुद को बचाने के लिए सफाई दी है -"  हमने तीन सकेच जारी किए हैं | जो दो चश्मदीदों की गवाही पर आधारित हैं | .. हमने एक संदिग्ध के दो स्केच जारी किए हैं  | क्योंकि दो पेशेवर चित्रकारों ने उन्हें बनाया है | " पुलिस सफाई दे रही है कि उस ने बहुत मेहनत की | पर पुलिस को कुछ हाथ नहीं लग रहा और वः सीबीआई को केस नहीं दे रही | वामपंथी भी अचानक चुप हो कर बैठ गए | कहीं कुछ तो गड़बड़ है | 

 

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